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कपास की कीमतों पर स्टालिन ने पीएम को लिखा पत्र

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Published : May 16, 2022, 1:33 PM IST

तमिलनाडु के सीएम एम के स्टालिन ने पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है. उसमें उन्होंने कॉटन की कीमतों को कंट्रोल करने के कुछ सुझाव दिए हैं.

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन

चेन्नई : तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने कपड़ा उद्योग के सामने आ रही चुनौतियों से केंद्र सरकार को अवगत कराने के लिए प्रधानमंत्री मोदी को एक पत्र लिखा है. जिसमें अनुरोध किया है कि कताई मिलों को कपास और यार्न के स्टॉक की घोषणा सार्वजनिक करने आदि कदम उठाने का आग्रह किया है. ऐसा करके कॉटन की कीमतों पर नियंत्रण किया जा सकता है. केंद्र द्वारा कपास पर लगाए गए आयात शुल्क को वापस लेने की अधिसूचना के बाद भी स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है. कपास और धागे की कीमतों में निरंतर वृद्धि जारी है, तमिलनाडु के सीएम स्टालिन ने पीएम नरेंद्र मोदी को एक पत्र के माध्यम से इन मुद्दों पर ध्यानाकर्षण किया है.

इस अनिश्चितता का तमिलनाडु के कपड़ा उद्योग पर व्यापक प्रभाव पड़ा है. बड़ी संख्या में कताई, बुनाई और परिधान इकाइयां अपनी वर्किंग कैपिटल पर अस्थिर मांगों और खरीदार को आपूर्ति की सहमत कीमत और उत्पादन लागत के बीच असमानता के कारण बंद होने के खतरे का सामना कर रही है. उन्होंने (सीएम) सोमवार को राज्य सरकार द्वारा जारी पत्र में इन बातों का जिक्र किया है. उद्योग में और बुनकरों के बीच बढ़ता असंतोष 'खतरनाक' है और स्थिति को संभालने के लिए कई कदम उठाने की मांग की.

उन्होंने पीएम मोदी से कहा, "तत्काल उपाय के रूप में, सभी कताई मिलों के लिए कपास और धागे के स्टॉक की घोषणा अनिवार्य किया जाए. ताकि कपास और इससे जुडे़ व्यापारियों के पास कपास और धागे की उपलब्धता के वास्तविक आंकड़े रहेंगे. इसके अलावे वे चाहते हैं कि कताई मिलों की कपास खरीदने के लिए नकद ऋण सीमा को मौजूदा तीन माह के मुकाबले आठ माह तक बढ़ाया जाए. इसी तरह बैंकों द्वारा खरीद मूल्य के 25 प्रतिशत की मार्जिन राशि को घटाकर 10 प्रतिशत किया जा सकता है क्योंकि बैंक बाजार में वास्तविक खरीद / बाजार दरों की तुलना में कम दरों पर खरीद स्टॉक मूल्य की गणना करते हैं.

चेन्नई : तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने कपड़ा उद्योग के सामने आ रही चुनौतियों से केंद्र सरकार को अवगत कराने के लिए प्रधानमंत्री मोदी को एक पत्र लिखा है. जिसमें अनुरोध किया है कि कताई मिलों को कपास और यार्न के स्टॉक की घोषणा सार्वजनिक करने आदि कदम उठाने का आग्रह किया है. ऐसा करके कॉटन की कीमतों पर नियंत्रण किया जा सकता है. केंद्र द्वारा कपास पर लगाए गए आयात शुल्क को वापस लेने की अधिसूचना के बाद भी स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है. कपास और धागे की कीमतों में निरंतर वृद्धि जारी है, तमिलनाडु के सीएम स्टालिन ने पीएम नरेंद्र मोदी को एक पत्र के माध्यम से इन मुद्दों पर ध्यानाकर्षण किया है.

इस अनिश्चितता का तमिलनाडु के कपड़ा उद्योग पर व्यापक प्रभाव पड़ा है. बड़ी संख्या में कताई, बुनाई और परिधान इकाइयां अपनी वर्किंग कैपिटल पर अस्थिर मांगों और खरीदार को आपूर्ति की सहमत कीमत और उत्पादन लागत के बीच असमानता के कारण बंद होने के खतरे का सामना कर रही है. उन्होंने (सीएम) सोमवार को राज्य सरकार द्वारा जारी पत्र में इन बातों का जिक्र किया है. उद्योग में और बुनकरों के बीच बढ़ता असंतोष 'खतरनाक' है और स्थिति को संभालने के लिए कई कदम उठाने की मांग की.

उन्होंने पीएम मोदी से कहा, "तत्काल उपाय के रूप में, सभी कताई मिलों के लिए कपास और धागे के स्टॉक की घोषणा अनिवार्य किया जाए. ताकि कपास और इससे जुडे़ व्यापारियों के पास कपास और धागे की उपलब्धता के वास्तविक आंकड़े रहेंगे. इसके अलावे वे चाहते हैं कि कताई मिलों की कपास खरीदने के लिए नकद ऋण सीमा को मौजूदा तीन माह के मुकाबले आठ माह तक बढ़ाया जाए. इसी तरह बैंकों द्वारा खरीद मूल्य के 25 प्रतिशत की मार्जिन राशि को घटाकर 10 प्रतिशत किया जा सकता है क्योंकि बैंक बाजार में वास्तविक खरीद / बाजार दरों की तुलना में कम दरों पर खरीद स्टॉक मूल्य की गणना करते हैं.

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पीटीआई

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