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जम्मू कश्मीर : शिक्षिका रजनी बाला का अंतिम संस्कार, दूसरे दिन भी विरोध प्रदर्शन

कुलगाम में शिक्षिका की हत्या के विरोध में जम्मू, सांबा और कठुआ जिलों के विभिन्न हिस्सों में विरोध प्रदर्शन जारी रहा. वहीं, आतंकियों की गोली का निशाना बनी शिक्षिका रजनी बाला (Rajni Bala) का अंतिम संस्कार कर दिया गया है. भाजपा नेता रविंदर रैना ने पीड़ित परिवार से मुलाकात की. इस दौरान उनको लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ा.

administration faces protests
दूसरे दिन भी विरोध प्रदर्शन
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Published : Jun 2, 2022, 9:59 AM IST

सांबा : जम्मू कश्मीर के कुलगाम जिले में सरकारी स्कूल की शिक्षिका रजनी बाला का बुधवार को यहां अंतिम संस्कार कर दिया गया जिनकी आतंकवादियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. रजनी बाला के पति राजकुमार ने उन्हें मुखाग्नि दी. लोगों ने 'रजनी बाला अमर रहे, अमर रहे' के नारे लगाते हुए उन्हें अश्रुपूर्ण विदाई दी. नानके चक गांव में स्थित उनके घर पर रजनी बाला के माता-पिता और ससुराल वाले गमगीन थे.

गोपालपुरा के एक सरकारी स्कूल में तैनात रजनी बाला को मंगलवार को आतंकियों ने सिर में गोली मार दी थी। पुलिस के मुताबिक, उन्होंने उपचार के दौरान अस्पताल में दम तोड़ दिया. एक सरकारी स्कूल शिक्षक राजकुमार ने कहा कि घाटी में हिंदुओं की चुन-चुनकर की जा रही हत्याओं के मद्देनजर, उन्होंने और उनकी पत्नी ने प्रशासन से कई बार अनुरोध किया था कि उन्हें सुरक्षित क्षेत्र में स्थानांतरित कर दिया जाए. उन्होंने बताया कि उनके और उनकी पत्नी के तबादले के आदेश सोमवार रात को आए थे.

देखिए वीडियो

उन्होंने बताया कि मंगलवार को गोपालपुरा के स्कूल में बाला का आखिरी दिन था. कुमार ने आरोप लगाया, 'मैंने कुलगाम के मुख्य शिक्षा अधिकारी को एक आवेदन दिया था. हमने उनसे कहा था कि यह स्कूल मेरी पत्नी के लिए सुरक्षित नहीं है लेकिन उन्होंने कुछ नहीं किया.' उन्होंने कहा, उन्होंने और उनकी पत्नी ने सोमवार को श्रीनगर में स्कूली शिक्षा निदेशक से मुलाकात की थी. कुमार ने कहा, 'हमने उनसे हम दोनों को एक ही स्कूल में तैनात करने का अनुरोध किया था. हम दोनों को सोमवार रात उस स्कूल में स्थानांतरित कर दिया गया था.'

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, 'अगर प्रशासन ने उन्हें पहले सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित कर दिया होता, तो वह आज जीवित होती. स्थानांतरण आदेश के एक दिन बाद ही उन्हें आतंकवादियों ने मार दिया.' उन्होंने कहा कि वह अपनी पत्नी को उसके स्कूल छोड़ने गए थे और कुछ मिनट बाद ही उन्हें गोली मार दी गई. ग्रामीणों ने मांग की कि नानके चक में एक स्कूल का नाम बाला के नाम पर रखा जाए.

विरोध प्रदर्शन : उधर, जम्मू कश्मीर के कुलगाम में हिंदू समुदाय की एक स्कूल शिक्षिका की हत्या के विरोध में, प्रदेश के जम्मू, सांबा और कठुआ जिलों के विभिन्न हिस्सों में लगातार दूसरे दिन भी विरोध प्रदर्शन जारी रहा. प्रदर्शनकारियों ने बुधवार को सांबा में जम्मू-पठानकोट राजमार्ग को जाम कर दिया और उन अधिकारियों को बर्खास्त करने की मांग की जो रजनीबाला को सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित करने में विफल रहे जिसके चलते उनकी हत्या हो गई. इस बीच, इस हत्या के विरोध में सांबा जिले में पूरी तरह बंद रहा. पीड़िता सांबा जिले की रहने वाली थीं.

रैना ने की पीड़ित परिवार से मुलाकात : जम्मू कश्मीर के भाजपा अध्यक्ष रविंदर रैना ने सांबा में शोक संतप्त परिवार से मुलाकात की, जहां उन्हें विरोध का सामना करना पड़ा. रैना ने कहा कि घाटी की हिंदू आबादी को 'आसान निशाना' बनाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि हिंदू समुदाय की सुरक्षा के लिए एक सुरक्षा योजना तैयार करने की तत्काल आवश्यकता है क्योंकि पाकिस्तानी आतंकवादी उन्हें लगातार निशाना बना रहे हैं. सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने जम्मू-पठानकोट राजमार्ग की ओर रैली निकाली और सरकार तथा पाकिस्तान विरोधी नारे लगाए.

प्रदर्शनकारियों ने राजमार्ग पर धरना दिया और यातायात को अवरुद्ध कर दिया. इन लोगों ने उन जिम्मेदार अधिकारियों को, विशेष रूप से कुलगाम के सीईओ को बर्खास्त करने की मांग की, जिन्होंने रजनीबाला के स्थानांतरण के अनुरोध को बार-बार ठुकरा दिया था. प्रदर्शनकारियों ने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के खिलाफ घाटी में सरकारी कार्यालयों में सेवारत हिंदुओं की सुरक्षा में पूरी तरह से विफल रहने का आरोप लगाते हुए नारेबाजी की और प्रशासन का पुतला फूंका.

