लाहौल-स्पीति: हिमाचल प्रदेश के लाहौल-स्पीति में अटल टनल के नॉर्थ पोर्टल में स्नो फेस्टिवल की धूम रही. वहीं फेस्टिवल में पर्यटकों ने भी खूब मजा लिया. इस दौरान पारंपरिक तीरंदाजी, छोलो, बुनाई और महिला मंडल की ओर से आयोजित रस्साकस्सी को देखने के लिए सैकडों सैलानी मौजूद रहे. रस्साकस्सी में महिला प्रतिभागियों की महिला पर्यटकों ने हौसला अफजाई की और जीतने वाली टीम को बधाई दी. वहीं कई पर्यटकों ने तीरंदाजी की और टारगेट पर निशाना साधा.
लुप्त होती परंपराओं को जीवित करने का प्रयास
वहीं, स्नो फेस्टिवल कोर कमेटी की बैठक डीसी पंकज राय की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई. बैठक में 'स्नो-फेस्टिवल' की समीक्षा सहित इसके समापन समारोह की तैयारियों पर चर्चा की गई. पंकज राय ने बताया कि हमारा प्रयास इस फेस्टिवल के माध्यम से लुप्त हो रही परंपराओं को पुनर्जीवित करना है, जिसमें हमें सार्थक परिणाम देखने को मिल रहे हैं. उन्होंने कहा कि शंगजतार लगभग 90 वर्ष के बाद राइंक जातर लगभग 50 साल और दारचा क्षेत्र का सेलु नृत्य का फिर से जीवन्त होना इस प्रयास का परिणाम है.
होम स्टे पर 23-24 मार्च को होगी कार्यशाला
राय ने बताया कि 'स्नो फेस्टिवल' लाहौल के पर्यटन के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण पहल है. शरदकालीन खेलों और सांस्कृतिक पर्यटन की अपार संभावनाओं का उचित दोहन करने के लिए लोगों को होम-स्टे योजना पर विशेष ध्यान देना चाहिए ताकि पर्यटन का संतुलित विकास निश्चित हो सके. इसके लिए होम सटे प्रबंधन पर 23 और 24 मार्च को कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है.
21 और 22 मार्च को हस्तशिप उत्पादों में गुणवत्तापूर्ण उत्पादन से संबंधित प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया जाएगा. 26 मार्च को राज्यस्तरीय पारंपरिक तीरंदाजी प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा. 29 मार्च को स्नो-प्रिंस और प्रिंसेस चुने जाएंगे.
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उन्होंने कहा कि गुरुवार को स्नो फेस्टिवल का 64वां दिन है, जिसमें कोकसर में आयोजित कार्यक्रम में एसपी मानव वर्मा ने मुख्यतिथि के रूप में भाग लिया. कोकसर में बर्फ पर रस्साकस्सी, स्नो क्राफ्ट, निटिंग आदि सहित कई खेलकूद प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया. 19 मार्च से सिस्सु में फूड फेस्टिवल का आयोजन भी किया जा रहा है.