कोलकाता : पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 में तृणमूल कांग्रेस की प्रचंड जीत सुनिश्चित करने में महिला मतदाताओं की अहम भूमिका रही. राज्य में कई नगर निगमों और नगर पालिकाओं के लिए चुनाव अगले साल होने हैं. स्वाभाविक रूप से राज्य की सत्ताधारी पार्टी इस बार भी महिला मतदाताओं पर निर्भर है.
एक अलग महिला विंग होने के बावजूद तृणमूल कांग्रेस, वाम मोर्चे की तरह कभी भी इस पर ध्यान नहीं दे पाई कि कैसे घर-घर पहुंचकर महिला वोटरों पर पकड़ बनाई जाए. हालांकि अब रणनीति में बदलाव होगा. महिला विंग को जिम्मेदारी दी जाएगी कि गहन जनसंपर्क अभियान के तहत वह घर-घर जाकर महिला वोटरों से संपर्क साधेंगी.
महिला सशक्तिकरण पर दिया ध्यान
गौरतलब है कि 2011 में तृणमूल कांग्रेस ने सरकार बनाने के बाद विशेष रूप से महिलाओं के लिए विशेष विकास योजनाओं की शुरुआत के माध्यम से महिला सशक्तिकरण पर ध्यान केंद्रित कर रही थी. पंचायतों में महिला आरक्षण और कन्याश्री और रूपश्री जैसी परियोजनाएं कुछ ऐसे उदाहरण हैं. हाल ही में लक्खीर बहनादार योजना के माध्यम से राज्य सरकार ने महिलाओं के लिए 500 रुपये से 1,000 रुपये प्रति माह मासिक पॉकेट मनी की व्यवस्था की है.
तृणमूल कांग्रेस के सूत्रों ने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने फैसला किया है कि केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ घर-घर जाकर संपर्क किया जाएगा. वह पार्टी के आंदोलनों को घरेलू स्तर पर धकेलना चाहती हैं, इसके लिए विशेष महिला टीम को मैदान में उतारा जाएगा.
मिठाई लेकर घर-घर जाएगी महिला विंग
ये टीमें मिठाइयों के साथ घरेलू महिलाओं तक पहुंचेंगी. विशेष रूप से महिलाओं के लिए बनाई गई राज्य की विभिन्न विकासात्मक योजनाओं पर थीम अपडेट करेंगी. इसके साथ ही बढ़ती ईंधन की कीमत, आसमान छूती महंगाई जैसी जनविरोधी नीतियों के खिलाफ आंदोलन का हिस्सा बनने के लिए प्रोत्साहित करेंगी.
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इस मुद्दे पर पार्टी की लोकसभा सदस्य और तृणमूल कांग्रेस की महिला विंग की प्रदेश अध्यक्ष डॉ. काकोली घोष दस्तीदार ( Dr Kakoli Ghosh Dastidar) ने कहा कि यह कोई राजनीतिक कार्रवाई नहीं है क्योंकि आगे कोई बड़ा चुनाव नहीं है. हम बंगाल की महिलाओं के सच्चे दोस्त बनना चाहते हैं. हम चाहते हैं कि वे हमसे खुलकर बात करें. बेशक यह एक जनसंपर्क अभ्यास है.