मालदा : राज्य बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष ने राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है. इसकी जानकारी राज्य बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष सुदेशना राय ने गाजोल में दी. सुदेशना रॉय ने यह भी कहा कि वह इस मामले में राज्यपाल सीवी आनंद बोस से भी बात करेंगी.
शुक्रवार को कोलकाता के तिलजला में शुरू हुआ विवाद शनिवार को मालदा जिले के गाजोल में जारी रहा. 18 मार्च को 13 वर्षीय लड़की के साथ उसके स्कूल परिसर के अंदर तीन स्थानीय लोगों द्वारा कथित रूप से सामूहिक दुष्कर्म किया गया था. राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की टीम उस लड़की से मिलने पहुंची थी.
राज्य आयोग पर राष्ट्रीय निकाय के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो और सदस्य सचिव रूपाली बनर्जी सिंह ने शनिवार सुबह गैंगरेप पीड़िता से मिलने से रोकने का आरोप लगाया. प्रियांक कानूनगो ने राज्य आयोग के सदस्यों के खिलाफ शिकायत की. यह घटना सुदूर गांव में फैल गई और इसके तुरंत बाद भाजपा और तृणमूल की महिला कार्यकर्ता आपस में भिड़ गईं.
हालांकि, जब राज्य आयोग के सदस्य गांव से चले गए, तो राष्ट्रीय आयोग के दो सदस्यों ने पीड़िता और उसके परिवार के सदस्यों से बात की. लेकिन आयोग के सदस्यों का आपस में लड़ना ग्रामीणों को रास नहीं आया.
सुदेशना रॉय ने गांव से निकलते हुए कहा, 'राष्ट्रीय आयोग के दो सदस्य बड़ी संख्या में लोगों के साथ यहां आए हैं. हम पहुंचे तो कोई नहीं था. राष्ट्रीय आयोग के सदस्य राजनीतिक लोगों को अपने साथ लाए. उनके साथ भाजपा विधायक भी पीड़िता के घर में घुस गए. लेकिन राष्ट्रीय आयोग ने मुझे उनके साथ घर में रहने की अनुमति नहीं दी.'
उन्होंने कहा कि 'मेरा सवाल यह है कि अगर मुझे मौजूद रहने की अनुमति नहीं है तो कोई राजनीतिक हस्ती वहां कैसे रह सकती है? सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम किसी भी घटना की एक साथ जांच कर सकते हैं इसलिए मैं आई लेकिन वह ग्रामीणों को मेरे खिलाफ भड़काता रहा.' तिलजला के बाद से वे इस तरह की हरकते करते आ रहे हैं. वह (कानूनगो) कहते हैं कि मैं कुछ छिपा रही हूं, वह क्या साबित करने की कोशिश कर रहे हैं?
सुदेशना रॉय ने कहा कि 'कल की घटना में मैंने पहले ही महिला आयोग के साथ कोलकाता पुलिस आयुक्त, डीसी दक्षिण-पूर्व के साथ तिलजला पुलिस स्टेशन में राष्ट्रीय आयोग के अध्यक्ष के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है.' विभिन्न मुद्दों पर केंद्र-राज्य विवाद लंबे समय से चल रहे हैं. ऐसे में तिलजला और गाजोल की घटनाएं चल रहे विवाद को नया आयाम देना तय है.
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