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आखिर क्यों इन्हें 'मशरूम लेडी' के नाम से जानती है दुनिया, जानें

मुंगेर की बीना देवी, जिन्होंने कृषि क्षेत्र में अपना महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है. उन्हें अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस यानी 08 मार्च 2020 को देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने नारी शक्ति पुरस्कार से सम्मानित किया था. साथ ही अन्य पुरस्कारों से सम्मानित हो चुकी है.

मशरूम लेडी
मशरूम लेडी
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Published : Mar 8, 2021, 1:14 PM IST

मुंगेर : राहें आसान हो जाती है, जब आप कुछ करने की ठान लेते हैं. सफलता मिलने के बाद लोग भी महिला और पुरुष में भेदभाव करना छोड़ देते हैं. वैसे भी आजकल महिला किसी क्षेत्र में पुरुषों से कम नहीं है. हर क्षेत्र में वह अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं.

बिहार में मुंगेर की रहने वाली बीना देवी ऐसे ही एक कर्मठ महिला हैं जिन्होंने कृषि क्षेत्र में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है. जिन्होंने अपने पलंग के नीचे ही मशरूम की खेती शुरू की और आज पूरे देश में प्रसिद्ध हो चुकी हैं. मशरूम लेडी के नाम से प्रसिद्ध बीना देवी आज महिलाओं एवं समाज के लिए प्रेरणा स्रोत बन गई हैं. जिनकी तारीफ देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीएम नीतीश कुमार तक कर चुके हैं.

मशरूम लेडी

जिस पलंग पर सोती थी, उसी के नीचे की मशरूम की खेती

बीना देवी के पास मशरूम की खेती करने के लिए ना ही कोई जमीन थी, ना ही कोई खेत था और ना ही कोई ऐसी जगह जिसका वह प्रयोग खेती के लिए कर सके. तब भी बीना देवी ने हिम्मत नहीं हारी और दिमाग लगाकर वह जिस पलंग पर सोती थी उस पलंग के नीचे ही मशरूम के एक किलो बीज मंगा कर इसकी खेती करनी शुरू कर दी. बीना देवी के इस कहानी को पीएम नरेंद्र मोदी ने खुद अपने ट्विटर हैंडल के जरिए साझा किया था, जिससे बाद पूरे देश को उनकी कहानी का पता लग पाया.

राष्ट्रपित कोविंद के साथ बीना देवी
राष्ट्रपित कोविंद के साथ बीना देवी

बीना देवी के घर पहुंची कृषि विश्वविद्यालय की टीम

मशरूम की खेती करने के लिए सबसे पहले बीना देवी ने अपने पलंग को चारों ओर से साड़ी से घेर दिया. उनका यह तरीका जब लोगों तक पहुंचा तो तुरंत कृषि विश्वविद्यालय की टीम उनके घर तक पहुंच गई और उनके इनोवेशन की तस्वीरें और वीडियो बाहर की दुनिया में वायरल हो गई. जिसे विश्वविद्यालय में दिखाया गया.

पीएम मोदी के साथ बीना देवी
पीएम मोदी के साथ बीना देवी

स्कॉर्पियो पर बैठने की थी तमन्ना

स्कॉर्पियो में बैठना बीना देवी का सपना था. क्योंकि वह स्कॉर्पियो में नहीं बैठी थी. उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि वह स्कॉर्पियो में बैठकर बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर जाएंगी और मुख्यमंत्री के द्वारा सम्मानित की जाएंगी. मशरूम की खेती की वजह से बीना देवी का सपना साकार हुआ और वह सम्मानित होने के लिए बिहार कृषि विश्वविद्यालय स्कॉर्पियो से सम्मान समारोह में पहुंची.

राष्ट्रपति के द्वारा हो चुकी हैं नारी शक्ति सम्मान से सम्मानित

उनकी जिन्दगी की सबसे खास बात रही कि उन्हें अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस यानी 08 मार्च 2020 को देश के राष्ट्रपति महामहिम रामनाथ कोविंद ने नारी शक्ति पुरस्कार से सम्मानित किया. बीना देवी ने अपने वीडियो के जरिए लोगों के साथ मशरूम की खेती के तरीके को साझा किया और यह भी बताया कि उन्हें कैसे सफलता मिली और साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि कैसे मशरूम की खेती से वह एक आत्मनिर्भर महिला के रूप में उभर कर सामने आई हैं.

पढ़ें :- महिला दिवस : बिहार की नासरा बेगम जिन्हें मिला पंचायत में विकास कराने के लिए सम्मान

सताती थी बच्चों की परवरिश की चिंता

बीना देवी के कार्य कुशलता को देखते हुए दौड़ी पंचायत का सरपंच भी बनाया गया. जहां उन्होंने 5 सालों तक अपना योगदान दिया. खेती से पहले बीना देवी अपने चार बच्चों को लेकर परेशान रहती थी कि कैसे उन्हें अच्छी शिक्षा दिलाएं. लेकिन अब वह आर्थिक रूप से इतनी मजबूत हो चुकी हैं कि वह अपने बड़े बेटे को अब इंजीनियरिंग करा रही हैं. यह उनके सशक्त सोच का ही परिणाम है कि वह आज इस मुकाम पर हैं. साथ ही साथ कई महिलाओं को भी वह सशक्त एवं आत्मनिर्भर बनाने का काम कर रही हैं.

