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दिल्ली पुलिस पर महिलाओं और सांसदों से बदसलूकी के आरोप, संसद में घुसने से रोकने का दावा

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Published : Mar 24, 2022, 1:07 PM IST

Updated : Mar 24, 2022, 1:13 PM IST

दिल्ली पुलिस पर महिलाओं और कांग्रेस सांसदों के साथ दुर्व्यवहार करने का आरोप लगा है. संसद में बजट सत्र के दौरान केरल के कांग्रेस सांसद के सुरेश ने लोक सभा में यह मुद्दा उठाया. केरल के ही आरएसपी सांसद एनके प्रेमचंद्रन ने भी कांग्रेस सांसद का समर्थन किया. लोक सभा स्पीकर बिरला ने आश्वस्त किया कि वे इस मुद्दे को संबंधित अधिकारियों के समक्ष उठाएंगे.

nk premchandran
एनके प्रेमचंद्रन

नई दिल्ली : केरल की मावेलिकारा सीट से निर्वाचित कांग्रेस सांसद सुरेश कोडिकुन्नील ने आरोप लगाया है कि दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने सांसदों के साथ दुर्व्यवहार किया है. उन्होंने संसद के बजट सत्र के सातवें दिन लोक सभा में प्रश्नकाल के बाद यह मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि पुलिस अधिकारियों से बताया गया कि वे सांसद हैं, और शांतिपूर्ण नारेबाजी और प्रदर्शन उनका अधिकार है. इसके बावजूद उनके साथ बदसलूकी की गई. सांसदों की चिंता पर लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने मुद्दे के समाधान का आश्वासन दिया.

कांग्रेस सांसद के सुरेश ने कहा कि गुरुवार, 24 मार्च को विजय चौक से संसद भवन तक महिलाओं समेत 12 सांसदों ने मार्च शुरु किया. उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस ने सांसदों को विरोध और नारेबाजी करने से रोका जो गलत है. बकौल कांग्रेस सासंद के सुरेश सांसदों के साथ हाथापाई और मारपीट की गई. बर्बर हमले का आरोप लगाते हुए उन्होने कहा कि दिल्ली पुलिस ने संसद परिसर के भीतर सांसदों पर हमला किया जो शर्मनाक है. उन्होंने के रेल परियोजना के विरोध का जिक्र कर रहा कि वे स्थानीय मुद्दे पर जनता के हित में शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि पूर्वाह्न करीब 10.45 बजे विजय चौक से मार्च शुरू हुआ, लेकिन बिना उकसावे के दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने सांसदों के साथ धक्कामुक्की की. उन्होंने कहा कि सांसदों ने पुलिस के खिलाफ किसी तरीके के उकसावे का व्यवहार नहीं किया. सुरेश के वक्तव्य के दौरान कुछ सांसद इनक्वायरी कराए जाने की मांग भी करते सुने गए.

दिल्ली पुलिस पर महिलाओं और सांसदों से बदसलूकी के आरोप

क्या दिल्ली पुलिस ने संसद में घुसने से रोका ?
केरल से ही निर्वाचित आरएसपी सांसद एनके प्रेमचंद्रन ने भी के सुरेश कि चिंता का समर्थन किया. उन्होंने कहा कि यह मामला सांसदों के विशेषाधिकार हनन का है. प्रेमचंद्रन ने सवाल किया कि सांसद अगर संसद में प्रवेश करना चाहता है तो दिल्ली पुलिस किस अधिकार से उन्हें रोकने का प्रयास करती है ? इस पर स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि इस मुद्दे को लिखित रूप से उन्हें दें.

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक दिल्ली पुलिस कर्मियों और केरल कांग्रेस के सांसदों के बीच गुरुवार को उस समय हाथापाई हुई, जब सिल्वरलाइन परियोजना के खिलाफ विजय चौक पर विरोध प्रदर्शन हो रहा था. जब केरल के सभी कांग्रेस सांसदों को दिल्ली पुलिस ने एक विरोध मार्च के दौरान रोका, तो संसद के बाहर अफरा-तफरी जैसे हालात दिखे.

सांसदों ने दावा किया कि वे सिल्वर लाइन रेल प्रोजेक्ट के खिलाफ विजय चौक से संसद तक विरोध मार्च निकाल रहे थे. तभी दिल्ली पुलिस ने रोका. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि दिल्ली पुलिस की ओर से पिटाई भी की गई. कोडुकुन्निल सुरेश के अलावा कांग्रेस सांसद डीन कुरियाकोस और वीके श्रीकंदन ने भी दावा किया कि पुलिस ने उनके साथ मारपीट की.

दिल्ली पुलिस पर महिलाओं और सांसदों से बदसलूकी के आरोप
दिल्ली पुलिस पर महिलाओं और सांसदों से बदसलूकी के आरोप

मौके पर स्थिति को संभालने वाले एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि पुलिस बैरियर को पार करने की कोशिश कर रहे लोगों की पहचान को लेकर कुछ भ्रम था. उन्होंने कहा कि ड्यूटी पर मौजूद पुलिस स्टाफ ने उन्हें रोका लेकिन बाद में उन्हें जाने दिया गया. उन्होंने कहा कि कुछ भ्रम जैसे हालात पैदा हुए, जिसका तत्काल समाधान किया गया.

