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सिक्किम की मांग, चीन बॉर्डर पर रहने वालों का पलायन रोकने को मिले बुनियादी सुविधाएं

सिक्किम सरकार ने चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) की घुसपैठ को देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) से सीमा इलाके में बुनियादी ढांचे को विकसित करने के अलावा राजस्थान और पश्चिम बंगाल जैसे बॉर्डर होमगार्ड के जवान तैनात करने का प्रस्ताव दिया है. पढ़िए ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता गौतम देबरॉय की रिपोर्ट...

Sikkim MHA
सिक्किम MHA
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Published : Oct 29, 2022, 7:19 PM IST

नई दिल्ली: चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) द्वारा भारत में कभी-कभार घुसपैठ करने को देखते हुए सिक्किम सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) से आपातकालीन आधार पर सीमा क्षेत्र में बुनियादी ढांचे को विकसित करने के लिए कहा है. सिक्किम सरकार ने भी गृह मंत्रालय को राजस्थान और पश्चिम बंगाल जैसे बॉर्डर होमगार्ड के जवान तैनात करने का प्रस्ताव दिया है. हाल ही में हरियाणा के सूरजकुंड में संपन्न हुए चिंतन शिविर के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) के साथ संवाद में सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग (Sikkim Chief Minister Prem Singh Tamang) ने कहा कि आधुनिक बुनियादी सुविधाओं की कमी के अलावा सीमावर्ती क्षेत्रों में कठोर जीवन स्थितियों के कारण लोग शहरों और अन्य स्थानों पर पलायन करने लगे हैं.

उन्होंने कहा कि शहरीकरण के साथ ही लोगों की आर्थिक गतिशीलता की वजह से सीमावर्ती गांव के लोग बड़े पैमाने पर शहर की ओर पलायन कर रहे हैं. सीएम तमांग ने कहा कि चीन के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमा वाले सिक्किम में कई याक चरवाहे थे जो इन सीमाओं के करीब अपने जानवरों को पालते हैं.ये लोग अपनी पारंपरिक जीवन शैली को आगे बढ़ाने के साथ ही हमारी सीमाओं के प्रहरी के रूप में भी काम करते हैं जो हमारे सुरक्षा बलों को महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं. हालांकि, आधुनिक तकनीकों और सीमाओं में विषम परिस्थिति रहने के कारण इनमें से कई अन्य व्यवसायों को करने के लिए वहां से पलायन कर गए हैं. मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि इन खानाबदोश जनजातियों की परंपरा को संरक्षित करने की तत्काल जरूरत है.

सीएम तमांग ने कहा कि सीमावर्ती गांवों को बेहतर सड़क संपर्क, इंटरनेट और संचार सुविधाओं, स्कूली शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं, सामाजिक सुरक्षा और बेहतर बिजली बुनियादी ढांचे की आवश्यकता है ताकि जटिल परिस्थितियों में उनका अस्तित्व सुनिश्चित रह सके. बता दें कि सिक्किम 349 किलोमीटर की अंतरराष्ट्रीय सीमा उत्तर में चीन के तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र, पश्चिम में नेपाल और पूर्व में भूटान के साथ साझा करता है.

वहीं कई मौकों पर पीएलए सिक्किम के माध्यम से भारतीय पक्ष में घुसपैठ करने का असफल प्रयास करता रहता है. साल 2021 में उत्तरी सिक्किम में भारतीय सेना और पीएलए के सैनिकों का उस समय आमना-सामना हो गया था जब एक चीनी गश्ती दल ने भारतीय सीमा में प्रवेश करने की कोशिश की थी. हालांकि भारतीय सैनिकों ने उन्हें वापस जाने के लिए मजबूर कर दिया था. सीमा की स्थिति को देखते हुए सिक्किम सरकार ने राजस्थान और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में मौजूद बॉर्डर होमगार्ड की स्थापना करने की मांग गृह मंत्रालय से की है.

सिक्किम के सीएम तमांग ने कहा कि स्थानीय युवाओं के साथ उठाए गए एक बल की मौजूदगी राष्ट्रीय सुरक्षा में कारगर साबित होंगे, क्योंकि ये युवा कठिन इलाके और पर्यावरण के साथ अभ्यस्त हैं. सीएम ने अपने राज्य में नशीले पदार्थों और नशीले पदार्थों के कारोबार के बढ़ते चलन पर भी चिंता जताई.

