हुबली: कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता सिद्दरमैया इस तथ्य को छिपाने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर प्रतिबंध लगाने की मांग कर रहे हैं कि उनके नेतृत्व वाली पिछली कांग्रेस सरकार ने प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के खिलाफ दर्ज मामले वापस ले लिए थे.
बोम्मई ने कहा कि आरएसएस जैसे देशभक्त संगठनों पर प्रतिबंध लगाने की मांग वाकई 'दुर्भाग्यपूर्ण' है. एक सवाल के जवाब में बोम्मई ने कहा, 'उनके (सिद्धारमैया) पास पीएफआई पर लगाए गए प्रतिबंध पर सवाल उठाने के लिए कुछ नहीं है. उन्होंने (मुख्यमंत्री के रूप में) पीएफआई के खिलाफ दर्ज मामले वापस ले लिए थे और अब इस तथ्य को छिपाने के लिए वह आरएसएस पर प्रतिबंध लगाने की मांग कर रहे हैं. हालांकि, वह यह नहीं बता पा रहे हैं कि आरएसएस पर प्रतिबंध क्यों लगाया जाना चाहिए.'
मुख्यमंत्री ने कहा कि आरएसएस एक देशभक्त संगठन है, जो दलित, गरीब और अनाथ बच्चों के लिए काम करता है और आपदा या बाढ़ आने की सूरत में मदद के लिए सबसे आगे रहता है. उन्होंने कहा कि वे (आरएसएस कार्यकर्ता) देश में देशभक्ति की भावना जगाते हैं. बोम्मई ने कहा, 'एक ऐसे संगठन पर प्रतिबंध लगाने की मांग करना वाकई दुर्भाग्यपूर्ण है. सिद्धारमैया को इतने निचले स्तर तक नहीं गिरना चाहिए था.'
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केंद्र सरकार द्वारा पीएफआई और उसके कई सहयोगियों पर उनकी कथित आतंकी गतिविधियों के लिए प्रतिबंध लगाने के बाद सिद्धारमैया ने आरएसएस के खिलाफ इसी तरह की कार्रवाई की मांग करते हुए आरोप लगाया कि यह संगठन भी सामाजिक शांति को भंग कर रहा है. सिद्दरमैया ने बृहस्पतिवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के इस आरोप को खारिज किया था कि उन्होंने कर्नाटक का मुख्यमंत्री रहते हुए पीएफआई कार्यकर्ताओं के खिलाफ दर्ज मामले वापस लिए थे. बोम्मई ने कहा कि वह कांग्रेस के अध्यक्ष पद के चुनाव के संबंध में पार्टी के भीतर के घटनाक्रम पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते. उन्होंने कहा कि यह कांग्रेस का आंतरिक मामला है और हो सकता है कि वहां पहली बार चुनाव हो रहे हैं, इसलिए इस तरह के घटनाक्रम सामने आ रहे हैं.