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Terror Conspiracy Case : काउंसलिंग के बाद रिहा हुए थे, नौ साल बाद आतंकी साजिश मामले में 5 साल कैद

आतंकी साजिश मामले में एक युवक को उसके दोस्त के साथ गिरफ्तार किया गया था. खुलासा हुआ कि ये दोनों भारत में लोन-वुल्फ़ हमले की योजना बना रहे थे. विशेष एनआईए अदालत ने दोनों को दोषी ठहराया है और उन्हें पांच साल कैद की सजा सुनाई है (Terror Conspiracy Case ).

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 28, 2023, 10:12 PM IST

हैदराबाद: दिल्ली में एक विशेष राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) अदालत ने आतंकी साजिश मामले में हैदराबाद के दो युवकों को दोषी ठहराया (Terror Conspiracy Case). दोनों में से एक को नौ साल पहले हैदराबाद पुलिस ने गिरफ्तार किया था, लेकिन काउंसलिंग के बाद रिहा कर दिया गया था. तब लगा था कि आरोपी जो उस वक्त इंजीनियरिंग का छात्र था, अगर उसके खिलाफ कार्रवाई हुई तो उसका करियर खत्म हो जाएगा.

हालांकि, हैदराबाद पुलिस गलत साबित हुई है क्योंकि काउंसलिंग हैदराबाद के चंद्रयानगुट्टा हाफ़िज़बाबानगर क्षेत्र के निवासी आरोपी अब्दुल बासिथ को सुधारने में विफल रही. एनआईए कोर्ट ने बासिथ और अब्दुल कादिर को पांच साल की सजा सुनाई है.

2014 में बासित ने एक युवक के साथ हैदराबाद से कोलकाता होते हुए बांग्लादेश जाने का प्रयास किया और फिर आईएसआईएस प्रायोजित आतंकवादी गतिविधियों में भाग लेने के लिए सीरिया चला गया. उस वक्त हैदराबाद इंटेलिजेंस डिविजन पुलिस ने कोलकाता पुलिस को अलर्ट कर दिया था. उन्हें हैदराबाद लाया गया और काउंसलिंग से गुजरना पड़ा.

2015 में, दोनों को दो अन्य लोगों के साथ नागपुर से श्रीनगर जाने की कोशिश करते समय महाराष्ट्र आतंकवाद विरोधी दस्ते ने गिरफ्तार किया था. तब पता चला कि चारों युवक आईएसआईएस के लिए काम करने के लिए श्रीनगर से अफगानिस्तान जाने की कोशिश कर रहे थे. खुफिया विभाग के उच्च अधिकारियों को मिली गुप्त सूचना के आधार पर इन्हें पकड़ा गया.

बासिथ की संलिप्तता तब सामने आई जब एनआईए ने एक आतंकी साजिश मामले में अबू धाबी में चार भारतीय युवकों से पूछताछ की. खुलासा हुआ कि बासिथ और कादिर भारत में लोन-वुल्फ़ अटैक करने की साजिश रच रहे थे. दोनों के खिलाफ मामला दर्ज कर उन्हें तिहाड़ जेल भेज दिया गया.

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हालांकि, हैदराबाद पुलिस गलत साबित हुई है क्योंकि काउंसलिंग हैदराबाद के चंद्रयानगुट्टा हाफ़िज़बाबानगर क्षेत्र के निवासी आरोपी अब्दुल बासिथ को सुधारने में विफल रही. एनआईए कोर्ट ने बासिथ और अब्दुल कादिर को पांच साल की सजा सुनाई है.

2014 में बासित ने एक युवक के साथ हैदराबाद से कोलकाता होते हुए बांग्लादेश जाने का प्रयास किया और फिर आईएसआईएस प्रायोजित आतंकवादी गतिविधियों में भाग लेने के लिए सीरिया चला गया. उस वक्त हैदराबाद इंटेलिजेंस डिविजन पुलिस ने कोलकाता पुलिस को अलर्ट कर दिया था. उन्हें हैदराबाद लाया गया और काउंसलिंग से गुजरना पड़ा.

2015 में, दोनों को दो अन्य लोगों के साथ नागपुर से श्रीनगर जाने की कोशिश करते समय महाराष्ट्र आतंकवाद विरोधी दस्ते ने गिरफ्तार किया था. तब पता चला कि चारों युवक आईएसआईएस के लिए काम करने के लिए श्रीनगर से अफगानिस्तान जाने की कोशिश कर रहे थे. खुफिया विभाग के उच्च अधिकारियों को मिली गुप्त सूचना के आधार पर इन्हें पकड़ा गया.

बासिथ की संलिप्तता तब सामने आई जब एनआईए ने एक आतंकी साजिश मामले में अबू धाबी में चार भारतीय युवकों से पूछताछ की. खुलासा हुआ कि बासिथ और कादिर भारत में लोन-वुल्फ़ अटैक करने की साजिश रच रहे थे. दोनों के खिलाफ मामला दर्ज कर उन्हें तिहाड़ जेल भेज दिया गया.

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