ETV Bharat / bharat

म्यांमार में सितवे बंदरगाह की शुरुआत, भारत के साथ द्विपक्षीय व्यापार में होगी बढ़ोतरी- सर्बानंद सोनोवाल - म्यांमार में सितवे बंदरगाह की शुरुआत

म्यांमार के रखाइन राज्य में सितवे बंदरगाह का उद्घाटन मंगलवार को किया गया. इस आयोजन के दौरान, उन्हें पहला भारतीय मालवाहक जहाज मिला. केंद्रीय नौवहन मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने इस बारे ईटीवी भारत की वरिष्ठ संवाददाता चंक्रकला चौधरी से बात की.

Sittwe Port in Myanmar
म्यांमार में सितवे बंदरगाह
author img

By

Published : May 9, 2023, 10:06 PM IST

नई दिल्ली: केंद्रीय बंदरगाह, नौवहन और जलमार्ग मंत्री व आयुष मंत्री, सर्बानंद सोनोवाल और म्यांमार के उप प्रधानमंत्री और केंद्रीय परिवहन व संचार मंत्री एडमिरल टिन आंग सान ने संयुक्त रूप से म्यांमार के रखाइन राज्य में सितवे बंदरगाह का उद्घाटन किया. इस आयोजन के दौरान, उन्हें पहला भारतीय मालवाहक जहाज मिला, जिसे श्यामा प्रसाद मुखर्जी पोर्ट, कोलकाता से झंडी दिखाकर रवाना किया गया था.

केंद्रीय नौवहन मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि यह विशेष रूप से भारत-म्यांमार परियोजना दोनों देशों, विशेष रूप से पूरे पूर्वोत्तर क्षेत्र की मदद करने जा रही है. व्यवसायी व्यापार के लिए इस कनेक्टिविटी का उपयोग कर सकते हैं और यह बहुत ही लागत प्रभावी और पर्यावरण के अनुकूल होगा. मेरा मानना है कि निकट भविष्य में इस क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियां तेजी से बढ़ेंगी और इससे पूर्वोत्तर को अत्यधिक लाभ होगा.

सितवे बंदरगाह के परिचालन से द्विपक्षीय और क्षेत्रीय व्यापार बढ़ेगा और साथ ही म्यांमार के रखाइन राज्य की स्थानीय अर्थव्यवस्था में योगदान होगा. पोर्ट द्वारा प्रदान की जाने वाली अधिक कनेक्टिविटी से क्षेत्र में रोजगार के अवसर और वृद्धि की संभावनाएं बढ़ेंगी. उद्घाटन समारोह में अपनी टिप्पणी में, केंद्रीय बंदरगाह, नौवहन और जलमार्ग मंत्री ने भारत और म्यांमार, विशेष रूप से म्यांमार के रखाइन राज्य के बीच घनिष्ठ ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और आर्थिक संबंधों पर प्रकाश डाला.

उन्होंने सितवे बंदरगाह जैसी विकासात्मक पहलों के माध्यम से म्यांमार के लोगों के विकास और समृद्धि के लिए भारत की दीर्घकालिक प्रतिबद्धता को दोहराया. इस परियोजना की संकल्पना म्यांमार में कालादान नदी के माध्यम से हल्दिया/कोलकाता/किसी भी भारतीय बंदरगाह के साथ मिजोरम की वैकल्पिक कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए की गई थी.

पढ़ें: India Israel sign MoU : भारत-इज़राइल का संबंधों की मजबूती पर जोर, समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर

इस परियोजना में मिजोरम से पलेटवा (म्यांमार) तक राजमार्ग/सड़क परिवहन, उसके बाद पलेटवा से सितवे (म्यांमार) तक अंतर्देशीय जल परिवहन (आईडब्ल्यूटी) और सितवे से भारत के किसी भी बंदरगाह तक समुद्री नौवहन की परिकल्पना की गई है. पोर्ट को भारत सरकार से अनुदान सहायता के तहत वित्त पोषित कलादान मल्टी-मोडल ट्रांजिट ट्रांसपोर्ट प्रोजेक्ट (KMTTP) के एक भाग के रूप में विकसित किया गया है. केएमटीटीपी के जलमार्ग और सड़क घटकों के पूरी तरह चालू हो जाने के बाद सितवे बंदरगाह के माध्यम से भारत के पूर्वी तट को उत्तर-पूर्वी राज्यों से जोड़ा जाएगा.

नई दिल्ली: केंद्रीय बंदरगाह, नौवहन और जलमार्ग मंत्री व आयुष मंत्री, सर्बानंद सोनोवाल और म्यांमार के उप प्रधानमंत्री और केंद्रीय परिवहन व संचार मंत्री एडमिरल टिन आंग सान ने संयुक्त रूप से म्यांमार के रखाइन राज्य में सितवे बंदरगाह का उद्घाटन किया. इस आयोजन के दौरान, उन्हें पहला भारतीय मालवाहक जहाज मिला, जिसे श्यामा प्रसाद मुखर्जी पोर्ट, कोलकाता से झंडी दिखाकर रवाना किया गया था.

केंद्रीय नौवहन मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि यह विशेष रूप से भारत-म्यांमार परियोजना दोनों देशों, विशेष रूप से पूरे पूर्वोत्तर क्षेत्र की मदद करने जा रही है. व्यवसायी व्यापार के लिए इस कनेक्टिविटी का उपयोग कर सकते हैं और यह बहुत ही लागत प्रभावी और पर्यावरण के अनुकूल होगा. मेरा मानना है कि निकट भविष्य में इस क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियां तेजी से बढ़ेंगी और इससे पूर्वोत्तर को अत्यधिक लाभ होगा.

सितवे बंदरगाह के परिचालन से द्विपक्षीय और क्षेत्रीय व्यापार बढ़ेगा और साथ ही म्यांमार के रखाइन राज्य की स्थानीय अर्थव्यवस्था में योगदान होगा. पोर्ट द्वारा प्रदान की जाने वाली अधिक कनेक्टिविटी से क्षेत्र में रोजगार के अवसर और वृद्धि की संभावनाएं बढ़ेंगी. उद्घाटन समारोह में अपनी टिप्पणी में, केंद्रीय बंदरगाह, नौवहन और जलमार्ग मंत्री ने भारत और म्यांमार, विशेष रूप से म्यांमार के रखाइन राज्य के बीच घनिष्ठ ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और आर्थिक संबंधों पर प्रकाश डाला.

उन्होंने सितवे बंदरगाह जैसी विकासात्मक पहलों के माध्यम से म्यांमार के लोगों के विकास और समृद्धि के लिए भारत की दीर्घकालिक प्रतिबद्धता को दोहराया. इस परियोजना की संकल्पना म्यांमार में कालादान नदी के माध्यम से हल्दिया/कोलकाता/किसी भी भारतीय बंदरगाह के साथ मिजोरम की वैकल्पिक कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए की गई थी.

पढ़ें: India Israel sign MoU : भारत-इज़राइल का संबंधों की मजबूती पर जोर, समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर

इस परियोजना में मिजोरम से पलेटवा (म्यांमार) तक राजमार्ग/सड़क परिवहन, उसके बाद पलेटवा से सितवे (म्यांमार) तक अंतर्देशीय जल परिवहन (आईडब्ल्यूटी) और सितवे से भारत के किसी भी बंदरगाह तक समुद्री नौवहन की परिकल्पना की गई है. पोर्ट को भारत सरकार से अनुदान सहायता के तहत वित्त पोषित कलादान मल्टी-मोडल ट्रांजिट ट्रांसपोर्ट प्रोजेक्ट (KMTTP) के एक भाग के रूप में विकसित किया गया है. केएमटीटीपी के जलमार्ग और सड़क घटकों के पूरी तरह चालू हो जाने के बाद सितवे बंदरगाह के माध्यम से भारत के पूर्वी तट को उत्तर-पूर्वी राज्यों से जोड़ा जाएगा.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.