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Watch : अमशीपोरा फर्जी मुठभेड़ के बाद सेना को मिली छूट के कारण पुंछ में हुई नागरिकों की हत्या : महबूबा मुफ्ती - Mehbooba Mufti on Poonch civilian killings

Mehbooba Mufti on Poonch civilian killings: पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती ने आरोप लगाया है कि सेना पर हुए हमले के मामले में कुछ स्थानीय लोगों को टॉर्चर किया गया, जिससे तीन की मौत हो गई है. महबूबा मुफ्ती ने उनके परिवार को मुआवजा देने की मांग की है. Mehbooba Mufti, recent ambush attack.

Mehbooba Mufti
महबूबा मुफ्ती
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 23, 2023, 4:28 PM IST

Updated : Dec 23, 2023, 6:53 PM IST

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श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने शनिवार को कहा कि 'अमशीपोरा फर्जी मुठभेड़ मामले के बाद सेना को मिली छूट के कारण पुंछ में नागरिकों की हत्या हुई है. पीडीपी अध्यक्ष ने कथित यातना में मारे गए प्रत्येक नागरिक के परिवार को 50 लाख रुपये और घायलों को 5 लाख रुपये का मुआवजा देने की भी मांग की. पुंछ के डेरा की गली इलाके में घात लगाकर किए गए हमले में पांच सैनिक शहीद हो गए जबकि दो अन्य घायल हैं. इस सिलसिले में शुक्रवार को सेना द्वारा उठाए जाने के बाद कम से कम तीन नागरिकों की 'हिरासत में' मौत हो गई.

श्रीनगर में पीडीपी मुख्यालय में शनिवार को एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए महबूबा मुफ्ती ने मारे गए प्रत्येक नागरिक के परिवार को 50 लाख रुपये और प्रत्येक घायल को 5 लाख रुपये का मुआवजा देने की मांग की.

महबूबा ने कहा कि 'मैं एलजी (मनोज सिन्हा) से अपील करती हूं कि जिस तरह से नागरिकों पर अत्याचार किया गया और उन्हें सड़क पर फेंक दिया गया, मारे गए नागरिकों के परिवारों को 50 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाना चाहिए. मामले की जांच होने तक घायलों को पांच-पांच लाख रुपये दिए जाएं, ताकि एक संदेश जाए.'

महबूबा ने कहा कि 'हमने सैनिकों की हत्याओं (पूनसीबी घात हमले में) की निंदा की, लेकिन नागरिकों की हत्याओं और हमले की निंदा कौन करेगा?' उन्होंने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा का जिक्र करते हुए कहा, 'आप यहां की स्थिति के बारे में बड़े-बड़े दावे कर रहे हैं, लेकिन यह आपके दबाव के तहत हुआ है.' पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि 18 अगस्त 2020 को दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले में सेना द्वारा एक फर्जी मुठभेड़ में राजौरी जिले के तीन अन्य नागरिकों के मारे जाने के बाद सेना 'दंड से मुक्ति के कारण उत्साहित' थी.

महबूबा ने कहा कि 'सेना अदालत ने आरोपी (कैप्टन) को दोषी ठहराया, लेकिन 'सिविल' अदालत ने उसे बरी कर दिया. सिपाहियों ने सोचा कि बरी होने के बाद वे सज़ा से बच जाएंगे. यहां तक ​​कि एलजी ने भी उस समय शोक संतप्त परिवारों से मुलाकात की थी और सुनिश्चित किया था कि न्याय मिलेगा, जो नहीं हुआ.'

अमशीपोरा 'फर्जी मुठभेड़' के बाद 17 जनवरी को आर्मी कोर्ट ने आरोपी कैप्टन भूपेंद्र सिंह को दोषी पाया था और उम्रकैद की सजा सुनाई थी. हालांकि, इस साल नवंबर में सशस्त्र बल न्यायाधिकरण ने आजीवन कारावास की सजा को निलंबित कर दिया था.

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Watch : जम्मू-कश्मीर के पुंछ में आतंकवादियों का सेना के दो वाहनों पर हमला, चार जवान शहीद, कई घायल


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श्रीनगर में पीडीपी मुख्यालय में शनिवार को एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए महबूबा मुफ्ती ने मारे गए प्रत्येक नागरिक के परिवार को 50 लाख रुपये और प्रत्येक घायल को 5 लाख रुपये का मुआवजा देने की मांग की.

महबूबा ने कहा कि 'मैं एलजी (मनोज सिन्हा) से अपील करती हूं कि जिस तरह से नागरिकों पर अत्याचार किया गया और उन्हें सड़क पर फेंक दिया गया, मारे गए नागरिकों के परिवारों को 50 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाना चाहिए. मामले की जांच होने तक घायलों को पांच-पांच लाख रुपये दिए जाएं, ताकि एक संदेश जाए.'

महबूबा ने कहा कि 'हमने सैनिकों की हत्याओं (पूनसीबी घात हमले में) की निंदा की, लेकिन नागरिकों की हत्याओं और हमले की निंदा कौन करेगा?' उन्होंने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा का जिक्र करते हुए कहा, 'आप यहां की स्थिति के बारे में बड़े-बड़े दावे कर रहे हैं, लेकिन यह आपके दबाव के तहत हुआ है.' पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि 18 अगस्त 2020 को दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले में सेना द्वारा एक फर्जी मुठभेड़ में राजौरी जिले के तीन अन्य नागरिकों के मारे जाने के बाद सेना 'दंड से मुक्ति के कारण उत्साहित' थी.

महबूबा ने कहा कि 'सेना अदालत ने आरोपी (कैप्टन) को दोषी ठहराया, लेकिन 'सिविल' अदालत ने उसे बरी कर दिया. सिपाहियों ने सोचा कि बरी होने के बाद वे सज़ा से बच जाएंगे. यहां तक ​​कि एलजी ने भी उस समय शोक संतप्त परिवारों से मुलाकात की थी और सुनिश्चित किया था कि न्याय मिलेगा, जो नहीं हुआ.'

अमशीपोरा 'फर्जी मुठभेड़' के बाद 17 जनवरी को आर्मी कोर्ट ने आरोपी कैप्टन भूपेंद्र सिंह को दोषी पाया था और उम्रकैद की सजा सुनाई थी. हालांकि, इस साल नवंबर में सशस्त्र बल न्यायाधिकरण ने आजीवन कारावास की सजा को निलंबित कर दिया था.

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Last Updated : Dec 23, 2023, 6:53 PM IST
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