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विश्व पर्यटन दिवस: बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी में है महामना की बगिया, जहां मिलती है गांधी और मालवीय की झलक

भारत रत्न पंडित मदन मोहन मालवीय ने गंगा के तट पर बसी भगवान शिव की नगरी काशी में चार फरवरी 1916 को बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी की स्थापना की थी. काशी हिंदू विश्वविद्यालय 1300 एकड़ भूमि में स्थापित है. विश्वविद्यालय में ही महामाना ने एक बगिया भी स्थापित की थी, शहर की सकरी गलियों से निकलकर जब आप इस बगिया में पहुंचेंगे तो आपको बहुत ही सुकून मिलेगा.

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Published : Sep 27, 2021, 11:42 AM IST

महामना की बगिया
महामना की बगिया

वाराणसी: पूरे देश में आज विश्व पर्यटन दिवस हर्ष और उल्लास से मनाया जा रहा है. पर्यटन की बात हो तो विश्व के प्राचीनतम शहर में शुमार बनारस का जिक्र लाजमी है. बनारस प्राचीन मंदिरों, प्राचीन इमारत, सकरी गलियों, खान पान के लिए तो जाना ही जाता है, मगर पर्यटन के लिहाज से भी यह शहर सबको आकर्षित करता है. शायद यही वजह है कि सात समंदर पार से भी लोग इस अनोखी नगरी को देखने के लिए आते हैं. यहीं पर बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी भी है जो सर्व विद्या की राजधानी भी कही जाती है. खास बात यह है कि काशी हिंदू विश्वविद्यालय एक पर्यटन स्थल भी है. यह बात बहुत कम लोग जानते हैं कि एशिया के सबसे बड़े भूभाग में बनी यह आवासीय यूनिवर्सिटी की संरचना भी बड़ी अद्भुत है.

100 वर्ष से ज्यादा पुरानी बिल्डिंग

विश्वविद्यालय की धर्म विज्ञान संकाय और कला संकाय की बिल्डिंग 100 वर्ष पार कर चुकी हैं और आज भी बेहद ही सुंदर है. यहां की नक्काशी और बिल्डिंग किसी भी पर्यटक को अपनी और आकर्षित करती है. एक विश्वविद्यालय की संरचना एक मंदिर के रूप में अगर आपको देखनी हो तो काशी के इस प्रांगण में जरूर आइए.

यहां मिलती है गांधी और मालवीय की झलक
यहां रखा है भारत रत्न

बीएचयू के भारत कला भवन म्यूजियम में महामना पंडित मदन मोहन मालवीय जी से जुड़ी बहुत सी वस्तुएं रखी हुई हैं. यहां पर उनकी पुस्तक, उनकी पोशाक, उन का साफा, उनके खड़ाऊ, उनका चश्मा पुराने दिनों की याद दिलाता है. भारत का सर्वोच्च पुरस्कार भारत रत्न भी यहीं पर रखा हुआ है, जिसे देखने के लिए देश ही नहीं बल्कि विदेशी पर्यटक भी आते हैं.

विश्वविद्यालय की संरचना

बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी में 16 संस्थान है, 14 संकाय, 140 विभाग, चार अंतर अनुवांशिक केंद्र, महिला महाविद्यालय, 13 विद्यालय, 4 संबंधित डिग्री कॉलेज. डॉ प्रवीण राणा ने बताया कोई भी विदेशी पर्यटक या अपने भारत के पर्यटक भारत आते हैं तो उन्हें काशी हिंदू विश्वविद्यालय को एक पर्यटन स्थल के रूप में भी दिखाया जाता है. सिंह द्वार से अंदर आते ही पूरा प्राकृतिक वातावरण ही बदल जाता है. प्रोफेसर ने बताया कि पर्यटक विश्वविद्यालय के अंदर स्थित श्री काशी विश्वनाथ मंदिर को देखने के लिए आते हैं.

महामना की बगिया
महामना की बगिया

प्रोफेसर राणा ने बताया कि विश्वविद्यालय कैंपस में बहुत कुछ घूमने के लिए है. सबसे खास बात तो यहां की बिल्डिंग है. जो बनारस की सबसे पुरानी बिल्डिंग और देश की हेरिटेज बिल्डिंग में शुमार है. 1919 आधारशिला रखी गई. उन्होंने बताया कि पूरे भारत में विश्वविद्यालय के अंदर के म्यूजियम रूप में देखें. भारत का सबसे प्रमुख विश्वविद्यालय का अपना अलग म्यूजियम है. उन्होंने कहा कि प्राचीन ज्वेलरी देखना है तो आप भारत कला भवन में जा सकते हैं.

