नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी में कई दिनों से वरिष्ठ नेताओं की लगातार चल रही बैठक के बाद संगठन में बड़े बदलाव के संकेत मिल रहे हैं. वैसे तो मिशन 2024 के तहत पार्टी लगातार नई योजनाएं और महाजनसंपर्क अभियान की शुरुआत पहले से कर चुकी है. अब बीजेपी संगठन में भी राज्यों के प्रभारियों और कुछ प्रदेश अध्यक्षों में बदलाव के संकेत मिल रहे है. आइए जानते हैं इटीवी भारत की वरिष्ठ संवाददाता अनामिका रत्ना की इस रिपोर्ट में.
सूत्रों की माने तो बदलाव की शुरुआत प्रधानमंत्री के जून 21 से होने वाले विदेश दौरे से पहले हो सकती है. अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी संगठन और सरकार दोनों में बदलाव की संभावना है. वर्तमान के आंकड़े यदि देखें, तो पार्टी संविधान के अनुसार अधिकतम 13 उपाध्यक्ष, 9 महासचिव, एक महासचिव संगठन, 15 सचिव हो सकते हैं, लेकिन बीजेपी में अभी 12 उपाध्यक्ष, 9 महासचिव, 13 सचिव हैं. यानी पार्टी संविधान के अनुसार एक उपाध्यक्ष और दो सचिव के पद खाली हैं. यही नहीं महासचिवों की जिम्मेदारी में भी एकरूपता नहीं है.
पार्टी में सबसे ताकतवर महासचिव सुनील बंसल हैं और उनके पास तेलंगाना, पश्चिम बंगाल और ओडिशा का प्रभार है. इसके अलावा दो अन्य महासचिवों के पास भी इनमें से दो राज्यों का प्रभार है. जिनमें तरुण चुघ के पास जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के साथ ही तेलंगाना का भी प्रभार है, जबकि डी पुरंदेश्वरी के पास ओडिशा का प्रभार है, जो सुनील बंसल के पास भी है, जबकि कैलाश विजयवर्गीय के पास किसी राज्य का प्रभार नहीं जबकि वो राष्ट्रीय महासचिव हैं. इसके अलावा दिलीप सैकिया अरुणाचल प्रदेश, सी टी रवि गोवा, महाराष्ट्र और तमिलनाडु, अरुण सिंह कर्नाटक और राजस्थान और दुष्यंत कुमार गौतम उत्तराखंड के प्रभारी हैं. इन्हीं तमाम पदों में फेरबदल की संभावना है.
बीजेपी का जनसंपर्क अभियान
पार्टी अपने नेताओं की गतिविधियां जनता के साथ बढ़ने के लिए भी जनसंपर्क अभियान चला रही है, जिसमें मुख्य संदेश सबका साथ का दिया जा रहा है. इसमें बीजेपी के शीर्ष नेता मंदिर तो जा ही रहे हैं, वो गुरुद्वारे भी जा रहे हैं और चर्च भी. इस कार्यक्रम के माध्यम से बीजेपी देश के उत्तर, दक्षिण, पूर्व और पश्चिम के धार्मिक स्थलों से भी मिशन 2024 पर काम शुरू कर चुकी है. इसकी शुरुआत पीएम मोदी ने 31 मई को पुष्कर के ब्रह्मा मंदिर में पूजा अर्चना के साथ की थी. और 10 जून को बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने तिरुपति में बालाजी के दर्शन किए हैं.
बीते रोज 10 जून को गृहमंत्री अमित शाह ने महाराष्ट्र के तख्त सचखंड साहेब गुरुद्वारा, नांदेड़ में भी दर्शन कर माथा टेका. वहीं, 12 जून को बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा के बज्रेश्वरी देवी मंदिर में पूजा करेंगे. महासंपर्क अभियान के दौरान बीजेपी को 5 लाख विशेष और प्रबुद्ध लोगों से जनसंपर्क करके जनसमर्थन लेने का लक्ष्य भी रखा गया है.
बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सबसे पहले रिटायर्ड जनरल और पूर्व सेनाध्यक्ष, दलबीर सुहाग से मुलाकात की थी. जनरल सुहाग जाट है और मोदी सरकार के दो सर्जिकल स्ट्राइक एक म्यांमार सीमा पर और दूसरा उरी हमले के बाद के ऑपरेशन में मुख्य भूमिका निभाई थी. जेपी नड्डा ने दूसरी मुलाकात रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल और पूर्व उप सेना अध्यक्ष एएस लांबा से की जो 71 और कारगिल वार के हीरो रहे है और सिख समुदाय से हैं.
इसी तरह भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने तीसरी मुलाकात रिटायर्ड एयर मार्शल डेन्ज़िल कीलोर से की थी, जो साल 1965 के भारत-पाकिस्तान के हीरो रहे हैं, जिसके लिए उनको वीर चक्र मिला है, कीलर कीर्ति चक्र विजेता भी है और वो क्रिश्चियन समुदाय से आते हैं. इसके साथ बीजेपी 23 जून को जनसंघ संस्थापक श्यामाप्रसाद मुखर्जी के बलिदान दिवस पर देश भर में कार्यक्रम करेगी. 25 जून को आपातकाल की बरसी पर बीजेपी कार्यकर्ता देशभर में उस त्रासदी के गवाह रहे लोगों और मीसा बंदियों के साथ जनसंपर्क अभियान चलाएंगे.
27 जून को पीएम मोदी 10 लाख बूथ पर बीजेपी कार्यकर्ताओं के साथ संवाद करेंगे. कुल मिलाकर देखा जाए तो पार्टी संगठन में बदलाव के लिए माथापच्ची चल रही है. पार्टी के तमाम नेताओं को भी अभी से जनसंपर्क अभियान में पूरी तरह से लगा दिया गया है. जो जितना खरा उतरेगा उसी कसौटी पर उसे आगामी चुनाव में टिकट मिलने की भी संभावना होगी, यानी पार्टी एक तीर से कई निशाने साध रही हैं.