गुवाहाटी : असम में दिसंबर 2019 में नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के खिलाफ हुए हिंसक प्रदर्शनों में कथित भूमिका के लिए राज्य के विधायक अखिल गोगोई को विशेष एनआईए अदालत (NIA COURT) ने यूएपीए के तहत दर्ज सभी आरोपों से बरी कर दिया है. गोगोई करीब 19 महीने तक जेल में रहने के बाद बृहस्पतिवार को रिहा हुए.
शिवसागर विधानसभा सीट से निर्दलीय विधायक गोगोई को विशेष NIA कोर्ट के आदेश के बाद गौहाटी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (GMCH) से रिहा कर दिया गया. वहां उनका अनेक बीमारियों का उपचार चल रहा था. अदालत ने गुवाहाटी केंद्रीय कारागार को उनकी रिहाई का आदेश दिया था. रिहा होने के बाद राइजोर दल के प्रमुख ने कहा, 'आखिरकार सत्य की जीत हुई, हालांकि मुझे सलाखों के पीछे रखने में कोई कसर नहीं छोड़ी गई.' वहीं मामले के संबंध में वकील राहुल सेंचोवा ( rahul senchowa) ने गोगोई के रिहाई आदेश के बारे में जानकारी दी.
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गोगोई और उनके साथियों पर सीएए के खिलाफ 2019 में असम में हिंसक प्रदर्शनों में कथित भूमिका के लिए गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम ( UAPA) के तहत दो मामले दर्ज किये गये थे. उन्होंने फैसले को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि विशेष एनआईए न्यायाधीश प्रांजल दास ने न्यायपालिका की स्वतंत्रता को सिद्ध किया है. उन्होंने कहा, 'इससे पहले मुझे सलाखों के पीछे रखने के लिए कानून का इस्तेमाल किया गया था लेकिन एनआईए न्यायाधीश ने एक निष्पक्ष फैसला सुनाकर मिसाल पेश की है और उन्होंने न्यायपालिका में लोगों के विश्वास को बहाल किया है.'
गोगोई ने कहा, 'उनके फैसले से एक मिसाल कायम होगी और उन लोगों को जेल से बाहर निकलने में मदद मिलेगी जो सीएए के खिलाफ प्रदर्शन करने या अनेक मुद्दों पर सरकार का विरोध करने के मामले में अब भी जेल में हैं.' विधायक रिहा होने के बाद सबसे पहले सैम स्टैफोर्ड के गुवाहाटी के हाथीगांव स्थित घर गए और उन्हें 'सीएए का प्रथम शहीद’ करार दिया. गोगोई ने स्टैफोर्ड के परिवार को कुछ धनराशि भी दी.
गोगोई ने कहा, 'मैंने उनके परिवार को थोड़ी सी धनराशि देने के लिए अपनी पत्नी से पैसे उधार लिए.' उन्होंने कहा कि वह सीएए विरोधी प्रदर्शनों के दौरान 'शहीद हुए चार अन्य लोगों' के घर भी जाएंगे.