पढ़ें- जम्मू कश्मीर: कुलगाम में आतंकियों ने की शिक्षिका की गोली मारकर हत्या

सांबा : जम्मू कश्मीर के कुलगाम जिले में सरकारी स्कूल की शिक्षिका रजनी बाला का बुधवार को यहां अंतिम संस्कार कर दिया गया जिनकी आतंकवादियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. रजनी बाला के पति राजकुमार ने उन्हें मुखाग्नि दी. लोगों ने 'रजनी बाला अमर रहे, अमर रहे' के नारे लगाते हुए उन्हें अश्रुपूर्ण विदाई दी. नानके चक गांव में स्थित उनके घर पर रजनी बाला के माता-पिता और ससुराल वाले गमगीन थे.

गोपालपुरा के एक सरकारी स्कूल में तैनात रजनी बाला को मंगलवार को आतंकियों ने सिर में गोली मार दी थी। पुलिस के मुताबिक, उन्होंने उपचार के दौरान अस्पताल में दम तोड़ दिया. एक सरकारी स्कूल शिक्षक राजकुमार ने कहा कि घाटी में हिंदुओं की चुन-चुनकर की जा रही हत्याओं के मद्देनजर, उन्होंने और उनकी पत्नी ने प्रशासन से कई बार अनुरोध किया था कि उन्हें सुरक्षित क्षेत्र में स्थानांतरित कर दिया जाए. उन्होंने बताया कि उनके और उनकी पत्नी के तबादले के आदेश सोमवार रात को आए थे.

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उन्होंने बताया कि मंगलवार को गोपालपुरा के स्कूल में बाला का आखिरी दिन था. कुमार ने आरोप लगाया, 'मैंने कुलगाम के मुख्य शिक्षा अधिकारी को एक आवेदन दिया था. हमने उनसे कहा था कि यह स्कूल मेरी पत्नी के लिए सुरक्षित नहीं है लेकिन उन्होंने कुछ नहीं किया.' उन्होंने कहा, उन्होंने और उनकी पत्नी ने सोमवार को श्रीनगर में स्कूली शिक्षा निदेशक से मुलाकात की थी. कुमार ने कहा, 'हमने उनसे हम दोनों को एक ही स्कूल में तैनात करने का अनुरोध किया था. हम दोनों को सोमवार रात उस स्कूल में स्थानांतरित कर दिया गया था.'

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, 'अगर प्रशासन ने उन्हें पहले सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित कर दिया होता, तो वह आज जीवित होती. स्थानांतरण आदेश के एक दिन बाद ही उन्हें आतंकवादियों ने मार दिया.' उन्होंने कहा कि वह अपनी पत्नी को उसके स्कूल छोड़ने गए थे और कुछ मिनट बाद ही उन्हें गोली मार दी गई. ग्रामीणों ने मांग की कि नानके चक में एक स्कूल का नाम बाला के नाम पर रखा जाए.

विरोध प्रदर्शन : उधर, जम्मू कश्मीर के कुलगाम में हिंदू समुदाय की एक स्कूल शिक्षिका की हत्या के विरोध में, प्रदेश के जम्मू, सांबा और कठुआ जिलों के विभिन्न हिस्सों में लगातार दूसरे दिन भी विरोध प्रदर्शन जारी रहा. प्रदर्शनकारियों ने बुधवार को सांबा में जम्मू-पठानकोट राजमार्ग को जाम कर दिया और उन अधिकारियों को बर्खास्त करने की मांग की जो रजनीबाला को सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित करने में विफल रहे जिसके चलते उनकी हत्या हो गई. इस बीच, इस हत्या के विरोध में सांबा जिले में पूरी तरह बंद रहा. पीड़िता सांबा जिले की रहने वाली थीं.

रैना ने की पीड़ित परिवार से मुलाकात : जम्मू कश्मीर के भाजपा अध्यक्ष रविंदर रैना ने सांबा में शोक संतप्त परिवार से मुलाकात की, जहां उन्हें विरोध का सामना करना पड़ा. रैना ने कहा कि घाटी की हिंदू आबादी को 'आसान निशाना' बनाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि हिंदू समुदाय की सुरक्षा के लिए एक सुरक्षा योजना तैयार करने की तत्काल आवश्यकता है क्योंकि पाकिस्तानी आतंकवादी उन्हें लगातार निशाना बना रहे हैं. सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने जम्मू-पठानकोट राजमार्ग की ओर रैली निकाली और सरकार तथा पाकिस्तान विरोधी नारे लगाए.

प्रदर्शनकारियों ने राजमार्ग पर धरना दिया और यातायात को अवरुद्ध कर दिया. इन लोगों ने उन जिम्मेदार अधिकारियों को, विशेष रूप से कुलगाम के सीईओ को बर्खास्त करने की मांग की, जिन्होंने रजनीबाला के स्थानांतरण के अनुरोध को बार-बार ठुकरा दिया था. प्रदर्शनकारियों ने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के खिलाफ घाटी में सरकारी कार्यालयों में सेवारत हिंदुओं की सुरक्षा में पूरी तरह से विफल रहने का आरोप लगाते हुए नारेबाजी की और प्रशासन का पुतला फूंका.

पढ़ें- जम्मू कश्मीर: कुलगाम में आतंकियों ने की शिक्षिका की गोली मारकर हत्या

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