दिल्ली पुलिस ने मारपीट के आरोप से इनकार किया. पुलिस ने कहा कि सांसदों ने पहले विजय चौक के पास नारेबाजी की और फिर संसद की ओर बढ़ने लगे. पुलिस ने कहा, विरोध के कारण, उन्हें रोक दिया गया और जब उन्होंने अपनी पहचान बताई तो हमने उन्हें जाने दिया. कोई मारपीट नहीं की गई.

सिल्वरलाइन परियोजना पर कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) इस परियोजना में एक साथ होंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहमति देंगे. उन्होंने कहा, हम केरल के लोगों की चिंता को देखते हुए और केरल के सीएम को रोकने की कोशिश करने के लिए पीएम से हस्तक्षेप की मांग कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि केरल सरकार द्वारा प्रस्तावित के-सिल्वर लाइन परियोजना जनविरोधी है. उन्होंने कहा, ज्यादातर लोगों के बेदखल होने का डर है. केरल आर्थिक रूप से कमजोर राज्य है. यह आर्थिक रूप से व्यवहार्य परियोजना नहीं है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन सिल्वरलाइन परियोजना की मंजूरी लेने के लिए पीएम से मिलने जा रहे हैं.

क्या है सिल्वरलाइन परियोजना
साल 2019 में लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) सरकार द्वारा शुरू की गई इस परियोजना की अनुमानित लागत लगभग 65,000 करोड़ रुपये है. 529 किलोमीटर लंबी सिल्वरलाइन रेलवे परियोजना दक्षिण में तिरुवनंतपुरम को उत्तरी केरल के कासरगोड से जोड़ेगी. इसमें 11 स्टेशनों के माध्यम से 11 जिले शामिल होंगे. दो स्टेशनों के बीच की यात्रा में चार घंटे लगने की संभावना है, जबकि एक छोर से दूसरे छोर तक पहुंचने में वर्तमान में 12 घंटे लगते हैं.

यह भी पढ़ें- लोक सभा में पीयूष गोयल, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय की अनुदान मांगों पर चर्चा का दिया जवाब

क्यों हो रहा है विरोध
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कांग्रेस के कई सांसद केरल से जुड़े मुद्दों पर लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. के-रेल परियोजना के दुष्प्रभाव को लेकर केरल के सांसदों में आक्रोश देखा जा रहा है. कांग्रेस सांसद के सुरेश का दावा है कि केरल के 80 हजार से अधिक लोग इस रेलवे प्रोजेक्ट के खिलाफ हैं. उन्होंने कहा कि सांसदों की तरफ से भी लगातार विरोध किया जा रहा है.

(इनपुट-एएनआई)

नई दिल्ली : केरल की मावेलिकारा सीट से निर्वाचित कांग्रेस सांसद सुरेश कोडिकुन्नील ने आरोप लगाया है कि दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने सांसदों के साथ दुर्व्यवहार किया है. उन्होंने संसद के बजट सत्र के सातवें दिन लोक सभा में प्रश्नकाल के बाद यह मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि पुलिस अधिकारियों से बताया गया कि वे सांसद हैं, और शांतिपूर्ण नारेबाजी और प्रदर्शन उनका अधिकार है. इसके बावजूद उनके साथ बदसलूकी की गई. सांसदों की चिंता पर लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने मुद्दे के समाधान का आश्वासन दिया.

कांग्रेस सांसद के सुरेश ने कहा कि गुरुवार, 24 मार्च को विजय चौक से संसद भवन तक महिलाओं समेत 12 सांसदों ने मार्च शुरु किया. उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस ने सांसदों को विरोध और नारेबाजी करने से रोका जो गलत है. बकौल कांग्रेस सासंद के सुरेश सांसदों के साथ हाथापाई और मारपीट की गई. बर्बर हमले का आरोप लगाते हुए उन्होने कहा कि दिल्ली पुलिस ने संसद परिसर के भीतर सांसदों पर हमला किया जो शर्मनाक है. उन्होंने के रेल परियोजना के विरोध का जिक्र कर रहा कि वे स्थानीय मुद्दे पर जनता के हित में शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि पूर्वाह्न करीब 10.45 बजे विजय चौक से मार्च शुरू हुआ, लेकिन बिना उकसावे के दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने सांसदों के साथ धक्कामुक्की की. उन्होंने कहा कि सांसदों ने पुलिस के खिलाफ किसी तरीके के उकसावे का व्यवहार नहीं किया. सुरेश के वक्तव्य के दौरान कुछ सांसद इनक्वायरी कराए जाने की मांग भी करते सुने गए.

