नई दिल्ली : स्पाइसजेट के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक अजय सिंह ने बताया कि बैंकों और शेयरधारकों ने एयरलाइन से कार्गो और लॉजिस्टिक कंपनी स्पाइसएक्सप्रेस को अलग करने को अपनी मंजूरी दे दी है. उन्होंने कहा कि यह विभाजन अगस्त के पहले सप्ताह तक पूरा हो जाएगा. स्पाइसजेट ने पिछले साल 17 अगस्त को कहा था कि वह कार्गो और लॉजिस्टिक सेवाओं की अपनी अनुषंगी कंपनी स्पाइसएक्सप्रेस को बिक्री के आधार पर अलग करेगी.
कंपनी ने बताया कि इससे उसे स्वतंत्र रूप से धन जुटाने और तेजी से वृद्धि हासिल करने में मदद मिलेगी. स्पाइसजेट इस समय नियामकीय जांच के घेरे में है. पांच दिन पहले एयरलाइन को नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था, क्योंकि उसके विमानों में 19 जून से तकनीकी खराबी की कम से कम आठ घटनाएं हुईं थीं.
डीजीसीए ने कहा कि एयरलाइन सुरक्षित, कुशल और भरोसेमंद हवाई सेवाएं देने में विफल रही है. इस नोटिस का जवाब देने के लिए स्पाइसजेट को तीन सप्ताह का समय दिया गया है. एयरलाइन पिछले चार साल से घाटे में चल रही है. इसे 2018-19, 2019-20 और 2020-21 में क्रमशः 316 करोड़ रुपये, 934 करोड़ रुपये और 998 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ. इसके बाद अप्रैल-दिसंबर 2021 के दौरान उसे 1,248 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ. दूसरी ओर स्पाइसएक्सप्रेस का राजस्व बढ़ रहा है. अक्टूबर-दिसंबर, 2021 की तिमाही में स्पाइसएक्सप्रेस ने अपने राजस्व में 17 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 584 करोड़ रुपये हासिल किए.
सिंह ने पिछले सप्ताह कहा, 'हमें इसके लिए शेयरधारकों की मंजूरी मिल गई है (स्पाइसजेट से स्पाइसएक्सप्रेस को अलग करने के लिए). हमें ऐसा करने के लिए अपने बैंकों से मंजूरी भी मिल गई है. मुझे लगता है कि अंतिम चरण में... हम अगले माह के प्रथम सप्ताह तक प्रक्रिया पूरी कर लेंगे.' उन्होंने कहा, 'यह स्पाइसएक्सप्रेस नामक एक अलग कंपनी होगी. इसका स्वामित्व स्पाइसजेट के पास होगा, लेकिन यह एक अलग कंपनी होगी.' कंपनी ने पिछले साल 17 अगस्त को बताया था कि उसके द्वारा किए गए एक स्वतंत्र मूल्यांकन के आधार पर लॉजिस्टिक व्यवसाय का मूल्य 2,555.77 करोड़ रुपये है.
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(पीटीआई-भाषा)