जयपुर : राजस्थान पुलिस ने भरतपुर से सांसद रंजीता कोली के घर पर अज्ञात लोगों द्वारा मंगलवार रात धमकी भरा पत्र छोड़े जाने के मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल (SIT) गठित किया है. भाजपा की नेता कोली के घर पर अज्ञात लोगों ने कथित तौर पर गोलीबारी की. उन्होंने कोली के घर पर एक धमकी भरा पत्र छोड़ा और उनकी एक तस्वीर चिपकाकर वहां से चले गए. तस्वीर पर 'क्रॉस' का निशान बनाया गया था.
पुलिस ने बुधवार को बताया कि घटनास्थल से कारतूस के खाली खोखे बरामद किए गए हैं.
वहीं, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोली से फोन पर बात कर उनकी कुशलक्षेम जानी. गहलोत ने ट्वीट किया, 'भरतपुर से सांसद रंजीता कोली से फोन पर बात कर कुशलक्षेम जानी. साथ ही, डीजीपी (पुलिस महानिदेशक), प्रमुख सचिव और गृह विभाग को निर्देश दिया है कि घटना की पूरी जांच कर सख्त कार्रवाई की जाए. घटना की जांच के लिए जयपुर से एसओजी (विशेष अभियान समूह) का दल भरतपुर जाकर घटना की जांच करेगा.'
इस प्रकरण में पुलिस थाना बयाना में भारतीय दंड संहिता तथा शस्त्र कानून की प्रासंगिक धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है. पुलिस ने बताया कि कोली को जांच के लिये अस्पताल ले जाया गया, क्योंकि घटना के बाद वो डर गई थी.
उन्होंने कहा कि सांसद के घर कथित गोलीबार के बाद हमलावरों ने सांसद की एक क्रॉस की हुई तस्वीर वहां छोड़ दी, जिस पर गोलियों के निशान थे. विपक्षी भाजपा और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी ने हमले की निंदा करते हुए राज्य में कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं.
भाजपा की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया ने बयान जारी कर कहा कि कोली के बयाना स्थित आवास पर गोलीबारी की जानकारी मिली, सांसद सदमे में हैं और उन्होंने उनके सहायक से घटना की पूर्ण जानकारी प्राप्त की.
उन्होंने कहा कि राजस्थान में विशेषकर भरतपुर सहित प्रदेश के मेवात क्षेत्र में कानून व्यवस्था की स्थिति चिंताजनक है और सांसद पर हमले की यह पहली घटना नहीं है.
उन्होंने कहा कि इससे पहले भी जनप्रतिनिधियों पर हमले हुए हैं. पूनिया ने आरोप लगाया कि कांग्रेस राज में न आम आदमी सुरक्षित है, न जनप्रतिनिधि सुरक्षित हैं.
पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने हमले की निंदा करते हुए कहा, 'कोली पर जो जानलेवा हमला हुआ है, मैं उसकी कड़े शब्दों में निंदा करती हूं. राजस्थान में महिलाओं और दलितों पर लगातार बढ़ रहे हमले और अत्याचार के मामले चिंता का विषय हैं.
राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के संयोजक और नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग की है. बेनीवाल ने ट्वीट किया, भरतपुर सांसद रंजीता कोली के आवास के बाहर गोलीबारी करके जिंदा कारतूसों के साथ धमकी भरा पत्र छोड़कर जाना प्रदेश में आपराधिक तत्वों के बढ़ते दुस्साहस को बयान कर रहा है. भरतपुर सांसद पर हमले के सभी आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी की जाए.
बता दें, बीते कुछ सालों में राजस्थान में जनप्रतिनिधियों पर हमले की घटनाएं हुई हैं. जिसमें केंद्रीय मंत्री और सांसद से लेकर पूर्व विधायक तक शिकार हुए हैं. ऐसे में भाजपा लगातार सरकार पर हमलावार है. भाजपा के नेता कहते रहे हैं कि चूंकि राजस्थान में गृह विभाग मुख्यमंत्री के पास है इसलिए उन्हें राज्य की कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी लेनी चाहिए और इन घटनाओं पर जवाब देना चाहिए.
