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मुजफ्फरनगर दंगे के दो मुकदमों में छह आरोपी बरी, दो की हो चुकी है मौत, 10 साल बाद आया कोर्ट का फैसला

मुजफ्फरनगर में 10 साल पहले दंगा (Muzaffarnagar riot court verdict) हो गया था. मस्जिद के इमाम के घर आगजनी की गई थी. मामले की सुनवाई कोर्ट में चल रही थी. मामले में कोर्ट ने फैसला सुना दिया है.

मुजफ्फरनगर
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 27, 2023, 2:58 PM IST

Updated : Oct 27, 2023, 3:06 PM IST

मुजफ्फरनगर : जिले के फुगाना गांव में साल 2013 में दंगा हो गया था. मस्जिद के इमाम के मकान में डकैती की गई थी. इसके बाद घर को आग के हवाले कर दिया गया था. मामले में इमाम ने आठ आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था. मामले की जांच कर एसआईटी ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी. शुक्रवार को कोर्ट ने मामले में फैसला सुनाया. अलग-अलग दो मुकदमों में कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में छह आरोपियों को बरी कर दिया. जबकि कोरोना काल के दौरान मामले से जुड़े दो आरोपियों की मौत हो चुकी है.

इमाम के घर में डकैती के बाद लगाई थी आग : अभियोजन के अनुसार फुगाना गांव में एक मस्जिद के इमाम के यहां डकैती हुई थी. इमाम ने आरोप लगाया था कि डकैती के बाद उनके घर को आग के हवाले कर दिया गया था. इमाम बररुज्जमा के अनुसार वह परिवार समेत गांव की मस्जिद में ही रहते थे. आठ सितंबर को वह परिवार के साथ घर में मौजूद थे. इस दौरान कुछ लोगों ने हमला बोल दिया था. डकैती के बाद उनके घर को आग के हवाले कर दिया गया था. किसी तरह वह जान बचाकर वहां से निकले थे. लोग संप्रदायिक नारे भी लगा रहे थे.

आठ आरोपियों पर दर्ज किया गया था मुकदमा : घटना के बाद उनके परिवार ने लोई में दंगा पीड़ितों के शिविर में शरण ली थी. पीड़ित की तहरीर पर मामले में गांव के ही आठ आरोपियों जितेंद्र, सुनील कुमार, राजकुमार, एक अन्य सुनील, वीरेंद्र, हरपाल, सूरजवीर और मोनू पर मुकदमा दर्ज किया गया था. मुकदमे की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश शक्ति सिंह की अदालत में हो रही थी. शुक्रवार कोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस सुनी. इसके बाद मामले से जुड़े छह आरोपियों को बरी कर दिया. वहीं दो आरोपी राजकुमार और सूरजवीर की सुनवाई के दौरान ही मौत हो गई थी.

मुजफ्फरनगर : जिले के फुगाना गांव में साल 2013 में दंगा हो गया था. मस्जिद के इमाम के मकान में डकैती की गई थी. इसके बाद घर को आग के हवाले कर दिया गया था. मामले में इमाम ने आठ आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था. मामले की जांच कर एसआईटी ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी. शुक्रवार को कोर्ट ने मामले में फैसला सुनाया. अलग-अलग दो मुकदमों में कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में छह आरोपियों को बरी कर दिया. जबकि कोरोना काल के दौरान मामले से जुड़े दो आरोपियों की मौत हो चुकी है.

इमाम के घर में डकैती के बाद लगाई थी आग : अभियोजन के अनुसार फुगाना गांव में एक मस्जिद के इमाम के यहां डकैती हुई थी. इमाम ने आरोप लगाया था कि डकैती के बाद उनके घर को आग के हवाले कर दिया गया था. इमाम बररुज्जमा के अनुसार वह परिवार समेत गांव की मस्जिद में ही रहते थे. आठ सितंबर को वह परिवार के साथ घर में मौजूद थे. इस दौरान कुछ लोगों ने हमला बोल दिया था. डकैती के बाद उनके घर को आग के हवाले कर दिया गया था. किसी तरह वह जान बचाकर वहां से निकले थे. लोग संप्रदायिक नारे भी लगा रहे थे.

आठ आरोपियों पर दर्ज किया गया था मुकदमा : घटना के बाद उनके परिवार ने लोई में दंगा पीड़ितों के शिविर में शरण ली थी. पीड़ित की तहरीर पर मामले में गांव के ही आठ आरोपियों जितेंद्र, सुनील कुमार, राजकुमार, एक अन्य सुनील, वीरेंद्र, हरपाल, सूरजवीर और मोनू पर मुकदमा दर्ज किया गया था. मुकदमे की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश शक्ति सिंह की अदालत में हो रही थी. शुक्रवार कोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस सुनी. इसके बाद मामले से जुड़े छह आरोपियों को बरी कर दिया. वहीं दो आरोपी राजकुमार और सूरजवीर की सुनवाई के दौरान ही मौत हो गई थी.

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Last Updated : Oct 27, 2023, 3:06 PM IST
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