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भारत के नक्शेकदम पर श्रीलंका : Aadhaar जैसी योजना लागू करेगा, भारत ने दिए 45 करोड़ - India to help Sri Lanka

पड़ोसी मुल्क श्रीलंका भी 'डिजिटल पहचान' के मामले में भारत को फॉलो कर रहा है. श्रीलंका 'आधार' जैसी योजना लागू करने के लिए डेटा इकट्ठा कर रहा है. उसके इस काम में भारत हर तरह से मदद कर रहा है.

India hands over INR 450 million
भारत के नक्शेकदम पर श्रीलंका
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Published : Aug 5, 2023, 4:35 PM IST

नई दिल्ली : नेबर फर्स्ट की पॉलिसी के तहत भारत, श्रीलंका की हरसंभव मदद कर रहा है. भारत ने श्रीलंका को 'आधार' जैसी, अनूठी डिजिटल पहचान परियोजना में निवेश करने के लिए 45 करोड़ रुपये दिए हैं. ये मदद ऐसे समय में काफी मायने रखती है जब पड़ोसी देश आर्थिक संकट से उबरने की कोशिश कर रहा है.

कुल प्रोजेक्ट की 15 फीसदी है ये रकम : श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे के कार्यालय ने कहा कि भारत सरकार की ओर से धनराशि शुक्रवार को दी गई. भारतीय उच्चायुक्त गोपाल बागले ने मंत्री कनक हेराथ (प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री) को 450 मिलियन भारतीय रुपये का महत्वपूर्ण योगदान सौंपा. ये इस प्रोजेक्ट को सफल बनाने के लिए जरूरी कुल धनराशि का 15 प्रतिशत है. राष्ट्रपति के वरिष्ठ सलाहकार और राष्ट्रपति स्टाफ के प्रमुख सागला रत्नायका ने प्रोजेक्ट के बिना किसी रुकावट के पूरा करने पर जोर दिया.

आधार की तरह कलेक्ट किया जाएगा डेटा : श्रीलंका का ये प्रोजेक्ट भारत के 'आधार' की तरह है. इसमें कंडीडेट का फोटो खींचा जाएगा. फिंगरप्रिंट लिया जाएगा यानि सारी बायोमेट्रिक जानकारी इकट्ठा का जाएगी. अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (आईसीएओ) द्वारा निर्धारित मानकों के अनुसार पहचान पत्र जारी करने के लिए एक केंद्रीकृत प्रणाली में सारा डेटा इकट्ठा किया जाएगा.

ये होगा फायदा : श्रीलंका यूनिक डिजिटल आइडेंटिटी प्रोजेक्ट (एसएल-यूडीआई) का मुख्य उद्देश्य चेहरे, आईरिस और फिंगरप्रिंट डेटा जैसी बायोमेट्रिक जानकारी इकट्ठा करना है. इस परियोजना के सफलतापूर्वक लागू होने से पड़ोसी मुल्क में नागरिकों की बैंकिंग और अन्य उत्पादों और सेवाओं तक बेहतर पहुंच होगी. सरकारी योजनाओं को लागू करने में आसानी होगी. गरीबों के कल्याण के लिए कार्यक्रम और वित्तीय मदद सीधे खाते में मिलने की उम्मीद है.

मोदी-राजपक्षे की वार्ता के बाद पहल : दरअसल इस प्रोजेक्ट की पहल दिसंबर 2019 में राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच द्विपक्षीय वार्ता के बाद हुई. श्रीलंका के मंत्रियों ने अनुदान प्राप्त करने और परियोजना को आगे बढ़ाने के लिए राजपक्षे द्वारा प्रौद्योगिकी मंत्री के रूप में भारत के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी.

गौरतलब है कि 2019 की शुरुआत में भारत ने श्रीलंका को कुल 1.4 बिलियन डॉलर की पर्याप्त आर्थिक सहायता दी थी, ताकि द्वीप राष्ट्र भोजन, दवाओं और ईंधन का आयात कर सके.

मार्च 2022 से शुरू हुआ प्रोजेक्ट: यह प्रोजेक्ट मार्च 2022 में श्रीलंका और भारत के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के साथ शुरू हुआ था. श्रीलंका ने विशिष्ट डिजिटल पहचान परियोजना (एसएल-यूडीआई) के लिए भारत-श्रीलंका संयुक्त परियोजना निगरानी समिति (जेपीएमसी) की शुरुआत की है. भारत सरकार एसएल-यूडीआई के लिए सॉफ्टवेयर डेवलप करने की देखरेख कर रही है.

ट्वीट कर दी जानकारी : कोलंबो में भारतीय उच्चायोग ने ट्वीट किया, 'उच्चायुक्त ने आज SLUDI (श्रीलंका यूनिक डिजिटल आइडेंटिटी प्रोजेक्ट) परियोजना के लिए माननीय @SagalaRatnayaka की गरिमामय उपस्थिति में राज्य मंत्री माननीय @kankadh को 450 मिलियन रुपये का चेक सौंपा, जिसे #भारत सरकार द्वारा अनुदान सहायता के माध्यम से कार्यान्वित किया जा रहा है.'

