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दक्षिण भारत को मिली पहली वंदे भारत ट्रेन, पीएम मोदी ने दिखाई हरी झंडी

गौरतलब है कि पहली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन दिल्ली-कानपुर-इलाहाबाद-वाराणसी रूट पर शुरू की गई थी. इसके बाद अलग-अलग रूटों पर तीन और ट्रेनें चलाई गई हैं. इनमें से नवीनतम ट्रेनों को दिल्ली-ऊना पर पीएम मोदी द्वारा झंडी दिखाकर रवाना किया गया था जिससे यात्रा का समय कम हो गया और मार्ग पर कनेक्टिविटी में सुधार हुआ.

दक्षिण भारत को मिली पहली सेमी-हाई-स्पीड ट्रेन, भारत की पांचवीं वंदे भारत ट्रेन को पीएम ने दिखाई हरी झंडी
दक्षिण भारत को मिली पहली सेमी-हाई-स्पीड ट्रेन, भारत की पांचवीं वंदे भारत ट्रेन को पीएम ने दिखाई हरी झंडी
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Published : Nov 11, 2022, 10:30 AM IST

Updated : Nov 11, 2022, 10:41 AM IST

चेन्नई: दक्षिण भारत को अपना पहला वंदे भारत ट्रेन मिल गयी है. प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी मैसूर और चेन्नई के बीच नई ट्रेन को हरी झंडी दिखाई. ट्रेन का ट्रायल रन चेन्नई के एमजी रामचंद्रन सेंट्रल रेलवे स्टेशन से पहले ही किया जा चुका था. मैसूर-चेन्नई वंदे भारत ट्रेन भारत की पांचवीं सेमी-हाई-स्पीड ट्रेन होगी. इसके अलावा, पीएम मोदी केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के नए टर्मिनल का भी उद्घाटन करने वाले हैं. इन नई परियोजनाओं का उद्देश्य शहर को बेहतर कनेक्टिविटी देना है.

पढ़ें: पीएम मोदी आज से दक्षिण भारत के चार राज्यों के दौरे पर, करोड़ों की परियोजनाएं करेंगे समर्पित

गौरतलब है कि पहली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन दिल्ली-कानपुर-इलाहाबाद-वाराणसी रूट पर शुरू की गई थी. इसके बाद अलग-अलग रूटों पर तीन और ट्रेनें चलाई गई हैं. इनमें से नवीनतम ट्रेनों को दिल्ली-ऊना पर पीएम मोदी द्वारा झंडी दिखाकर रवाना किया गया था जिससे यात्रा का समय कम हो गया और मार्ग पर कनेक्टिविटी में सुधार हुआ. यह ट्रेन सुविधा और गति के मामले में भारतीय रेलवे की अगली महत्वपूर्ण प्रगति का प्रतिनिधित्व करती है. ये ट्रेनें यात्रा के समय को 25 प्रतिशत से 45 प्रतिशत तक कम कर रही हैं.

पढ़ें: पीएम मोदी बेंगलुरु एयरपोर्ट के टर्मिनल 2 और केम्पेगौड़ा की प्रतिमा का करेंगे उद्घाटन

उदाहरण के लिए, नई दिल्ली और वाराणसी के बीच की यात्रा में आठ घंटे का समय लगेगा, जो इन दोनों शहरों के बीच चलने वाली सबसे तेज ट्रेन की तुलना में 40-50 प्रतिशत है. इसके अलावा, प्रत्येक कोच में एक स्वचालित दरवाजा, एक जीपीएस-आधारित ऑडियो-विजुअल यात्री सूचना प्रणाली, वाई-फाई के लिए एक ऑनबोर्ड हॉटस्पॉट और बेहद आरामदायक बैठने की सुविधा है. सभी बाथरूमों में बायो-वैक्यूम शौचालय हैं.

