लखनऊ : उत्तर प्रदेश में प्रमुख धार्मिक स्थलों और RSS के दफ्तरों को उड़ाने की धमकियां मिल रही हैं जिसके बाद यूपी की आंतरिक सुरक्षा को मजबूत करने दिशा में योगी सरकार लगातार कदम बढ़ा रही है.
इस कड़ी में यूपी सरकार के गृह विभाग ने उत्तर प्रदेश विशेष सुरक्षा बल (UP SSF) की पांच बटालियन में से सबसे पहले लखनऊ बटालियन को एक्शन के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए हैं. साथ ही गोरखपुर, प्रयागराज, मथुरा और सहारनपुर में भी बटालियन के गठन की प्रक्रिया तेज कर दी गई है. इन्हें प्रमुख धार्मिक स्थलों और प्रतिष्ठानों पर मुस्तैद किया जा रहा है.
सर्वप्रथम लखनऊ और नोएडा मेट्रो की सुरक्षा दोहरी की गई है. यहां अब UP पुलिस के साथ यूपी SSF के जवानों को भी तैनात किया गया है. यही नहीं, लखनऊ रेंज के छह जिलों की कोर्ट परिसरों की सुरक्षा भी यूपी SSF के जवानों के हवाले कर दी गई है. कभी भी इनकी तैनाती की जा सकती है. UP SSF अफसरों की मानें तो जवानों के लिए अलग वर्दी भी तैयार की गई है. 15 अगस्त के बाद SSF के जवान अपनी अलग वर्दी में नजर आएंगे.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सितंबर 2020 में प्रमुख धार्मिक स्थलों, औद्योगिक प्रतिष्ठानों, बैंकों-वित्तीय संस्थानों और कोर्ट व एयरपोर्ट परिसरों की सुरक्षा के लिए UP SSF का गठन किया था. जून माह में उत्तर प्रदेश सरकार ने लखनऊ, गोरखपुर, प्रयागराज, मथुरा व सहारनपुर में UP SSF की बटालियन गठित कर कमांडेंट की तैनाती दी थी.
पीएसी में तैनात IPS अधिकारियों को इन बटालियन के सेनानायक का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया था, जो बटालियन को विस्तार देने का काम कर रहे हैं. बीते दिनों लखनऊ स्थित UP SSF मुख्यालय में कमांडेंट आशीष तिवारी समेत अन्य अधिकारियों की तैनाती की गई थी. UP SSF के कार्यालय भवन स्थापित किए जाने की भी प्रकिया चल रही है. शासन ने प्रथम चरण में UP SSF की पांच बटालियन गठित करने का निर्णय किया था.
1200 जवानों की हो चुकी तैनाती
उत्तर प्रदेश विशेष सुरक्षा बल (UP SSF) मुख्यालय के कमांडेंट आशीष तिवारी की मानें तो अब तक UP SSF में आने के लिए करीब 1600 जवान अप्लाई कर चुके हैं. लखनऊ बटालियन में 1200 जवानों की तैनाती हो चुकी है. इनमें करीब 800 जवानों को लखनऊ और नोएडा मेट्रो की सुरक्षा-व्यवस्था में तैनात किया गया है. इसके साथ ही लखनऊ रेंज के छह जिले लखनऊ, हरदोई, लखीमपुर, रायबरेली, सीतापुर और उन्नाव के कोर्ट परिसरों की भी सुरक्षा UP SSF के जवान के हवाले कर दी गई है. कभी भी इनकी यह तैनाती की जा सकती है.
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बिना वॉरंट तलाशी लेने गिरफ्तारी का अधिकार
औद्योगिक प्रतिष्ठानों, प्रमुख स्थलों, हवाई अड्डों, मेट्रो, कोर्ट समेत अन्य स्थानों की सुरक्षा के लिए गठित होने वाले UP SSF के पास बिना वॉरंट तलाशी लेने और गिरफ्तारी करने का अधिकार होगा. यह बल किसी ऐसे व्यक्ति को गिरफ्तार कर सकेगा, जो उसे प्रतिष्ठानों की सुरक्षा के दौरान कर्तव्यों का पालन करने से रोकता है, वहां हमला करने, हमला करने की धमकी देने, आपराधिक बल का प्रयोग करने की कोशिश करता है. इसके लिए बल के सदस्यों को किसी मजिस्ट्रेट के वॉरंट की जरूरत नहीं होगी.
संदेह के आधार पर बिना वॉरंट तलाशी भी ली जा सकेगी. हालांकि गिरफ्तारी के बाद वरिष्ठ अधिकारियों को जानकारी देनी होगी और गिरफ्तार व्यक्ति को थाने के हवाले करना होगा. यूपी SSF जवानों को विशेष प्रशिक्षण भी कराया जा रहा है. उन्हेंं अत्याधुनिक सुरक्षा प्रणाली और सुरक्षा उपकरणों की भी जानकारी दी जा रही है. आतंकी और आकस्मिक घटनाओं से निपटने के लिए एक्सपर्ट किया जा रहा है.
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हमेशा ऑन ड्यूटी रहेगा SSF का हर जवान
ADG लॉ एंड आर्डर प्रशांत कुमार के मुताबिक, इस विशेष सुरक्षा फोर्स में 9,919 कर्मी होंगे. शुरुआत में इसकी 5 बटालियन होंगी, जिस पर एक साल में 1747 करोड़ रुपये खर्च होगा. पीएसी का इंफ्रास्ट्रक्चर भी इसमें शेयर किया जाएगा. यही नहीं, फोर्स का प्रत्येक सदस्य हमेशा ऑन ड्यूटी माना जाएगा और उसे प्रदेश में कहीं भी तैनाती दी जा सकती है. इस बल के किसी सदस्य द्वारा ड्यूटी के दौरान किया जाने वाले किसी भी कार्य को लेकर कोर्ट बिना सरकार की मंजूरी के उसके खिलाफ अपराध का संज्ञान नहीं ले पाएगा.