श्रीलंका राष्ट्रपति कार्यालय ने एक बयान में कहा, 'सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाते हुए भारतीय उच्चायुक्त ने मंत्री कनक हेराथ (प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री) को अग्रिम भुगतान के रूप में 450 मिलियन भारतीय रुपये का एक महत्वपूर्ण योगदान सौंपा, जो परियोजना के सफल कार्यान्वयन के लिए आवश्यक कुल धनराशि का 15 प्रतिशत है.'

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नई दिल्ली : नेबर फर्स्ट की पॉलिसी के तहत भारत, श्रीलंका की हरसंभव मदद कर रहा है. भारत ने श्रीलंका को 'आधार' जैसी, अनूठी डिजिटल पहचान परियोजना में निवेश करने के लिए 45 करोड़ रुपये दिए हैं. ये मदद ऐसे समय में काफी मायने रखती है जब पड़ोसी देश आर्थिक संकट से उबरने की कोशिश कर रहा है.

कुल प्रोजेक्ट की 15 फीसदी है ये रकम : श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे के कार्यालय ने कहा कि भारत सरकार की ओर से धनराशि शुक्रवार को दी गई. भारतीय उच्चायुक्त गोपाल बागले ने मंत्री कनक हेराथ (प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री) को 450 मिलियन भारतीय रुपये का महत्वपूर्ण योगदान सौंपा. ये इस प्रोजेक्ट को सफल बनाने के लिए जरूरी कुल धनराशि का 15 प्रतिशत है. राष्ट्रपति के वरिष्ठ सलाहकार और राष्ट्रपति स्टाफ के प्रमुख सागला रत्नायका ने प्रोजेक्ट के बिना किसी रुकावट के पूरा करने पर जोर दिया.

आधार की तरह कलेक्ट किया जाएगा डेटा : श्रीलंका का ये प्रोजेक्ट भारत के 'आधार' की तरह है. इसमें कंडीडेट का फोटो खींचा जाएगा. फिंगरप्रिंट लिया जाएगा यानि सारी बायोमेट्रिक जानकारी इकट्ठा का जाएगी. अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (आईसीएओ) द्वारा निर्धारित मानकों के अनुसार पहचान पत्र जारी करने के लिए एक केंद्रीकृत प्रणाली में सारा डेटा इकट्ठा किया जाएगा.

ये होगा फायदा : श्रीलंका यूनिक डिजिटल आइडेंटिटी प्रोजेक्ट (एसएल-यूडीआई) का मुख्य उद्देश्य चेहरे, आईरिस और फिंगरप्रिंट डेटा जैसी बायोमेट्रिक जानकारी इकट्ठा करना है. इस परियोजना के सफलतापूर्वक लागू होने से पड़ोसी मुल्क में नागरिकों की बैंकिंग और अन्य उत्पादों और सेवाओं तक बेहतर पहुंच होगी. सरकारी योजनाओं को लागू करने में आसानी होगी. गरीबों के कल्याण के लिए कार्यक्रम और वित्तीय मदद सीधे खाते में मिलने की उम्मीद है.

मोदी-राजपक्षे की वार्ता के बाद पहल : दरअसल इस प्रोजेक्ट की पहल दिसंबर 2019 में राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच द्विपक्षीय वार्ता के बाद हुई. श्रीलंका के मंत्रियों ने अनुदान प्राप्त करने और परियोजना को आगे बढ़ाने के लिए राजपक्षे द्वारा प्रौद्योगिकी मंत्री के रूप में भारत के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी.

गौरतलब है कि 2019 की शुरुआत में भारत ने श्रीलंका को कुल 1.4 बिलियन डॉलर की पर्याप्त आर्थिक सहायता दी थी, ताकि द्वीप राष्ट्र भोजन, दवाओं और ईंधन का आयात कर सके.

मार्च 2022 से शुरू हुआ प्रोजेक्ट: यह प्रोजेक्ट मार्च 2022 में श्रीलंका और भारत के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के साथ शुरू हुआ था. श्रीलंका ने विशिष्ट डिजिटल पहचान परियोजना (एसएल-यूडीआई) के लिए भारत-श्रीलंका संयुक्त परियोजना निगरानी समिति (जेपीएमसी) की शुरुआत की है. भारत सरकार एसएल-यूडीआई के लिए सॉफ्टवेयर डेवलप करने की देखरेख कर रही है.

ट्वीट कर दी जानकारी : कोलंबो में भारतीय उच्चायोग ने ट्वीट किया, 'उच्चायुक्त ने आज SLUDI (श्रीलंका यूनिक डिजिटल आइडेंटिटी प्रोजेक्ट) परियोजना के लिए माननीय @SagalaRatnayaka की गरिमामय उपस्थिति में राज्य मंत्री माननीय @kankadh को 450 मिलियन रुपये का चेक सौंपा, जिसे #भारत सरकार द्वारा अनुदान सहायता के माध्यम से कार्यान्वित किया जा रहा है.'

श्रीलंका राष्ट्रपति कार्यालय ने एक बयान में कहा, 'सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाते हुए भारतीय उच्चायुक्त ने मंत्री कनक हेराथ (प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री) को अग्रिम भुगतान के रूप में 450 मिलियन भारतीय रुपये का एक महत्वपूर्ण योगदान सौंपा, जो परियोजना के सफल कार्यान्वयन के लिए आवश्यक कुल धनराशि का 15 प्रतिशत है.'

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