भोपाल : देश में कोरोना की दूसरी लहर आई है, महाराष्ट्र, पंजाब सहित कई राज्यों में कोरोना केस बढ़ने लगे हैं. वहीं मध्यप्रदेश में भी कोरोना ने रफ्तार पकड़ ली है. राज्य के कई जिलों में अचानक से संक्रमितों की संख्या बढ़ने लगी है, जिसको लेकर शासन-प्रशासन एहतियातन कई कदम भी उठा रहे हैं. प्रदेश में बढ़ रहे संक्रमण को लेकर 'ईटीवी भारत' मध्यप्रदेश के ब्यूरो चीफ विनोद तिवारी ने नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (NCDC) के डायरेक्टर डॉ. सुदीप सिंह से बात की. जहां उन्होंने कोरोना वायरस की भारत में स्थिति और दूसरे दौर के बारे में बताया.
सवाल- कोरोना के दूसरे दौर के बारे में क्या कहेंगे. एक बार फिर संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है?
जवाब- देश में कोरोना संक्रमण के मामले तब-तब बढ़ेंगे जब इसे कैजुअली लेने लगेंगे. लोगों में इस महामारी के प्रति उदासीन होना संक्रमण बढ़ने का एक बड़ा कारण है. यह बात सभी को याद रखनी होगी कि हमारे देश में आबादी का एक बहुत बड़ा समूह ऐसा है जो संक्रमित नहीं हुआ है, वह वर्ग अगर संक्रमित नहीं हुआ है तो उसमें इम्यूनिटी भी नहीं आई है. वहीं वैक्सीन का कवरेज भी इतना नहीं हुआ है.
हमारे पास 80 प्रतिशत आबादी ऐसी है जो अभी तक संक्रमित नहीं हुई है, ऐसे में लोग अगर कोरोना को कैजुअली लेंगे तो संक्रमण बढ़ने का खतरा रहेगा.
सवाल- कोरोना में जो वैरियंट सामने आ रहे हैं, उस पर क्या कहना है?
जवाब- कोरोना को लेकर नए वैरियंट्स सामने तो आ रहे हैं, जो चुनौतीपूर्ण हैं. जिसका उदाहरण महाराष्ट्र, पंजाब में देखने मिला है. वहीं मध्यप्रदेश में भी अलग-अलग सैंपलिंग की गई है, जिसमें अलग-अलग वैरियंट्स सामने आए हैं. डॉ. सुदीप ने कहा कि वैरियंट्स कोई भी हो, अगर कोरोना की गाइडलाइन का हम पालन करते हैं तो यह हमारा कुछ नहीं बिगाड़ पाता है.
सवाल- यूके, ब्राजील,अफ्रीकन वैरियंट्स भी सामने आ रहे हैं, उस पर क्या कहना है?
जवाब- यूके के वैरियंट्स मध्यप्रदेश में ज्यादा नहीं मिले हैं. वहीं ब्राजील के वैरियंट्स तो एमपी में एक भी नहीं है, हालांकि यह देश में भी नहीं है, महज एक ही केस ब्राजीलन वैरिंयट्स का है, जो ज्यादा चिंता का विषय नहीं है.
सवाल-महाराष्ट्र के लोकल वैरियंट्स की भी खबरें सामने आ रही हैं ?
जवाब-महाराष्ट्र में लोकल वैरियंट्स हैं, जिसे डबल म्यूटेन कहते हैं. डबल म्यूटेंन वहां पर करीब 15-20 प्रतिशत की आबादी में पाया गया है, जिसे हम देख रहे हैं.
सवाल- जनवरी के बाद से संक्रमितों की संख्या अचानक बढ़ी है?
जवाब- हमारे देश में 70 करोड़ की आबादी ऐसी है जो संक्रमित होने की संभावना से ग्रसित है, क्योंकि यह सस्पेक्टेड पूल कहलाता है. वहीं हमने टेस्टिंग के प्रति भी उदासीनता कर ली है और कोविड टेस्ट की पद्धति को फॉलो नहीं किया जा रहा है.
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सवाल- सरकार जागरूक नहीं है या जनता जागरूक नहीं है इसकी क्या है वजह ?
जवाब- जागरूकता सभी में है, लेकिन हमारे देश में एक चीज जो सभी में है, वह यह है कि लोग सोचते हैं सबको हो सकता है लेकिन मुझे नहीं. यह उदासीनता हमारे अंदर है.वहीं धीरे-धीरे जब सब कुछ सामान्य हुआ तो लोगों को लगा कोरोना तो खत्म हो गया है.
सवाल- वैक्सीनेशन के बाद भी लोग पॉजिटिव हो रहे हैं?
जवाब- यह जांच का विषय है, वैसे हर वैक्सीन के सेंसटिविटी की एक क्षमता होती है.
सवाल- भारत सरकार ने सीरो सर्वे कराए, उनके क्या रिजल्ट और क्या गाइडलाइन हैं?
जवाब- सीरो सर्वे एक मार्गदर्शन देता है, या तो आपको संक्रमण के जरिए इम्यूनिटी मिलेगी, या फिर इम्यूनाइजेशन के जरिए इम्यूनिटी मिलेगी.
सवाल- ऐसा क्या करना चाहिए जिससे कोरोना से मुकाबला किया जाए ?
जवाब- सरकार पूरी तरह से कोविड -19 से मुकाबला कर रही है. लोगों को और भी जागरूक होना चाहिए.
सवाल- कोविड 19 का एक बड़ा सेंटर मध्यप्रदेश में बनने जा रहा है, इस पर क्या कहेंगे?
जवाब- यह एक बड़ा रीजनल सेंटर होगा. जिसको लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन और संसद में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसकी घोषणा की है, वहीं सरकार से जमीन के लिए भी अनुरोध किया गया है.
मध्यप्रदेश का यह सबसे महत्वपूर्ण सेंटर होगा. जिसमें कई अहम विभाग होंगे, जैसे इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर,वन हेल्थ का अप्रोच, जिसमें जानवरों से होने वाली बीमारियों के लक्षण जानने के लिए लेबोरेटरीज का नेटवर्क बनेगा, जहां पर हमारे वायरस, कीटाणु की एक समग्र जांच हो सकेगी और जांच के बाद उसको एनालाइज किया जा सकेगा. मध्यभारत का मध्यप्रदेश केंद्र है, लिहाजा इसे सेंटर के रूप में चुना गया है. वहीं दूसरे राज्य भी चुने गये हैं जैसे वैस्ट में अहमदाबाद, ईस्ट में गुवाहाटी और साउथ में बैंगलोर होगा.