नई दिल्ली : अंतरिक्ष एवं उपग्रह कंपनियों के संगठन इंडियन स्पेस एसोसिएशन की शुरुआत पर आयोजित कार्यक्रम में संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने उद्योग जगत के प्रमुखों से स्पेक्ट्रम के प्रबंधन में दुनिया भर में इस्तेमाल में लाए जा रहे सबसे अच्छे तरीकों का अध्ययन करने और वैसे सुझाव देने को कहा जिनसे नई नीति तथा मानदंडों के निर्माण में मदद मिले.
उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष और दूरसंचार 'स्वभाविक रूप से आपस में जुड़े' क्षेत्र हैं, खासकर स्पेक्ट्रम के प्रबंधन को लेकर ऐसा ही है.
मंत्री ने कहा कि भारतीय रेलवे भी नियोजन, ट्रेनों की कुशल आवाजाही, आपदा प्रबंधन, और फाइबर एवं दूरसंचार टावरों की अनुपलब्धता वाली जगहों पर संचार सेवाओं के लिहाज से अंतरिक्ष प्रौद्योगिकियों का एक बड़ा उपभोक्ता है.
उन्होंने उद्योग को रेल अधिकारियों एवं अंतरिक्ष विभाग के साथ विस्तृत अध्ययन करने तथा रेलवे को और कुशल बनाने की खातिर सुझाव देने की अपील की.
आईटी मंत्री वैष्णव ने कहा कि अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और दूरसंचार की संयुक्त शक्ति भी समावेशी विकास की दिशा में बड़े पैमाने पर योगदान देगी.
उन्होंने कहा, 'यह बहुत साफ है कि अंतरिक्ष और दूरसंचार मिलकर हमें उन क्षेत्रों तक पहुंचने में मदद कर सकते हैं जहां पहुंचना परंपरागत रूप से आसान नहीं है... जैसे वन क्षेत्र, आदिवासी क्षेत्र जो काफी दूरदराज की जगहों पर बसे हैं ... हमारे देश के पूर्वोत्तर के हिस्सों में, हिमालयी खंड, रेगिस्तानी इलाके.. इनमें से कई खंड जहां पारंपरिक तरीकों से डिजिटल सेवाएं नहीं पहुंच पायी हैं, मुझे उम्मीद है कि अंतरिक्ष प्रौद्योगिकियों के साथ हम उन क्षेत्रों तक पहुंचने में सक्षम होंगे.'
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उन्होंने साथ ही कहा, 'हमारी सरकार की सोच काफी खुली हुई हैं. हम इस क्षेत्र में सुधार करना चाहते हैं और सभी को समान अवसर प्रदान करना चाहते हैं. हम चाहते हैं कि इस क्षेत्र में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा हो. इसलिए आप सिफारिशें दें जिनसे इस दिशा में नीति बनाने में हमें मदद मिलेगी.'
(पीटीआई-भाषा)