नई दिल्ली : पाकिस्तान स्थित करतारपुर कॉरिडोर (Kartarpur Corridor) में इमरान खान सरकार (Imran Khan government) ने एक गैर सिख को CEO नियुक्त किया है. पाकिस्तान के इस फैसले का भारतीय सिख विरोध कर रहे हैं. दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि पाकिस्तान सरकार ऐसा करके कट्टरवाद की तरफ कदम बढ़ा रही है. पाकिस्तान को अपना फैसला तुरंत वापस लेना चाहिए.
सिरसा ने कहा कि सिख धर्म की अपनी मर्यादाएं और परंपराएं हैं, जो किसी सूरत में आहत नहीं होनी चाहिए. हम पाकिस्तान सरकार से मांग करते हैं कि करतारपुर की जिम्मेदारी किसी सिख समुदाय को दी जाए. वहां का CEO किसी सिख को ही बनाया जाए. उन्होंने कहा कि गैर सिख की नियुक्ति नाजायज है. यह सिख मर्यादाओं का अपमान है.
पढ़ें : 'पंज प्यारे' बयान पर बवाल, हरीश रावत ने मांगी माफी
सिरसा ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री (prime minister of pakistan) इमरान खान को कोट करते हुए कहा कि उन्होंने पहले भी ऐसा ही किया था. ये (इमरान खान) मुल्क को कट्टरवाद की तरफ ले जाने का काम कर रहे हैं. यह सिखों के अधिकार छीनने की बात है. सिखों को इस बात का एहसास दिलाने का काम है कि ये मुल्क उनका नहीं है और आपके अधिकार भी हम आपको नहीं देंगे. यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. सिरसा ने कहा कि वे इमरान सरकार से अपील करते हैं कि इस फैसले को रद्द किया जाए और किसी सिख को करतारपुर का CEO बनाया जाए.
मनजिंदर सिंह सिरसा ने पाकिस्तान सरकार के गैर सिख की करतारपुर कॉरिडोर के CEO के तौर नियुक्ति का आदेश पत्र ट्वीट करते हुए लिखा कि सिख विरोधी फैसले पर हैरान हूं. पाकिस्तान सरकार ने एक गैर सिख मोहम्मद लतीफ को करतारपुर कॉरिडोर का CEO बनाया है, इससे सिख समुदाए के लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं.