नई दिल्ली: कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सोमवार को कहा कि मोदी सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 के बजट के माध्यम से गरीबों पर 'गुपचुप प्रहार' किया है और समान विचारधारा वाले लोगों को एक साथ आकर सरकार के नुकसान पहुंचाने वाले कदमों का विरोध करना चाहिए तथा वह बदलाव लाना चाहिए जो जनता देखना चाहती है.
उन्होंने अंग्रेजी दैनिक इ इंडियन एक्सप्रेस में लिखे लेख में अडाणी समूह से जुड़े प्रकरण का भी परोक्ष रूप से हवाला दिया और आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनके मंत्री विश्व गुरू और अमृतकाल की डींगे हांक रहे हैं जबकि उनके चहेते और कृपापात्र व्यवसायी को लेकर वित्तीय धांधली का मामला सामने आ गया है.
सोनिया गांधी ने यह दावा भी किया, 'प्रधानमंत्री की नीति गरीबों और मध्यम वर्ग के लोगों की कीमत पर अपने कुछ अमीर मित्रों को फायदा पहुंचाने की है, चाहे वो नोटबंदी हो, गलत ढंग से बनी एवं छोटे कारोबारों को नुकसान पहुंचाने वाली जीएसटी हो, तीन कृषि कानूनों को लाने का विफल प्रयास हो या फिर कृषि क्षेत्र की उपेक्षा हो.'
उन्होंने आरोप लगाया कि विध्वंसक निजीकरण के कारण बहुमूल्य राष्ट्रीय संपत्तियां बहुत ही सस्ती कीमत पर निजी हाथों में सौंप दी गईं जो बेरोजगारी का एक कारण बना है. कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख ने यह दावा भी किया कि मौजूदा सरकार ने संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के समय के लोगों को अधिकार देने और दूरगामी असर वाले कानूनों पर भी कुठाराघात किया है.
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उन्होंने कहा, 'यह समान विचार वाले भारतीयों का कर्तव्य है कि वो साथ आएं, इस सरकार के नुकसान पहुंचाने वाले कदमों का विरोध करें और एक ऐसे बदलाव की बुनियाद रखें जिसका लोग इंतजार कर रहे हैं.' सोनिया गांधी ने आरोप लगाया कि यह बजट गरीबों पर 'गुपचुप प्रहार' है. उन्होंने दावा किया कि प्रधानमंत्री को अधिकारों के संदर्भ में की जाने वाली सभी तरह की बातें नापंसद हैं.
(पीटीआई-भाषा)