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स्नेहकुंज संगठन ने जीता प्रतिष्ठित भूमध्य रेखा पुरस्कार 2021 - IFHD के प्रमुख अरुणा

संयुक्त राष्ट्र ने उत्तर कन्नड़ जिले में स्नेहकुंजा संगठन द्वारा मिस्टीरिक दलदलों (रामपात्रे जद्दी) के संरक्षण कार्य के लिए इस वर्ष इक्वेटर 2021 टेलीकम्युनिकेशन अवार्ड से सम्मानित किया. स्नेहकुंजा संगठन को अंततः 130 देशों के 600 से अधिक नामांकन में से चुना गया है.

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Published : Jul 18, 2021, 1:12 PM IST

कारवार : स्नेहकुंजा संगठन को वैश्विक स्तर पर सम्मानित किया गया है. नरसिम्हा हेगड़े के नेतृत्व में टीम कई वर्षों से स्नेहकुंज के माध्यम से मिस्टीरिक स्वैम्प्स एनवायरमेंटल रिकवरी प्रोजेक्ट पर काम कर रही है. यह चयन समुदाय आधारित दृष्टिकोण पर आधारित था जो हमारे जैव विविधता संकट को दूर करने के लिए प्रतिकृति और स्केलिंग समाधान के लिए एक खाका प्रदान करता है.

स्नेहकुंज ट्रस्ट ने 45 वर्षों से पश्चिमी घाट और कर्नाटक तट में संवेदनशील आर्द्रभूमि और तटीय पारिस्थितिकी तंत्र की रक्षा की है. समुदाय आधारित बहाली और संरक्षण पर ध्यान देने के साथ यह संगठन जलवायु संकट के लिए आवश्यक समाधान प्रदान करता है. इसने सैकड़ों स्वयं सहायता समूहों और ग्राम वन समितियों को पारंपरिक ज्ञान के आधार पर संसाधनों का स्थायी प्रबंधन करने, प्राकृतिक कृषि तकनीकों को लागू करने, स्वच्छ ऊर्जा का उपयोग करने, उद्यमिता को बढ़ावा देने और सामुदायिक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने में सहायता की है.

मीठे पानी के दलदलों और सदाबहार जंगलों की बहाली और लुप्तप्राय प्रजातियों का संरक्षण व सुरक्षा प्रदान करता है. साथ ही महत्वपूर्ण कार्बन सिंक को बरकरार रखता है और स्वदेशी समुदायों के लिए महत्वपूर्ण जलभृत बनाए रखता है.

यह भी पढ़ें-क्या स्थायी समिति को बिल भेजने से डरती है मोदी सरकार !

IFHD के प्रमुख अरुणा और सहयोगियों निकू और प्रतीक ने इस मामले पर संयुक्त राष्ट्र को पूरक जानकारी प्रस्तुत करने में मदद की. उनमें से प्रत्येक को 10,000 अमेरिकी डॉलर (7.5 लाख रुपये) का पुरस्कार मिलेगा.

कारवार : स्नेहकुंजा संगठन को वैश्विक स्तर पर सम्मानित किया गया है. नरसिम्हा हेगड़े के नेतृत्व में टीम कई वर्षों से स्नेहकुंज के माध्यम से मिस्टीरिक स्वैम्प्स एनवायरमेंटल रिकवरी प्रोजेक्ट पर काम कर रही है. यह चयन समुदाय आधारित दृष्टिकोण पर आधारित था जो हमारे जैव विविधता संकट को दूर करने के लिए प्रतिकृति और स्केलिंग समाधान के लिए एक खाका प्रदान करता है.

स्नेहकुंज ट्रस्ट ने 45 वर्षों से पश्चिमी घाट और कर्नाटक तट में संवेदनशील आर्द्रभूमि और तटीय पारिस्थितिकी तंत्र की रक्षा की है. समुदाय आधारित बहाली और संरक्षण पर ध्यान देने के साथ यह संगठन जलवायु संकट के लिए आवश्यक समाधान प्रदान करता है. इसने सैकड़ों स्वयं सहायता समूहों और ग्राम वन समितियों को पारंपरिक ज्ञान के आधार पर संसाधनों का स्थायी प्रबंधन करने, प्राकृतिक कृषि तकनीकों को लागू करने, स्वच्छ ऊर्जा का उपयोग करने, उद्यमिता को बढ़ावा देने और सामुदायिक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने में सहायता की है.

मीठे पानी के दलदलों और सदाबहार जंगलों की बहाली और लुप्तप्राय प्रजातियों का संरक्षण व सुरक्षा प्रदान करता है. साथ ही महत्वपूर्ण कार्बन सिंक को बरकरार रखता है और स्वदेशी समुदायों के लिए महत्वपूर्ण जलभृत बनाए रखता है.

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