बिलासपुर: कोल लेवी से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले में सौम्या चौरसिया को ईडी ने दिसंबर 2022 में गिरफ्तार किया था. वे अब भी जेल में बंद हैं. सौम्या चौरसिया ने अपनी जमानत याचिका हाईकोर्ट में लगाई थी, जिसमें उन्होंने अपने ऊपर लगे आरोप को निराधार बताया है. याचिका पर मंगलवार को सुनवाई हुई. बहस पूरी न होने पर मामले की अगली सुनवाई 5 अप्रैल को रखी गई है.
रायपुर कोर्ट ने खारिज की थी जमानत की अर्जी: पिछले दिनों प्रवर्तन निदेशालय ने राज्य के कोल माफिया और कई प्रशासनिक अधिकारियों के घर, दफ्तर और उनके ठिकानों पर छापामार कार्रवाई की थी. इसमें ईडी ने कई अधिकारियों की गिरफ्तारी भी की थी, जिसमें राज्यसेवा की अधिकारी सौम्या चौरसिया भी थीं. गिरफ्तारी के बाद सौम्या ने रायपुर कोर्ट में बेल एप्लीकेशन दिया था, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था. रायपुर में आवेदन खारिज होने के बाद निलंबित अधिकारी सौम्या चौरसिया ने हाई कोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी. जमानत याचिका दायर होने के बाद हाई कोर्ट में याचिका की सुनवाई मंगलवार को हुई. मामले में सौम्या चौरसिया के वकील सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ एडवोकेट कपिल सिब्बल ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपना पक्ष रखा है.
राजनीतिक द्वेष से ईडी ने की करवाई: सौम्या चौरसिया के वकील ने बताया कि "याचिका में सौम्या चौरसिया ने कोर्ट को बताया है कि उनके ठिकानों पर ईडी ने तीन-तीन बार छापे मार कार्यवाई की. बैंक लॉकर खोल कर देखा. बैंक खाते में कुछ नहीं मिला. अन्य स्थानों पर भी छापेमार कार्रवाई में ईडी को कुछ भी हासिल नहीं हुआ, जिसकी वजह से उन्हें गिरफ्तार किया जाता. बावजूद इसके ईडी ने उन्हें गिरफ्तार किया. राजनीतिक द्वेष की वजह से उन पर कार्रवाई की गई है."