नई दिल्ली : तालिबान ने 20 साल बाद दोबारा अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया है. राष्ट्रपति अशरफ गनी की सरकार अमेरिकी सैनिकों के अफगानिस्तान छोड़ने के करीब तीन सप्ताह बाद ही सत्ता से बेदखल हो गई. अफगानिस्तान में सैकड़ों भारतीय फंसे हैं. तकरीबन 300 हिंदू और सिख काबुल के 'करते परवन गुरुद्वारे' में शरण लिये हुए हैं.
करते परवन गुरुद्वारे में प्रधान गुरनाम सिंह समिति के सदस्य तलविंदर सिंह चावला भी फंसे हुए हैं. तलविंदर सिंह चावला ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि मैं भारत सरकार से अपील करता हूं कि हमें यहां से तुरंत निकाला जाए. यह हमारे और हमारे के समुदाय के लिए अच्छा होगा कि हम तुरंत भारत चले जायें.
उन्होंने कहा कि करते परवन गुरुद्वारे में बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों सहित लगभग 250-300 सिख और हिंदू फंसे हैं. हम भारत सरकार से अपील करते हैं कि हमें यहां से तुरंत निकाला जाए.
अफगानिस्तान के उपराष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह ने खुद को अफगानिस्तान का राष्ट्रपति घोषित किया. अमरुल्लाह सालेह ने ट्वीट कर लिखा कि अफगानिस्तान के संविधान के अनुसार, राष्ट्रपति की अनुपस्थिति, पलायन, इस्तीफा या मृत्यु में उपराष्ट्रपति कार्यवाहक राष्ट्रपति बन जाता है. मैं वर्तमान में अपने देश के अंदर हूं और और वैध केयरटेकर प्रेसिडेंट हूं. मैं सभी नेताओं से उनके समर्थन और आम सहमति के लिए संपर्क कर रहा हूं.
आने वाले दिनों में भयावह हिंसा का गवाह बन सकता है अफगानिस्तान
चावला ने कहा कि इस समय जलालाबाद प्रांत में लोग तालिबान के विरोध में सड़क पर उतर आए हैं, जिससे स्थिति और भी खराब हो गई है. तालिबान प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए फायरिंग कर रहा है. फिलहाल, राजधानी काबुल में युद्ध जैसी कोई स्थिति नहीं दिख रही है, लेकिन जल्द ही स्थिति अस्थिर होने की पूरी संभावना है. ऐसे में अच्छा होगा कि हमें अपनी संस्कृति और पहचान की रक्षा के लिए जल्द से जल्द भारत लौटना चाहिए.
तालिबान से लोगों को लगता है डर
नाम न छापने की शर्त पर एक अन्य सिख ने कहा कि तालिबान के एक समूह ने सोमवार को 'करते परवन गुरुद्वारे' का दौरा किया था और तालिबान ने सुरक्षा का आश्वासन दिया था. उन्होंने कहा कि अभी भी लोग अनिश्चितता और डर के माहौल में जी रहे हैं. लोगों को पता नहीं है कि आगे क्या होने वाला है.
तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने पहले संवाददाता सम्मेलन में मंगलवार को कहा कि अफगानिस्तान अब मुक्त हो गया है और समूह कोई बदला नहीं लेना चाहता है. जबीहुल्ला मुजाहिद ने कहा कि काबुल में दूतावासों की सुरक्षा हमारे लिए महत्वपूर्ण है. हम सभी देशों को आश्वस्त करना चाहते हैं कि हमारे बल सभी दूतावासों, अंतरराष्ट्रीय संगठनों और सहायता एजेंसियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए मौजूद हैं.
तालिबान प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने कहा कि देश पर उसके कब्जे के बाद 'हर किसी को माफ कर दिया गया है' और राजनीतिक वार्ता जारी है. तालिबान प्रवक्ता ने पुरजोर शब्दों में कहा कि महिलाओं के अधिकारों का इस्लामी कानून के तहत सम्मान किया जाएगा, पूर्ववर्ती शासन ने महिलाओं के जीवन पर पाबंदियां लगा दी थीं.
जबीउल्ला मुजाहिद ने कहा कि वह सालों तक विद्रोहियों की ओर से गुपचुप तरीके से बयान जारी करते रहे हैं. तालिबान के पिछले शासन के दौरान महिलाओं के जीवन और अधिकारों पर कड़ी पाबंदियां देखी गई थीं. ऐसे में तालिबान प्रवक्ता के इस बयान को काफी अहम माना जा रहा है.
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इससे पहले आज पूर्व राष्ट्रपति करजई और पदच्युत सरकार में वरिष्ठ पद पर रहे अब्दुल्ला अब्दुल्ला ने अनस हक्कानी से शुरुआती बैठकों के तहत मुलाकात की. करजई के प्रवक्ता ने बताया कि इससे अंतत: तालिबान के शीर्ष नेता अब्दुल गनी बरादर से बातचीत का आधार तैयार होगा.
इसी बीच संयुक्त अरब अमीरात ने कहा है कि अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी (Ashraf Ghani in UAE) और उनका परिवार 'मानवीय आधार' पर अब यूएई में हैं. अफगानिस्तान के राष्ट्रपति मोहम्मद अशरफ गनी ने रविवार को देश छोड़ दिया और तालिबान बलों ने काबुल की राजधानी में प्रवेश किया और राष्ट्रपति भवन पर कब्जा कर लिया.