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लखीमपुर खीरी हिंसा : एसआईटी ने 12 किसानों को समन जारी किया

SIT ने लखीमपुर खीरी हिंसा के दौरान भाजपा के तीन कार्यकर्ताओं की कथित रूप से पीट-पीट कर हत्या करने के मामले में 12 किसानों को तलब किया है. इनमें से अधिकांश किसानों ने पहले कहा था कि वे मौके पर मौजूद थे लेकिन हमले में शामिल नहीं थे. उस समय, उन पर 'दंगा' और 'स्वेच्छा से चोट पहुंचाने' जैसी जमानती धाराओं के तहत आरोप लगाए गए थे और उन्हें CRPC की धारा 41 के तहत एसआईटी अधिकारियों ने छोड़ दिया था

lakhimpur kheri
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Published : Jan 6, 2022, 10:52 AM IST

लखीमपुर : पिछले साल 3 अक्टूबर को हुई लखीमपुर खीरी हिंसा (Lakhimpur Kheri violence) मामले की जांच एसआईटी कर रही है. विशेष जांच दल (SIT) ने लखीमपुर खीरी हिंसा के दौरान भाजपा के तीन कार्यकर्ताओं की कथित रूप से पीट-पीट कर हत्या करने के मामले में 12 किसानों को तलब (SIT issues summons to 12 farmers in Lakhimpur Kheri case) किया है. इनमें से अधिकांश किसानों ने पहले कहा था कि वे मौके पर मौजूद थे लेकिन हमले में शामिल नहीं थे. उस समय, उन पर 'दंगा' और 'स्वेच्छा से चोट पहुंचाने' जैसी जमानती धाराओं के तहत आरोप लगाए गए थे और उन्हें CRPC की धारा 41 के तहत एसआईटी अधिकारियों ने छोड़ दिया था.

इस मामले में अब तक सात किसानों को गिरफ्तार किया जा चुका है और एसआईटी मामले में और संदिग्धों की तलाश कर रही है. एसआईटी के एक सदस्य ने कहा, "हमने उन किसानों के बयान दर्ज करने के लिए समन जारी किया है जो मौके पर मौजूद थे और भीड़ का हिस्सा थे. उनमें से कुछ पहले हमारे सामने पेश हुए लेकिन किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया"

किसानों का प्रतिनिधित्व कर रहे अधिवक्ता हरजीत सिंह ने कहा, "कुछ किसानों को पहले पूछताछ के लिए बुलाया गया था क्योंकि वे भीड़ का हिस्सा थे लेकिन हिंसा में शामिल नहीं थे. अब जिन किसानों को समन मिला है, वे ही किसानों की हत्या के मामले में गवाह हैं.

केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी (Union Minister Ajay Mishra Teni) के बेटे आशीष मिश्रा (Ashish Mishra) के काफिले ने चार किसानों और एक पत्रकार को कथित तौर पर कुचल दिया था तब गुस्साए किसानों ने कथित तौर पर तीन भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी थी और दो एसयूवी को आग लगा दी थी जो काफिले का हिस्सा थीं.

ये भी पढ़ें: लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में 5 हजार पन्नों की चार्जशीट दाखिल, आशीष मिश्रा मुख्य आरोपी

मामले में क्रॉस एफआईआर दर्ज की गई और एसआईटी ने चार्जशीट दाखिल की जिसमें आशीष सहित 14 लोगों को नामजद किया गया, जो किसानों की मौत के लिए जेल में बंद हैं. लिंचिंग मामले में सात किसानों को गिरफ्तार किया गया है.

(आईएएनएस)

लखीमपुर : पिछले साल 3 अक्टूबर को हुई लखीमपुर खीरी हिंसा (Lakhimpur Kheri violence) मामले की जांच एसआईटी कर रही है. विशेष जांच दल (SIT) ने लखीमपुर खीरी हिंसा के दौरान भाजपा के तीन कार्यकर्ताओं की कथित रूप से पीट-पीट कर हत्या करने के मामले में 12 किसानों को तलब (SIT issues summons to 12 farmers in Lakhimpur Kheri case) किया है. इनमें से अधिकांश किसानों ने पहले कहा था कि वे मौके पर मौजूद थे लेकिन हमले में शामिल नहीं थे. उस समय, उन पर 'दंगा' और 'स्वेच्छा से चोट पहुंचाने' जैसी जमानती धाराओं के तहत आरोप लगाए गए थे और उन्हें CRPC की धारा 41 के तहत एसआईटी अधिकारियों ने छोड़ दिया था.

इस मामले में अब तक सात किसानों को गिरफ्तार किया जा चुका है और एसआईटी मामले में और संदिग्धों की तलाश कर रही है. एसआईटी के एक सदस्य ने कहा, "हमने उन किसानों के बयान दर्ज करने के लिए समन जारी किया है जो मौके पर मौजूद थे और भीड़ का हिस्सा थे. उनमें से कुछ पहले हमारे सामने पेश हुए लेकिन किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया"

किसानों का प्रतिनिधित्व कर रहे अधिवक्ता हरजीत सिंह ने कहा, "कुछ किसानों को पहले पूछताछ के लिए बुलाया गया था क्योंकि वे भीड़ का हिस्सा थे लेकिन हिंसा में शामिल नहीं थे. अब जिन किसानों को समन मिला है, वे ही किसानों की हत्या के मामले में गवाह हैं.

केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी (Union Minister Ajay Mishra Teni) के बेटे आशीष मिश्रा (Ashish Mishra) के काफिले ने चार किसानों और एक पत्रकार को कथित तौर पर कुचल दिया था तब गुस्साए किसानों ने कथित तौर पर तीन भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी थी और दो एसयूवी को आग लगा दी थी जो काफिले का हिस्सा थीं.

ये भी पढ़ें: लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में 5 हजार पन्नों की चार्जशीट दाखिल, आशीष मिश्रा मुख्य आरोपी

मामले में क्रॉस एफआईआर दर्ज की गई और एसआईटी ने चार्जशीट दाखिल की जिसमें आशीष सहित 14 लोगों को नामजद किया गया, जो किसानों की मौत के लिए जेल में बंद हैं. लिंचिंग मामले में सात किसानों को गिरफ्तार किया गया है.

(आईएएनएस)

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