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स्टालिन ने कहा, स्वास्थ्य और शिक्षा पर खर्च को मुफ्त उपहार नहीं माना जा सकता

तमिलनाडु के सीएम स्टालिन ने परोक्ष रूप से पीएम मोदी पर निशाना साधा है. स्टालिन ने कहा कि स्वास्थ्य, शिक्षा पर खर्च को मुफ्त उपहार नहीं माना जा सकता.

Tamil Nadu Chief Minister M K Stalin
तमिलनाडु के सीएम स्टालिन
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Published : Aug 13, 2022, 7:38 PM IST

चेन्नई : तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन (Tamil Nadu Chief Minister M K Stalin) ने शनिवार को कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य पर सरकार द्वारा किए गए खर्च को मुफ्त उपहार नहीं माना जा सकता और इस तरह के कदम गरीबों और हाशिये पर रहने वालों के लिए उठाये जा रहे हैं. स्टालिन ने मुफ्त उपहारों का विरोध करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर परोक्ष तौर पर निशाना साधा लेकिन कहा कि वह इसके बारे में ज्यादा बात नहीं करना चाहते क्योंकि 'यह राजनीति हो जाएगी.'

स्टालिन ने यहां अपने कोलातुर निर्वाचन क्षेत्र में अरुमिगु कपलीश्वरार कला एवं विज्ञान कॉलेज में एक कार्यक्रम में कहा कि वास्तव में उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि मुफ्त और कल्याण योजनाएं अलग अलग हैं. उन्होंने कहा, 'शिक्षा और स्वास्थ्य पर खर्च मुफ्त उपहार नहीं हो सकता क्योंकि शिक्षा ज्ञान के बारे में है जबकि दवा स्वास्थ्य से संबंधित है. यह सरकार इन दोनों क्षेत्रों में पर्याप्त कल्याणकारी योजनाओं को लागू करना चाहती है.'

स्वास्थ्य और शिक्षा में पहलों को सूचीबद्ध करते हुए स्टालिन ने कहा, 'ये मुफ्त उपहार नहीं (बल्कि) सामाजिक कल्याण योजनाएं हैं.' उन्होंने कहा, 'ये गरीबों और हाशिये के लोगों के लाभ के लिए लागू की गई हैं.' स्टालिन ने मोदी पर परोक्ष तौर पर निशाना साधते हुए कहा, 'कुछ लोग अब इस सलाह के साथ उभरे हैं कि कोई मुफ्त उपहार नहीं होना चाहिए.' उन्होंने कहा, 'हमें इसकी परवाह नहीं है. अगर मैं ज्यादा बात करूंगा तो यह राजनीति हो जाएगी. इसलिए मैं इस बारे में ज्यादा बात नहीं करना चाहता.'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में पानीपत में कहा था कि 'मुफ्त उपहार' देने से भारत के आत्मनिर्भर बनने के प्रयास बाधित होते हैं और इनसे करदाताओं पर बोझ भी पड़ता है. मोदी ने मुफ्त उपहार देने की राजनीति में शामिल होने को लेकर कुछ विपक्षी दलों पर हमला बोलते हुए कहा था कि इस तरह की चीजें राष्ट्र को केवल नुकसान ही पहुंचाएंगी क्योंकि इससे नयी प्रौद्योगिकी में निवेश बाधित होता है.

पढ़ें- मुफ्त रेवड़ी पर केजरीवाल ने लगाया आरोप तो वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दिया करारा जवाब

(पीटीआई-भाषा)

चेन्नई : तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन (Tamil Nadu Chief Minister M K Stalin) ने शनिवार को कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य पर सरकार द्वारा किए गए खर्च को मुफ्त उपहार नहीं माना जा सकता और इस तरह के कदम गरीबों और हाशिये पर रहने वालों के लिए उठाये जा रहे हैं. स्टालिन ने मुफ्त उपहारों का विरोध करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर परोक्ष तौर पर निशाना साधा लेकिन कहा कि वह इसके बारे में ज्यादा बात नहीं करना चाहते क्योंकि 'यह राजनीति हो जाएगी.'

स्टालिन ने यहां अपने कोलातुर निर्वाचन क्षेत्र में अरुमिगु कपलीश्वरार कला एवं विज्ञान कॉलेज में एक कार्यक्रम में कहा कि वास्तव में उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि मुफ्त और कल्याण योजनाएं अलग अलग हैं. उन्होंने कहा, 'शिक्षा और स्वास्थ्य पर खर्च मुफ्त उपहार नहीं हो सकता क्योंकि शिक्षा ज्ञान के बारे में है जबकि दवा स्वास्थ्य से संबंधित है. यह सरकार इन दोनों क्षेत्रों में पर्याप्त कल्याणकारी योजनाओं को लागू करना चाहती है.'

स्वास्थ्य और शिक्षा में पहलों को सूचीबद्ध करते हुए स्टालिन ने कहा, 'ये मुफ्त उपहार नहीं (बल्कि) सामाजिक कल्याण योजनाएं हैं.' उन्होंने कहा, 'ये गरीबों और हाशिये के लोगों के लाभ के लिए लागू की गई हैं.' स्टालिन ने मोदी पर परोक्ष तौर पर निशाना साधते हुए कहा, 'कुछ लोग अब इस सलाह के साथ उभरे हैं कि कोई मुफ्त उपहार नहीं होना चाहिए.' उन्होंने कहा, 'हमें इसकी परवाह नहीं है. अगर मैं ज्यादा बात करूंगा तो यह राजनीति हो जाएगी. इसलिए मैं इस बारे में ज्यादा बात नहीं करना चाहता.'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में पानीपत में कहा था कि 'मुफ्त उपहार' देने से भारत के आत्मनिर्भर बनने के प्रयास बाधित होते हैं और इनसे करदाताओं पर बोझ भी पड़ता है. मोदी ने मुफ्त उपहार देने की राजनीति में शामिल होने को लेकर कुछ विपक्षी दलों पर हमला बोलते हुए कहा था कि इस तरह की चीजें राष्ट्र को केवल नुकसान ही पहुंचाएंगी क्योंकि इससे नयी प्रौद्योगिकी में निवेश बाधित होता है.

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(पीटीआई-भाषा)

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