कैलाश चौधरी, हनुमान बेनीवाल पर हमला
मोदी सरकार में कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी और आरएलपी संयोजक व नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल हमले का शिकार हो चुके हैं. मामला नवंबर 2019 का है जब बायतु में एक धार्मिक कार्यक्रम में भाग लेने जा रहे मंत्री कैलाश चौधरी और हनुमान बेनीवाल की गाड़ी पर लोगों ने हमला कर दिया था. यह हमला पुलिस की मौजूदगी में ही हुआ था. बेनीवाल और चौधरी ने हमले के पीछे प्रदेश सरकार में राजस्व मंत्री हरीश चौधरी और उनके समर्थकों पर आरोप लगाया था.
अमृता मेघवाल पर हमला
जालौर से भाजपा की पूर्व विधायक अमृता मेघवाल के साथ जयपुर में ही छह नवंबर की देर शाम हमले की वारदात हुई. मेघवाल नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क भ्रमण करके आ रही थी, इस दौरान ट्रांसपोर्ट नगर इलाके में कुछ युवकों ने उनकी गाड़ी पर पथराव कर पूर्व विधायक पर हमले की कोशिश की. इस दौरान अमृता मेघवाल को चोट भी आई. मामला ट्रांसपोर्ट नगर पुलिस थाने में दर्ज किया गया. लेकिन अब तक आरोपी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं.
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प्रेम सिंह बाजोर
गहलोत सरकार के कार्यकाल में पूर्व विधायक और सैनिक कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष रहे भाजपा नेता प्रेम सिंह बाजोर पर भी हमला हो चुका है. इस साल 25 जुलाई अलवर जिले में लगती हरियाणा बॉर्डर पर प्रेम सिंह बाजोर की फॉर्च्यूनर गाड़ी पर हमला हुआ. जिसमें गाड़ी के कांच भी फोड़ दिए गए और बाजोर के साथ भी मारपीट हुई और उनके कपड़े तक फाड़ दिए गए. प्रेम सिंह बाजोर जयपुर से दिल्ली जा रहे थे तब यह घटना हरियाणा बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे कथित किसानों ने की.
कैलाश मेघवाल
भाजपा के पूर्व प्रदेश महामंत्री और वर्तमान अनुसूचित जाति मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष कैलाश मेघवाल भी हमले के शिकार हो चुके हैं. मेघवाल पर पहला हमला इस साल 30 जुलाई को श्रीगंगानगर में हुआ. श्रीगंगानगर में किसान सभा और भाजपा सभा एक साथ थी. मेघवाल सरकार के खिलाफ भाजपा की ओर से रखी गई सभा में हिस्सा लेने जा रहे थे.
मेघ सिंह
गहलोत सरकार के कार्यकाल में कांग्रेस नेताओं पर भी हमले हुए हैं. बीकानेर के नोखा में कांग्रेस के ब्लॉक अध्यक्ष मेघ सिंह और परिवारजनों पर हमले हुए थे, जब वे देशनोक करणी माता मंदिर से दर्शन कर वापस गांव लौट रहे थे. इस दौरान उन पर बदमाशों ने गाड़ी रुकवा कर जानलेवा हमला किया.
मुख्यमंत्री संभाल रहे गृह विभाग
नेशनल क्राइम रिपोर्ट ब्यूरो के आंकड़े भी राजस्थान में बढ़ते अपराध की ओर इशारा कर रहे हैं. यही कारण है कि विपक्ष में बैठी भाजपा इसे लगातार मुद्दा बनाकर कांग्रेस सरकार को घेरने में जुटी है. खास बात ये भी है कि राजस्थान में गृह विभाग भी खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ही संभाल रहे हैं. मतलब राजस्थान में कोई पूर्णकालिक गृहमंत्री अलग से नहीं है जो लंबे समय से प्रदेश में एक सियासी मुद्दा भी बना हुआ है.
हालांकि सरकार की ओर से तर्क यही दिया जाता है कि राजस्थान में पहले की तुलना में एफआईआर पंजीकरण अनिवार्य होने से आंकड़ों में वृद्धि हुई है, लेकिन रोकथाम के प्रयास भी तेजी से हुए हैं. मतलब प्रदेश में अब अपराध अपराधियों और पुलिस का विषय न होकर राजनीति का विषय भी हो चुका है.
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