श्रीनगर : जम्मू कश्मीर का जाना माना पर्यटन स्थल सोनमर्ग पिछले दो साल से वीरान पड़ा है. दो साल पहले धारा 370 हटने, कोरोना और फिर लॉकडाउन से वहां काम करने वाले होटल व्यवसायी, व्यापारी, घुड़सवार, मजदूर और ट्रांसपोर्टर बुरी तरह प्रभावित हुए हैं.
ईटीवी भारत संवाददाता से बात करते हुए सोनमर्ग के होटल मालिकों ने अपनी दर्दभरी कहानी कुछ इस तरह सुनाई कि 5 अगस्त 2019 से पहले सोनमर्ग स्थित हमारे होटल पर्यटकों से खचाखच भरे रहते थे.
उन्होंने कहा, 'सरकार ने अचानक हमारे होटलों से पर्यटकों को जबरन निकालना शुरू कर दिया था. हमें समझ नहीं आ रहा था कि क्या हुआ था या क्या होने वाला था, जिसकी वजह से होटलों को खाली करा लिया गया था.
पांच अगस्त 2019 को जिस दिन से केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने की घोषणा की थी, उस दिन से हम समझ गए थे कि स्थिति वास्तव में नहीं बिगड़नी चाहिए, इसलिए सरकार ने होटल खाली करने के लिए कहा था.
होटल व्यवसायियों का कहना है कि चूंकि हमने सोचा था कि मार्च 2020 तक पर्यटन सीजन पटरी पर आ सकता है, तभी कोरोना ने दस्तक दे दी.
अब जबकि इस बार उम्मीद थी कि शायद इस बार कुछ ठीक होगा, लेकिन किस्मत साथ छोड़ गई, कोरोना ने फिर दस्तक दे दी और सारी उम्मीदें धराशायी हो गईं.
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उनका कहना है कि हम पिछले दो साल से पानी और बिजली का बकाया भुगतान कर रहे हैं. होटल व्यवसायियों का कहना है कि कुछ महीनों से कश्मीर में पर्यटन सीजन में कुछ प्रगति हुई है, लेकिन वह सारा काम सर्दियों में ही होता था और गुलमर्ग के होटल व्यवसायियों ने इसका फायदा उठाया, क्योंकि इन दिनों सोनमर्ग ठंड और भारी बर्फबारी के चलते बंद है.