बीना देवी की प्रेरणा से 3500 परिवार की चल रही है जीविका

एक गरीब परिवार में रहने वाली बीना देवी ने मशरूम की खेती के जरिए अपनी गरीबी तो दूर की ही, साथ ही साथ 100 से अधिक गांव में मशरूम की खेती के लिए लोगों में उत्साह भर दी. उन्हीं की वजह से आज 3500 से भी अधिक परिवारों का जीवन यापन आसानी से चल रहा है. इसका श्रेय सिर्फ और सिर्फ बीना देवी को ही जाता है.

अब तक 25000 से अधिक महिलाओं को कर चुकी हैं प्रशिक्षित

बीना देवी खुद ही नहीं आत्मनिर्भर बनी हैं बल्कि अन्य महिलाओं को भी आत्मनिर्भर बनाने के लिए गांव-गांव, शहर-शहर, जिला-जिला घूमकर मशरूम की खेती के लिए प्रशिक्षित कर रही हैं. इसके अलावा धान-गेहूं की भी खेती करने के लिए बताती हैं. अब तक उन्होंने 25,000 से अधिक महिलाओं को प्रशिक्षण दिया है तथा 500 से अधिक महिलाओं का ग्रुप बनाकर उन्हें संगठित कर आत्मनिर्भर बनाया है. उन्होंने कहा कि महिलाएं खेती किसानी अवश्य करें. इससे वे आत्मनिर्भर भी बनेंगी.

अब तक इन पुरस्कारों से हो चुकी हैं सम्मानित बीना देवी:-

  • 2014 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बीना देवी को किसान पुरस्कार से सम्मानित किया.
  • 2018 में महिला किसान अवार्ड से सम्मानित किया गया.
  • 2019 में किसान अभिनव पुरस्कार प्राप्त किया.
  • 2019 में बीना देवी को मिला जिला का सर्वोपरि किसान सम्मान.
  • 2019 में किसान मेला में जिला फॉर्मर सम्मान.
  • मुंगेर एसडीएम ने किया नारी सशक्तिकरण पुरस्कार से सम्मानित
  • रिलायंस ने दिया डिजिटल लिटरेसी पुरस्कार
  • डीडी किसान पटना एवं दिल्ली कर चुका है सम्मानित

मुंगेर : राहें आसान हो जाती है, जब आप कुछ करने की ठान लेते हैं. सफलता मिलने के बाद लोग भी महिला और पुरुष में भेदभाव करना छोड़ देते हैं. वैसे भी आजकल महिला किसी क्षेत्र में पुरुषों से कम नहीं है. हर क्षेत्र में वह अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं.

बिहार में मुंगेर की रहने वाली बीना देवी ऐसे ही एक कर्मठ महिला हैं जिन्होंने कृषि क्षेत्र में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है. जिन्होंने अपने पलंग के नीचे ही मशरूम की खेती शुरू की और आज पूरे देश में प्रसिद्ध हो चुकी हैं. मशरूम लेडी के नाम से प्रसिद्ध बीना देवी आज महिलाओं एवं समाज के लिए प्रेरणा स्रोत बन गई हैं. जिनकी तारीफ देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीएम नीतीश कुमार तक कर चुके हैं.

मशरूम लेडी

जिस पलंग पर सोती थी, उसी के नीचे की मशरूम की खेती

बीना देवी के पास मशरूम की खेती करने के लिए ना ही कोई जमीन थी, ना ही कोई खेत था और ना ही कोई ऐसी जगह जिसका वह प्रयोग खेती के लिए कर सके. तब भी बीना देवी ने हिम्मत नहीं हारी और दिमाग लगाकर वह जिस पलंग पर सोती थी उस पलंग के नीचे ही मशरूम के एक किलो बीज मंगा कर इसकी खेती करनी शुरू कर दी. बीना देवी के इस कहानी को पीएम नरेंद्र मोदी ने खुद अपने ट्विटर हैंडल के जरिए साझा किया था, जिससे बाद पूरे देश को उनकी कहानी का पता लग पाया.

राष्ट्रपित कोविंद के साथ बीना देवी
राष्ट्रपित कोविंद के साथ बीना देवी

बीना देवी के घर पहुंची कृषि विश्वविद्यालय की टीम

मशरूम की खेती करने के लिए सबसे पहले बीना देवी ने अपने पलंग को चारों ओर से साड़ी से घेर दिया. उनका यह तरीका जब लोगों तक पहुंचा तो तुरंत कृषि विश्वविद्यालय की टीम उनके घर तक पहुंच गई और उनके इनोवेशन की तस्वीरें और वीडियो बाहर की दुनिया में वायरल हो गई. जिसे विश्वविद्यालय में दिखाया गया.