पढ़ें: पीएम मोदी पहुंचे बेंगलुरु, केम्पेगौड़ा की 108 फुट ऊंची प्रतिमा का करेंगे अनावरण

प्रकाश की दो तरह की व्यवस्था है पूरी बॉगी में रोशनी के लिए विसरित व्यवस्था और प्रत्येक सीट के लिए अलग-अलग. अब सभी वर्गों के पास साइड रेक्लाइनर सीट की सुविधा होगी जो एक्ज़ीक्यूटिव क्लास के यात्रियों के लिए उपलब्ध है. 180-डिग्री घूमने वाली एक्ज़ीक्यूटिव क्लास कार्यकारी कोचों के लिए एक अतिरिक्त सुविधा है. बढ़ी हुई परिचालन सुरक्षा के लिए, वंदे भारत 2.0 ट्रेनें कवच (ट्रेन कोलिजन अवॉइडेंस सिस्टम) से लैस हैं. प्रत्येक कोच में चार आपातकालीन विंडो के जुड़ने से सुरक्षा में वृद्धि होगी. सिर्फ दो के बजाय अब चार प्लेटफॉर्म साइड कैमरे होंगे, जिसमें कोच के बाहर एक रियरव्यू कैमरा भी शामिल है.

पढ़ें: गुजरात विधानसभा चुनाव: कांग्रेस ने 46 उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी की

चेन्नई: दक्षिण भारत को अपना पहला वंदे भारत ट्रेन मिल गयी है. प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी मैसूर और चेन्नई के बीच नई ट्रेन को हरी झंडी दिखाई. ट्रेन का ट्रायल रन चेन्नई के एमजी रामचंद्रन सेंट्रल रेलवे स्टेशन से पहले ही किया जा चुका था. मैसूर-चेन्नई वंदे भारत ट्रेन भारत की पांचवीं सेमी-हाई-स्पीड ट्रेन होगी. इसके अलावा, पीएम मोदी केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के नए टर्मिनल का भी उद्घाटन करने वाले हैं. इन नई परियोजनाओं का उद्देश्य शहर को बेहतर कनेक्टिविटी देना है.

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गौरतलब है कि पहली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन दिल्ली-कानपुर-इलाहाबाद-वाराणसी रूट पर शुरू की गई थी. इसके बाद अलग-अलग रूटों पर तीन और ट्रेनें चलाई गई हैं. इनमें से नवीनतम ट्रेनों को दिल्ली-ऊना पर पीएम मोदी द्वारा झंडी दिखाकर रवाना किया गया था जिससे यात्रा का समय कम हो गया और मार्ग पर कनेक्टिविटी में सुधार हुआ. यह ट्रेन सुविधा और गति के मामले में भारतीय रेलवे की अगली महत्वपूर्ण प्रगति का प्रतिनिधित्व करती है. ये ट्रेनें यात्रा के समय को 25 प्रतिशत से 45 प्रतिशत तक कम कर रही हैं.

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उदाहरण के लिए, नई दिल्ली और वाराणसी के बीच की यात्रा में आठ घंटे का समय लगेगा, जो इन दोनों शहरों के बीच चलने वाली सबसे तेज ट्रेन की तुलना में 40-50 प्रतिशत है. इसके अलावा, प्रत्येक कोच में एक स्वचालित दरवाजा, एक जीपीएस-आधारित ऑडियो-विजुअल यात्री सूचना प्रणाली, वाई-फाई के लिए एक ऑनबोर्ड हॉटस्पॉट और बेहद आरामदायक बैठने की सुविधा है. सभी बाथरूमों में बायो-वैक्यूम शौचालय हैं.

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प्रकाश की दो तरह की व्यवस्था है पूरी बॉगी में रोशनी के लिए विसरित व्यवस्था और प्रत्येक सीट के लिए अलग-अलग. अब सभी वर्गों के पास साइड रेक्लाइनर सीट की सुविधा होगी जो एक्ज़ीक्यूटिव क्लास के यात्रियों के लिए उपलब्ध है. 180-डिग्री घूमने वाली एक्ज़ीक्यूटिव क्लास कार्यकारी कोचों के लिए एक अतिरिक्त सुविधा है. बढ़ी हुई परिचालन सुरक्षा के लिए, वंदे भारत 2.0 ट्रेनें कवच (ट्रेन कोलिजन अवॉइडेंस सिस्टम) से लैस हैं. प्रत्येक कोच में चार आपातकालीन विंडो के जुड़ने से सुरक्षा में वृद्धि होगी. सिर्फ दो के बजाय अब चार प्लेटफॉर्म साइड कैमरे होंगे, जिसमें कोच के बाहर एक रियरव्यू कैमरा भी शामिल है.

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Last Updated : Nov 11, 2022, 10:41 AM IST
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