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केरल : कभी कबड्डी में लहराया था परचम, अब जीविकोपार्जन के लिए मछली पकड़ने को मजबूर - Kottayam kerala

केरल के कोट्टायम के रहने वाले कबड्डी खिलाड़ी केजे जोजी को नौकरी नहीं मिल पाने की वजह से जीविकोपार्जन के लिए मछली पकड़ने के लिए विवश होना पड़ रहा है.

Kabaddi players are now forced to fish for livelihood
कबड्डी खिलाड़ी अब जीविकोपार्जन के लिए मछली पकड़ने को मजबूर
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Published : May 23, 2022, 3:44 PM IST

Updated : May 23, 2022, 4:52 PM IST

कोट्टायम (केरल) : कबड्डी में कई बार राष्ट्रीय टूर्नामेंट में केरल का प्रतिनिधित्व कर चुके कबड्डी खिलाड़ी केजे जोजी (32) को जीवन यापन के लिए मछली पकड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा रहा है. जोजी का कहना है कि सरकार के द्वारा ध्यान नहीं दिए जाने की वजह से उनके सरकारी नौकरी पाने का सपना पूरा नहीं हुआ.

कभी कबड्डी में लहराया था परचम, अब जीविकोपार्जन के लिए मछली पकड़ने को मजबूर

यही वजह से है कि लगभग दो साल पहले उनके द्वारा कबड्डी खेलने बंद किए जाने के बाद उनके सामने एक बड़ी चुनौती खड़ी हो गई. क्योंकि उनके पास अपने परिवार का पेट पालने के लिए मछली पकड़ने के अलावा और कोई विकल्प नहीं था. कुमारकोल के रहने वाले जोजी ने कबड्डी खेल का प्रदर्शन के अलावा प्रचार-प्रसार भी किया. वे महज कक्षा 8वीं में पढ़ने के दौरान ही कबड्डी के जिला स्तरीय खिलाड़ी बन गए थे.

इसके बाद उन्होंने कोल्लम में भारतीय खेल प्राधिकरण में चयन परीक्षणों में भाग लिया और केरल की राज्य टीम के लिए चुने गए. जोजी के मुताबिक जब उन्होंने केरल की टीम से खेलना शुरू किया तो उन्हें देखकर क्षेत्र के कई युवाओं को प्रेरणा मिली, जिससे कई लड़कों ने क्षेत्र से कबड्डी में राज्य स्तर पर अपना प्रदर्शन किया. जोजी ने बताया कि प्रतिदिन शाम को मछली पकड़ने जाते हैं और पूरी रात वेम्बनाडु झील में मछली पकड़ते हैं. उन्होंने बताया कि अगले दिन सुबह करीब 8 या 9 बजे लौैटते हैं. फिर वह कुमारकोम बाजार जाकर मछली बेचते हैं. मछली बेचने से मिली रकम से वह अपने परिवार का जीविकोपार्जन करते हैं.

जोजी ने कहा कि उन्हें इस बात का मलाल है कि उन्होंने कबड्डी के लिए कई ट्रॉफियां और प्रमाण पत्र जीते हैं, लेकिन वह महज अलमारी की शोभा बनकर रह गए हैं. जोजी ने कहा कि कई राज्य कबड्डी खिलाड़ियों को बढ़ावा दे रहे हैं लेकिन केरल में कबड्डी को पर्याप्त मान्यता नहीं मिलने से वह निराश हैं.

ये भी पढ़ें - भारत के पूर्व कबड्डी खिलाड़ी उदय चौटा का निधन

कोट्टायम (केरल) : कबड्डी में कई बार राष्ट्रीय टूर्नामेंट में केरल का प्रतिनिधित्व कर चुके कबड्डी खिलाड़ी केजे जोजी (32) को जीवन यापन के लिए मछली पकड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा रहा है. जोजी का कहना है कि सरकार के द्वारा ध्यान नहीं दिए जाने की वजह से उनके सरकारी नौकरी पाने का सपना पूरा नहीं हुआ.

कभी कबड्डी में लहराया था परचम, अब जीविकोपार्जन के लिए मछली पकड़ने को मजबूर

यही वजह से है कि लगभग दो साल पहले उनके द्वारा कबड्डी खेलने बंद किए जाने के बाद उनके सामने एक बड़ी चुनौती खड़ी हो गई. क्योंकि उनके पास अपने परिवार का पेट पालने के लिए मछली पकड़ने के अलावा और कोई विकल्प नहीं था. कुमारकोल के रहने वाले जोजी ने कबड्डी खेल का प्रदर्शन के अलावा प्रचार-प्रसार भी किया. वे महज कक्षा 8वीं में पढ़ने के दौरान ही कबड्डी के जिला स्तरीय खिलाड़ी बन गए थे.

इसके बाद उन्होंने कोल्लम में भारतीय खेल प्राधिकरण में चयन परीक्षणों में भाग लिया और केरल की राज्य टीम के लिए चुने गए. जोजी के मुताबिक जब उन्होंने केरल की टीम से खेलना शुरू किया तो उन्हें देखकर क्षेत्र के कई युवाओं को प्रेरणा मिली, जिससे कई लड़कों ने क्षेत्र से कबड्डी में राज्य स्तर पर अपना प्रदर्शन किया. जोजी ने बताया कि प्रतिदिन शाम को मछली पकड़ने जाते हैं और पूरी रात वेम्बनाडु झील में मछली पकड़ते हैं. उन्होंने बताया कि अगले दिन सुबह करीब 8 या 9 बजे लौैटते हैं. फिर वह कुमारकोम बाजार जाकर मछली बेचते हैं. मछली बेचने से मिली रकम से वह अपने परिवार का जीविकोपार्जन करते हैं.

जोजी ने कहा कि उन्हें इस बात का मलाल है कि उन्होंने कबड्डी के लिए कई ट्रॉफियां और प्रमाण पत्र जीते हैं, लेकिन वह महज अलमारी की शोभा बनकर रह गए हैं. जोजी ने कहा कि कई राज्य कबड्डी खिलाड़ियों को बढ़ावा दे रहे हैं लेकिन केरल में कबड्डी को पर्याप्त मान्यता नहीं मिलने से वह निराश हैं.

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Last Updated : May 23, 2022, 4:52 PM IST
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