विश्वविद्यालय की संरचना
विश्वविद्यालय की संरचना
मालवीय भवन

प्रोफेसर राणा ने बताया कि कैंपस में बने मालवीय भवन में महामना जी स्वयं निवास करते थे. आज भी उसी अवस्था में वह भवन है जो हमारे श्रद्धा का केंद्र है. विश्वविद्यालय से जुड़ी बहुत सारी बातें और मालवीय जी, महात्मा गांधी, एनी बेसेन्ट, सर्वपल्ली राधाकृष्णन, महाराजा बनारस ऐसे तमाम हस्तियों के वहां पर फोटोग्राफ्स लगे हैं, जो आपको और कहीं देखने को नहीं मिलेंगे.

वाराणसी: पूरे देश में आज विश्व पर्यटन दिवस हर्ष और उल्लास से मनाया जा रहा है. पर्यटन की बात हो तो विश्व के प्राचीनतम शहर में शुमार बनारस का जिक्र लाजमी है. बनारस प्राचीन मंदिरों, प्राचीन इमारत, सकरी गलियों, खान पान के लिए तो जाना ही जाता है, मगर पर्यटन के लिहाज से भी यह शहर सबको आकर्षित करता है. शायद यही वजह है कि सात समंदर पार से भी लोग इस अनोखी नगरी को देखने के लिए आते हैं. यहीं पर बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी भी है जो सर्व विद्या की राजधानी भी कही जाती है. खास बात यह है कि काशी हिंदू विश्वविद्यालय एक पर्यटन स्थल भी है. यह बात बहुत कम लोग जानते हैं कि एशिया के सबसे बड़े भूभाग में बनी यह आवासीय यूनिवर्सिटी की संरचना भी बड़ी अद्भुत है.

100 वर्ष से ज्यादा पुरानी बिल्डिंग

विश्वविद्यालय की धर्म विज्ञान संकाय और कला संकाय की बिल्डिंग 100 वर्ष पार कर चुकी हैं और आज भी बेहद ही सुंदर है. यहां की नक्काशी और बिल्डिंग किसी भी पर्यटक को अपनी और आकर्षित करती है. एक विश्वविद्यालय की संरचना एक मंदिर के रूप में अगर आपको देखनी हो तो काशी के इस प्रांगण में जरूर आइए.

यहां मिलती है गांधी और मालवीय की झलक
यहां रखा है भारत रत्न

बीएचयू के भारत कला भवन म्यूजियम में महामना पंडित मदन मोहन मालवीय जी से जुड़ी बहुत सी वस्तुएं रखी हुई हैं. यहां पर उनकी पुस्तक, उनकी पोशाक, उन का साफा, उनके खड़ाऊ, उनका चश्मा पुराने दिनों की याद दिलाता है. भारत का सर्वोच्च पुरस्कार भारत रत्न भी यहीं पर रखा हुआ है, जिसे देखने के लिए देश ही नहीं बल्कि विदेशी पर्यटक भी आते हैं.

विश्वविद्यालय की संरचना

बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी में 16 संस्थान है, 14 संकाय, 140 विभाग, चार अंतर अनुवांशिक केंद्र, महिला महाविद्यालय, 13 विद्यालय, 4 संबंधित डिग्री कॉलेज. डॉ प्रवीण राणा ने बताया कोई भी विदेशी पर्यटक या अपने भारत के पर्यटक भारत आते हैं तो उन्हें काशी हिंदू विश्वविद्यालय को एक पर्यटन स्थल के रूप में भी दिखाया जाता है. सिंह द्वार से अंदर आते ही पूरा प्राकृतिक वातावरण ही बदल जाता है. प्रोफेसर ने बताया कि पर्यटक विश्वविद्यालय के अंदर स्थित श्री काशी विश्वनाथ मंदिर को देखने के लिए आते हैं.

महामना की बगिया
महामना की बगिया

प्रोफेसर राणा ने बताया कि विश्वविद्यालय कैंपस में बहुत कुछ घूमने के लिए है. सबसे खास बात तो यहां की बिल्डिंग है. जो बनारस की सबसे पुरानी बिल्डिंग और देश की हेरिटेज बिल्डिंग में शुमार है. 1919 आधारशिला रखी गई. उन्होंने बताया कि पूरे भारत में विश्वविद्यालय के अंदर के म्यूजियम रूप में देखें. भारत का सबसे प्रमुख विश्वविद्यालय का अपना अलग म्यूजियम है. उन्होंने कहा कि प्राचीन ज्वेलरी देखना है तो आप भारत कला भवन में जा सकते हैं.

विश्वविद्यालय की संरचना
विश्वविद्यालय की संरचना
मालवीय भवन

प्रोफेसर राणा ने बताया कि कैंपस में बने मालवीय भवन में महामना जी स्वयं निवास करते थे. आज भी उसी अवस्था में वह भवन है जो हमारे श्रद्धा का केंद्र है. विश्वविद्यालय से जुड़ी बहुत सारी बातें और मालवीय जी, महात्मा गांधी, एनी बेसेन्ट, सर्वपल्ली राधाकृष्णन, महाराजा बनारस ऐसे तमाम हस्तियों के वहां पर फोटोग्राफ्स लगे हैं, जो आपको और कहीं देखने को नहीं मिलेंगे.

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