सिंह ने कहा, नशीले पदार्थों की तस्करी और नशीले पदार्थ अब सिक्किम के सामाजिक ताने-बाने के लिए एक गंभीर खतरे के रूप में उभरे हैं. उन्होंने कहा कि राज्य की लंबी सीमा के कारण राज्य के अंदर अवैध ड्रग्स और नशीले पदार्थों की आसानी से पहुंच हो रही है.

ये भी पढ़ें - शाह की मौजूदगी में नशा तस्करी रोकने और सीमा प्रबंधन पर चर्चा

नई दिल्ली: चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) द्वारा भारत में कभी-कभार घुसपैठ करने को देखते हुए सिक्किम सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) से आपातकालीन आधार पर सीमा क्षेत्र में बुनियादी ढांचे को विकसित करने के लिए कहा है. सिक्किम सरकार ने भी गृह मंत्रालय को राजस्थान और पश्चिम बंगाल जैसे बॉर्डर होमगार्ड के जवान तैनात करने का प्रस्ताव दिया है. हाल ही में हरियाणा के सूरजकुंड में संपन्न हुए चिंतन शिविर के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) के साथ संवाद में सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग (Sikkim Chief Minister Prem Singh Tamang) ने कहा कि आधुनिक बुनियादी सुविधाओं की कमी के अलावा सीमावर्ती क्षेत्रों में कठोर जीवन स्थितियों के कारण लोग शहरों और अन्य स्थानों पर पलायन करने लगे हैं.

उन्होंने कहा कि शहरीकरण के साथ ही लोगों की आर्थिक गतिशीलता की वजह से सीमावर्ती गांव के लोग बड़े पैमाने पर शहर की ओर पलायन कर रहे हैं. सीएम तमांग ने कहा कि चीन के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमा वाले सिक्किम में कई याक चरवाहे थे जो इन सीमाओं के करीब अपने जानवरों को पालते हैं.ये लोग अपनी पारंपरिक जीवन शैली को आगे बढ़ाने के साथ ही हमारी सीमाओं के प्रहरी के रूप में भी काम करते हैं जो हमारे सुरक्षा बलों को महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं. हालांकि, आधुनिक तकनीकों और सीमाओं में विषम परिस्थिति रहने के कारण इनमें से कई अन्य व्यवसायों को करने के लिए वहां से पलायन कर गए हैं. मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि इन खानाबदोश जनजातियों की परंपरा को संरक्षित करने की तत्काल जरूरत है.

सीएम तमांग ने कहा कि सीमावर्ती गांवों को बेहतर सड़क संपर्क, इंटरनेट और संचार सुविधाओं, स्कूली शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं, सामाजिक सुरक्षा और बेहतर बिजली बुनियादी ढांचे की आवश्यकता है ताकि जटिल परिस्थितियों में उनका अस्तित्व सुनिश्चित रह सके. बता दें कि सिक्किम 349 किलोमीटर की अंतरराष्ट्रीय सीमा उत्तर में चीन के तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र, पश्चिम में नेपाल और पूर्व में भूटान के साथ साझा करता है.

वहीं कई मौकों पर पीएलए सिक्किम के माध्यम से भारतीय पक्ष में घुसपैठ करने का असफल प्रयास करता रहता है. साल 2021 में उत्तरी सिक्किम में भारतीय सेना और पीएलए के सैनिकों का उस समय आमना-सामना हो गया था जब एक चीनी गश्ती दल ने भारतीय सीमा में प्रवेश करने की कोशिश की थी. हालांकि भारतीय सैनिकों ने उन्हें वापस जाने के लिए मजबूर कर दिया था. सीमा की स्थिति को देखते हुए सिक्किम सरकार ने राजस्थान और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में मौजूद बॉर्डर होमगार्ड की स्थापना करने की मांग गृह मंत्रालय से की है.

सिक्किम के सीएम तमांग ने कहा कि स्थानीय युवाओं के साथ उठाए गए एक बल की मौजूदगी राष्ट्रीय सुरक्षा में कारगर साबित होंगे, क्योंकि ये युवा कठिन इलाके और पर्यावरण के साथ अभ्यस्त हैं. सीएम ने अपने राज्य में नशीले पदार्थों और नशीले पदार्थों के कारोबार के बढ़ते चलन पर भी चिंता जताई.

सिंह ने कहा, नशीले पदार्थों की तस्करी और नशीले पदार्थ अब सिक्किम के सामाजिक ताने-बाने के लिए एक गंभीर खतरे के रूप में उभरे हैं. उन्होंने कहा कि राज्य की लंबी सीमा के कारण राज्य के अंदर अवैध ड्रग्स और नशीले पदार्थों की आसानी से पहुंच हो रही है.

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