लखनऊ : राजधानी लखनऊ में बनने जा रहे देश के पहले नौसेना शौर्य संग्रहालय का लखनऊ से एक बहुत ही गहरा रिश्ता है. भारतीय नौसेना ने जब युद्धपोत आईएनएस गोमती को रिटायर किया तो इसे कहां रखा जाए और इसके बारे में लोग जान सकें इसके लिए एक संग्रहालय बनाने का निर्णय लिया गया. भारतीय नौसेना ने आईएनएस गोमती (INS GOMTI) के लखनऊ से एक रिश्ते को ध्यान में रखते हुए देश का पहला नौसेना संग्रहालय भी नवाबों के शहर लखनऊ में स्थापित करने का निर्णय लिया. इसके लिए नौसेना और उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग के बीच एमओयू किया गया. इस एमओयू के तहत शहीद पथ के किनारे स्थित इकाना स्टेडियम के पीछे करीब 27 एकड़ में देश के पहले नौसेना संग्रहालय की स्थापना की जा रही है. इस संग्रहालय को बनाने के लिए पर्यटन विभाग ने 22 करोड़ 94 लाख रुपए का बजट पास किया है. शौर्य स्मारक का शिलान्यास मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शनिवार को करेंगे. इस दौरान संस्कृति पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह समेत अन्य राजनैतिक हस्तियां व प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहेंगे.
छतर मंजिल और आईएनएस गोमती के बीच है विशेष रिश्ता : लखनऊ का छतर मंजिल अपने ऐतिहासिक विरासत के लिए जाना जाता है. इस भवन का निर्माण नवाब गाजीउद्दीन हैदर की याद में उनके उत्तराधिकारी नवाब नासिरुद्दीन हैदर ने करवाया था. यह इमारत भारत पुरातत्व विभाग द्वारा संरक्षित है. शहीद पथ के किनारे बना रहे नौसेना के शौर्य संग्रहालय में भारतीय नौसेना के युद्धपोत आईएनएस गोमती और उससे जुड़े इक्विपमेंट को रखा जा रहा है. पर्यटन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि 'आईएनएस गोमती का नाम लखनऊ से होकर निकलने वाली नदी गोमती के नाम पर तो रखा गया है, लेकिन लखनऊ की पहचान से जुड़े छतर मंजिल की एक रिप्लिका (छतर मंजिल का प्रतिरूप) भी इस युद्धपोत पर लगी हुई है. इसी को ध्यान में रखते हुए भारतीय नौसेना ने अपने इस युद्धपोत को लखनऊ में स्थापित करने का निर्णय लिया है.
शनिवार को मुख्यमंत्री जब नौसेना शौर्य संग्रहालय की स्थापना करेंगे तो वहां पर युद्धपोत आईएनएस गोमती (INS Gomti) में लगे एंकर को सबसे पहले यहां पर स्थापित किया जाएगा. इसके अलावा यहां पर आईएनएस गोमती की एक रिप्लिका भी तैयार की जाएगी. इसके अलावा यहां पर इस युद्धपोत के मिसाइल टारपीडो, कैनन तथा विभिन्न उपकरणों को भी प्रदर्शित किया जाएगा. साथ ही यहां पर नौसेना के सी-किंग हेलीकॉप्टर तथा सी-हैरियर वायु सेवा को भी डिस्प्ले में लगाया जाएगा. भारतीय जल सीमा से दूर नौसेना पर आधारित इस संग्रहालय में प्रदेश के युवाओं को नौसेना से संबंधित जानकारी देने के लिए डिजिटल इंटरप्रिटेशन सेंटर की भी निर्माण कराया जा रहा है. इसके अलावा यहां पर बच्चों के लिए एक स्पेशल पार्क तथा एक्टिविटी सेंटर्स की भी स्थापना की जाएगी.
देश का अपनी तरह का पहला संग्रहालय होगा : पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव मुकेश मेश्राम ने बताया कि 'भारतीय नौसेना का शौर्य संग्रहालय देश का पहला संग्रहालय होगा. इस संग्रहालय में पांच हजार वर्ष पूर्व भारतीय सभ्यता, संस्कृति के शुरुआत में सिंधु घाटी सभ्यता के नगरों हड़प्पा, मोहन जोदड़ो, लोथल आदि में बने जलयानों से लेकर प्राचीन भारत में सातवाहन, गुप्त व चोल साम्राज्य तथा मध्यकाल में मराठा साम्राज्य द्वारा गठित नौसेना और मौजूदा भारतीय नौसेना के युद्धपोतों और जलयानों को प्रदर्शित किया जाएगा. उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग और भारतीय नौसेना में एग्रीमेंट हुआ है कि शौर्य संग्रहालय का निर्माण शुरू होने के साथ ही मिसाइल समेत अन्य उपकरणों को लखनऊ लाया जाएगा. संग्रहालय में आइएनएस गोमती के उपकरणों के अलावा नौसेना के सी—किंग हेलीकाप्टर और सी—हैरियर वायुयान को भी प्रदर्शित किया जाएगा. युवाओं को नौसेना संबंधित जानकारी देने के लिए डिजिटल इंटरप्रेटेशन सेंटर का निर्माण भी किया जाएगा.