करनाल: देश में पहली बार ड्रोन से खाद के छिड़काव की शुरुआत हरियाणा के करनाल जिले से हुई है. इस नई तकनीक को लेकर किसानों में खासा उत्साह देखा जा रहा है. माना जा रहा है कि बहुत जल्द अन्य राज्यों में भी इसे शुरू करने की तैयारी है.
खास बात यह है कि इससे 1 एकड़ में छिड़काव के लिए केवल 10 मिनट ही लगेंगे. इससे ना केवल खाद की बचत होगी बल्कि पानी भी कम प्रयोग होगा. इसके अलावा इसमें किसानों का समय भी बचेगा.
कृषि के क्षेत्र में किसानों के लिए यह तकनीक काफी फायदेमंद साबित होने वाली है. ड्रोन के अंदर जितने एकड़ खेत का क्षेत्र अंकित किया जाएगा वो उतने ही इलाके में छिड़काव कर सकेगा. यह एक स्थान से चलने पर 5 किमी. एरिया तक छिड़काव करेगा. खासकर उन फसलों को बड़ा फायदा होगा जो ऊंची हैं. अक्सर देखा जाता है कि इन फसलों पर ऊपर से छिड़काव संभव नहीं हो पाता है.
मंगलवार को करनाल के पूरा गांव में आलू के खेत में ड्रोन से नैनो यूरिया खाद का छिड़काव किया गया. इसके बाद जमालपुर गांव और काछवा गांव में आलू के खेतों में नैनो यूरिया खाद का ड्रोन से छिड़काव किया गया. फसल पर छिड़काव के बाद पाया गया कि ड्रोन से पत्तियों के साथ-साथ तने पर भी खाद पहुंची. इसके व्यक्तिगत तौर पर किए गए सर्वे से 10 गुना कम पानी लगा. यही नहीं खाद भी 50% कम लगी.
ड्रोन एक बार में 10 लीटर पानी का घोल लेकर गया. जब उसका पानी खत्म हुआ तो फिर खुद ही वापस लौटा. इसके बाद टंकी में पानी लेकर ठीक उसी स्थान पर पहुंचा जहां से उसने सफर छोड़ा था. इस दौरान ना तो फसल छूटी और ना ही दोहरा खाद का छिड़काव हुआ. यह देखकर मौजूद किसानों में भी उत्साह दिखा.
बता दें कि ड्रोन से छिड़काव का खेतों में प्रदर्शन के लिए डब्लूओडब्लू इंडिया कंपनी के डायरेक्टर डॉ. शंकर गोयनका, इफको (कृषि सेवाएं) नई दिल्ली के डिप्टी जनरल मैनेजर वेदपाल पूरी टीम के साथ करनाल पहुंचे. उनके साथ इफको करनाल के क्षेत्रीय प्रबंधक डॉ निरंजन भी मौजूद रहे.
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