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छात्रवृत्ति घोटाले में शामिल तीन आरोपियों को एसआईटी ने किया गिरफ्तार - छात्रवृत्ति घोटाले के आरोपी

उत्तर प्रदेश में हुए 75 करोड़ रुपये के छात्रवृत्ति घोटाले में लखनऊ पुलिस की एसआईटी ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. एसआईटी ने तीनों को पूछताछ के लिए बुलाया था, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया है.

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Published : Aug 17, 2023, 1:18 PM IST

लखनऊ : यूपी में हुए 75 करोड़ की छात्रवृत्ति घोटाले में लखनऊ पुलिस की एसआईटी ने बुधवार को हरदोई के जगदीश प्रसाद वर्मा इंटर कॉलेज के मालिक विवेक कुमार, नोडल अफसर यशवन्त कनौजिया और आरपी इंटर कॉलेज की मालिक पूनम वर्मा के भाई अभिनव कनौजिया को गिरफ्तार किया है. एसआईटी ने बुधवार को पूछताछ के लिए बुलाया था, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.

छात्रवृत्ति घोटाले में शामिल तीन आरोपियों को एसआईटी ने किया गिरफ्तार
छात्रवृत्ति घोटाले में शामिल तीन आरोपियों को एसआईटी ने किया गिरफ्तार.

हजरतगंज थाने के कार्यवाहक इंस्पेक्टर प्रमोद कुमार ने बताया कि अब तक 75 करोड़ के घोटाले की पुष्टि होने पर तीनों आरोपियों की गिरफ्तारी की गई है. कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेज दिया गया. उन्होंने बताया कि इस घोटाले की जांच के लिए संयुक्त पुलिस आयुक्त कानून व्यवस्था उपेंद्र अग्रवाल द्वारा गठित एसआईटी को जांच के दौरान सबूत मिले थे कि हरदोई के बहरा सौदागार के रहने वाले अभिनव कनौजिया ने आरपी इंटर कॉलेज खोला और अपनी बहन पूनम वर्मा को प्रबन्धक बनाया पर सारा संचालन खुद करता रहा. अभिनव ने दिव्यांगों, दलितों, अल्पसंख्यकों और ओबीसी छात्रों की छात्रवृत्ति हड़पने के लिए फर्जी दस्तावेज बनाए और हाईजिया ग्रुप के जाफरी बंधुओं के साथ मिलीभगत कर फर्जीवाड़ा किया. उसकी बहन जांच में निर्दोष मिली.

गौरतलब है कि कोतवाली में 30 मार्च को एसएसआई दयाशंकर द्विवेदी ने एफआईआर दर्ज कराई थी कि वर्ष 2015 से राज्य व केंद्र सरकार की ओर से दी जाने वाली 75 करोड़ से अधिक की पोस्ट मैट्रीकुलेशन छात्रवृत्ति को कई नर्सिंग और इंटर कॉलेज के मैनेजमेंट ने हड़प ली थी. जांच में सामने आया था कि छात्रवृति के लिए बैंक में खोले गए अकाउंट में जैसे मेल आईडी और मोबाइल नंबर एक ही दिए गए थे. इसके अलावा बैंक के एकाउंट कुछ नाबालिग और बुजुर्गों के नाम भी थे, जिनसे कई लोगों को पैसे ट्रांसफर किए गए थे. इसके बाद 10 सस्थानों, फिनो बैंक के अधिकारी समेत 18 लोग नामजद व अन्य अज्ञात के खिलाफ हजरतगंज थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी. छात्रवृति गबन करने के लिए खोले 3000 बैंक अकाउंट भी खोले गए थे.

यह भी पढ़ें : तो भारत सीरीज के नंबर नहीं देना चाह रहा परिवहन विभाग, यूपी में हुए नाम मात्र के रजिस्ट्रेशन

लखनऊ : यूपी में हुए 75 करोड़ की छात्रवृत्ति घोटाले में लखनऊ पुलिस की एसआईटी ने बुधवार को हरदोई के जगदीश प्रसाद वर्मा इंटर कॉलेज के मालिक विवेक कुमार, नोडल अफसर यशवन्त कनौजिया और आरपी इंटर कॉलेज की मालिक पूनम वर्मा के भाई अभिनव कनौजिया को गिरफ्तार किया है. एसआईटी ने बुधवार को पूछताछ के लिए बुलाया था, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.

छात्रवृत्ति घोटाले में शामिल तीन आरोपियों को एसआईटी ने किया गिरफ्तार
छात्रवृत्ति घोटाले में शामिल तीन आरोपियों को एसआईटी ने किया गिरफ्तार.

हजरतगंज थाने के कार्यवाहक इंस्पेक्टर प्रमोद कुमार ने बताया कि अब तक 75 करोड़ के घोटाले की पुष्टि होने पर तीनों आरोपियों की गिरफ्तारी की गई है. कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेज दिया गया. उन्होंने बताया कि इस घोटाले की जांच के लिए संयुक्त पुलिस आयुक्त कानून व्यवस्था उपेंद्र अग्रवाल द्वारा गठित एसआईटी को जांच के दौरान सबूत मिले थे कि हरदोई के बहरा सौदागार के रहने वाले अभिनव कनौजिया ने आरपी इंटर कॉलेज खोला और अपनी बहन पूनम वर्मा को प्रबन्धक बनाया पर सारा संचालन खुद करता रहा. अभिनव ने दिव्यांगों, दलितों, अल्पसंख्यकों और ओबीसी छात्रों की छात्रवृत्ति हड़पने के लिए फर्जी दस्तावेज बनाए और हाईजिया ग्रुप के जाफरी बंधुओं के साथ मिलीभगत कर फर्जीवाड़ा किया. उसकी बहन जांच में निर्दोष मिली.

गौरतलब है कि कोतवाली में 30 मार्च को एसएसआई दयाशंकर द्विवेदी ने एफआईआर दर्ज कराई थी कि वर्ष 2015 से राज्य व केंद्र सरकार की ओर से दी जाने वाली 75 करोड़ से अधिक की पोस्ट मैट्रीकुलेशन छात्रवृत्ति को कई नर्सिंग और इंटर कॉलेज के मैनेजमेंट ने हड़प ली थी. जांच में सामने आया था कि छात्रवृति के लिए बैंक में खोले गए अकाउंट में जैसे मेल आईडी और मोबाइल नंबर एक ही दिए गए थे. इसके अलावा बैंक के एकाउंट कुछ नाबालिग और बुजुर्गों के नाम भी थे, जिनसे कई लोगों को पैसे ट्रांसफर किए गए थे. इसके बाद 10 सस्थानों, फिनो बैंक के अधिकारी समेत 18 लोग नामजद व अन्य अज्ञात के खिलाफ हजरतगंज थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी. छात्रवृति गबन करने के लिए खोले 3000 बैंक अकाउंट भी खोले गए थे.

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