दिल्ली पुलिस पर महिलाओं और सांसदों से बदसलूकी के आरोप

क्या दिल्ली पुलिस ने संसद में घुसने से रोका ?
केरल से ही निर्वाचित आरएसपी सांसद एनके प्रेमचंद्रन ने भी के सुरेश कि चिंता का समर्थन किया. उन्होंने कहा कि यह मामला सांसदों के विशेषाधिकार हनन का है. प्रेमचंद्रन ने सवाल किया कि सांसद अगर संसद में प्रवेश करना चाहता है तो दिल्ली पुलिस किस अधिकार से उन्हें रोकने का प्रयास करती है ? इस पर स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि इस मुद्दे को लिखित रूप से उन्हें दें.

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक दिल्ली पुलिस कर्मियों और केरल कांग्रेस के सांसदों के बीच गुरुवार को उस समय हाथापाई हुई, जब सिल्वरलाइन परियोजना के खिलाफ विजय चौक पर विरोध प्रदर्शन हो रहा था. जब केरल के सभी कांग्रेस सांसदों को दिल्ली पुलिस ने एक विरोध मार्च के दौरान रोका, तो संसद के बाहर अफरा-तफरी जैसे हालात दिखे.

सांसदों ने दावा किया कि वे सिल्वर लाइन रेल प्रोजेक्ट के खिलाफ विजय चौक से संसद तक विरोध मार्च निकाल रहे थे. तभी दिल्ली पुलिस ने रोका. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि दिल्ली पुलिस की ओर से पिटाई भी की गई. कोडुकुन्निल सुरेश के अलावा कांग्रेस सांसद डीन कुरियाकोस और वीके श्रीकंदन ने भी दावा किया कि पुलिस ने उनके साथ मारपीट की.

दिल्ली पुलिस पर महिलाओं और सांसदों से बदसलूकी के आरोप
दिल्ली पुलिस पर महिलाओं और सांसदों से बदसलूकी के आरोप

मौके पर स्थिति को संभालने वाले एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि पुलिस बैरियर को पार करने की कोशिश कर रहे लोगों की पहचान को लेकर कुछ भ्रम था. उन्होंने कहा कि ड्यूटी पर मौजूद पुलिस स्टाफ ने उन्हें रोका लेकिन बाद में उन्हें जाने दिया गया. उन्होंने कहा कि कुछ भ्रम जैसे हालात पैदा हुए, जिसका तत्काल समाधान किया गया.

दिल्ली पुलिस ने मारपीट के आरोप से इनकार किया. पुलिस ने कहा कि सांसदों ने पहले विजय चौक के पास नारेबाजी की और फिर संसद की ओर बढ़ने लगे. पुलिस ने कहा, विरोध के कारण, उन्हें रोक दिया गया और जब उन्होंने अपनी पहचान बताई तो हमने उन्हें जाने दिया. कोई मारपीट नहीं की गई.

सिल्वरलाइन परियोजना पर कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) इस परियोजना में एक साथ होंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहमति देंगे. उन्होंने कहा, हम केरल के लोगों की चिंता को देखते हुए और केरल के सीएम को रोकने की कोशिश करने के लिए पीएम से हस्तक्षेप की मांग कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि केरल सरकार द्वारा प्रस्तावित के-सिल्वर लाइन परियोजना जनविरोधी है. उन्होंने कहा, ज्यादातर लोगों के बेदखल होने का डर है. केरल आर्थिक रूप से कमजोर राज्य है. यह आर्थिक रूप से व्यवहार्य परियोजना नहीं है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन सिल्वरलाइन परियोजना की मंजूरी लेने के लिए पीएम से मिलने जा रहे हैं.

क्या है सिल्वरलाइन परियोजना
साल 2019 में लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) सरकार द्वारा शुरू की गई इस परियोजना की अनुमानित लागत लगभग 65,000 करोड़ रुपये है. 529 किलोमीटर लंबी सिल्वरलाइन रेलवे परियोजना दक्षिण में तिरुवनंतपुरम को उत्तरी केरल के कासरगोड से जोड़ेगी. इसमें 11 स्टेशनों के माध्यम से 11 जिले शामिल होंगे. दो स्टेशनों के बीच की यात्रा में चार घंटे लगने की संभावना है, जबकि एक छोर से दूसरे छोर तक पहुंचने में वर्तमान में 12 घंटे लगते हैं.

यह भी पढ़ें- लोक सभा में पीयूष गोयल, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय की अनुदान मांगों पर चर्चा का दिया जवाब

क्यों हो रहा है विरोध
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कांग्रेस के कई सांसद केरल से जुड़े मुद्दों पर लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. के-रेल परियोजना के दुष्प्रभाव को लेकर केरल के सांसदों में आक्रोश देखा जा रहा है. कांग्रेस सांसद के सुरेश का दावा है कि केरल के 80 हजार से अधिक लोग इस रेलवे प्रोजेक्ट के खिलाफ हैं. उन्होंने कहा कि सांसदों की तरफ से भी लगातार विरोध किया जा रहा है.

(इनपुट-एएनआई)

Last Updated : Mar 24, 2022, 1:13 PM IST
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