तिरुपत्तूर (तमिलनाडु): तमिलनाडु के तिरुपत्तूर जिले में शनिवार को धोती और साड़ी वितरण के लिए एक टोकन वितरण समारोह में मची भगदड़ में कम से कम चार महिलाओं की मौत हो गई और 10 अन्य घायल हो गए. थाईपुसम उत्सव के अवसर पर एक व्यवसायी द्वारा मुफ्त साड़ियां प्रदान करने के लिए यह कार्यक्रम आयोजित किया गया था. बताया जाता है तिरुपत्तूर जिले के वानियामबाड़ी इलाके में करीब 500 महिलाएं साड़ियां प्राप्त करने के लिए एकत्रित हुई थीं. इसी दौरान टोकन लेने के लिए महिलाएं उमड़ पड़ीं जिससे भगदड़ मच गई. इससे 15 महिलाएं बेहोश हो गईं जिनमें से चार महिलाओं की दम घुट जाने से मौत हो गई. वहीं सीएम एमके स्टालिन ने मृतकों के आश्रितों को दो-दो लाख रुपये देने की घोषणा की है.
बताया जा रहा है कि करीब एक दर्जन घायलों को वानीयंबादी सरकारी अस्पताल रेफर किया गया है. हादसे की जानकारी मिलते ही पुलिस और जिला प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंच गए. एसपी बालकृष्ण ने मामले के जांच के आदेश दिए हैं. मृत महिलाओं की शिनाख्त कर ली गई है, इनके नाम वल्लियाम्मल, राजथी, नागम्मल, छिन्नम्मल बताए गए हैं. इस बीच, टोकन बांटने की व्यवस्था करने वाली निजी फर्म अयप्पन के मालिक को हिरासत में ले लिया गया है.
क्या है थाईपुसम का त्योहार ? - बता दें कि यह त्योहार तमिल समुदाय के द्वारा थाईपुसम के रूप में मनाया जाता है. यह भगवान मुरुगन की जयंती होती है. भगवान शिव और देवी पार्वती के पुत्र भगवान कार्तिकेय (भगवान मुरुगन) हैं. कहा जाता है कि इसी दिन देवी पार्वती ने भगवान मुरुगन को तारकासुर नामक राक्षस और उसकी सेना को मारने का आदेश दिया था. इसके बाद भगवान मुरुगन ने तारकासुर का वध किया था. इसी की खुशी में यह त्योहार को मनाया जाता है. थाईपुसम शब्द में थाई और पुसम शब्द शामिल हैं, जहां पुसम का अर्थ नक्षत्रम पुसम (जिसे पुष्य भी कहा जाता है) है. प्रमुख रूप ये त्योहार भारत के अलावा मलेशिया, इंडोनेशिया, श्रीलंका और दुनिया के कई अन्य देशों में मनाया जाता है.
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