पीएम मोदी के साथ बीना देवी
पीएम मोदी के साथ बीना देवी

स्कॉर्पियो पर बैठने की थी तमन्ना

स्कॉर्पियो में बैठना बीना देवी का सपना था. क्योंकि वह स्कॉर्पियो में नहीं बैठी थी. उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि वह स्कॉर्पियो में बैठकर बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर जाएंगी और मुख्यमंत्री के द्वारा सम्मानित की जाएंगी. मशरूम की खेती की वजह से बीना देवी का सपना साकार हुआ और वह सम्मानित होने के लिए बिहार कृषि विश्वविद्यालय स्कॉर्पियो से सम्मान समारोह में पहुंची.

राष्ट्रपति के द्वारा हो चुकी हैं नारी शक्ति सम्मान से सम्मानित

उनकी जिन्दगी की सबसे खास बात रही कि उन्हें अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस यानी 08 मार्च 2020 को देश के राष्ट्रपति महामहिम रामनाथ कोविंद ने नारी शक्ति पुरस्कार से सम्मानित किया. बीना देवी ने अपने वीडियो के जरिए लोगों के साथ मशरूम की खेती के तरीके को साझा किया और यह भी बताया कि उन्हें कैसे सफलता मिली और साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि कैसे मशरूम की खेती से वह एक आत्मनिर्भर महिला के रूप में उभर कर सामने आई हैं.

पढ़ें :- महिला दिवस : बिहार की नासरा बेगम जिन्हें मिला पंचायत में विकास कराने के लिए सम्मान

सताती थी बच्चों की परवरिश की चिंता

बीना देवी के कार्य कुशलता को देखते हुए दौड़ी पंचायत का सरपंच भी बनाया गया. जहां उन्होंने 5 सालों तक अपना योगदान दिया. खेती से पहले बीना देवी अपने चार बच्चों को लेकर परेशान रहती थी कि कैसे उन्हें अच्छी शिक्षा दिलाएं. लेकिन अब वह आर्थिक रूप से इतनी मजबूत हो चुकी हैं कि वह अपने बड़े बेटे को अब इंजीनियरिंग करा रही हैं. यह उनके सशक्त सोच का ही परिणाम है कि वह आज इस मुकाम पर हैं. साथ ही साथ कई महिलाओं को भी वह सशक्त एवं आत्मनिर्भर बनाने का काम कर रही हैं.

बीना देवी की प्रेरणा से 3500 परिवार की चल रही है जीविका

एक गरीब परिवार में रहने वाली बीना देवी ने मशरूम की खेती के जरिए अपनी गरीबी तो दूर की ही, साथ ही साथ 100 से अधिक गांव में मशरूम की खेती के लिए लोगों में उत्साह भर दी. उन्हीं की वजह से आज 3500 से भी अधिक परिवारों का जीवन यापन आसानी से चल रहा है. इसका श्रेय सिर्फ और सिर्फ बीना देवी को ही जाता है.

अब तक 25000 से अधिक महिलाओं को कर चुकी हैं प्रशिक्षित

बीना देवी खुद ही नहीं आत्मनिर्भर बनी हैं बल्कि अन्य महिलाओं को भी आत्मनिर्भर बनाने के लिए गांव-गांव, शहर-शहर, जिला-जिला घूमकर मशरूम की खेती के लिए प्रशिक्षित कर रही हैं. इसके अलावा धान-गेहूं की भी खेती करने के लिए बताती हैं. अब तक उन्होंने 25,000 से अधिक महिलाओं को प्रशिक्षण दिया है तथा 500 से अधिक महिलाओं का ग्रुप बनाकर उन्हें संगठित कर आत्मनिर्भर बनाया है. उन्होंने कहा कि महिलाएं खेती किसानी अवश्य करें. इससे वे आत्मनिर्भर भी बनेंगी.

अब तक इन पुरस्कारों से हो चुकी हैं सम्मानित बीना देवी:-

  • 2014 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बीना देवी को किसान पुरस्कार से सम्मानित किया.
  • 2018 में महिला किसान अवार्ड से सम्मानित किया गया.
  • 2019 में किसान अभिनव पुरस्कार प्राप्त किया.
  • 2019 में बीना देवी को मिला जिला का सर्वोपरि किसान सम्मान.
  • 2019 में किसान मेला में जिला फॉर्मर सम्मान.
  • मुंगेर एसडीएम ने किया नारी सशक्तिकरण पुरस्कार से सम्मानित
  • रिलायंस ने दिया डिजिटल लिटरेसी पुरस्कार
  • डीडी किसान पटना एवं दिल्ली कर चुका है सम्मानित
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