बेंगलुरु: कांग्रेस ने बुधवार को कहा कि अयोध्या के राम मंदिर में रामलला की मूर्ति के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और लोकसभा में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी शामिल नहीं होंगे, क्योंकि भारतीय जनता पार्टीऔर राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ ने राम मंदिर को एक राजनीतिक परियोजना बना दिया है. साथ ही कहा कि अर्द्धनिर्मित मंदिर का चुनावी लाभ के लिए उद्घाटन किया जा रहा है.
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने किया समर्थन: कांग्रेस पार्टी के इस फैसले का कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने समर्थन किया है और कहा कि एआईसीसी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पार्टी की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी और लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर चौधरी ने सही फैसला लिया है. जो अयोध्या में होने वाले रामलला उद्घाटन कार्यक्रम में भाग नहीं ले रहे हैं.
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It is a rightful decision of AICC President Mallikarjun Kharge, our senior leader Sonia Gandhi, and the leader of the opposition in Lok Sabha, Adhir Chowdhury, to not participate in the Ram Lalla installation ceremony in Ayodhya, and I support this decision.
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— Siddaramaiah (@siddaramaiah) January 11, 2024
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— Siddaramaiah (@siddaramaiah) January 11, 2024
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'यह धार्मिक नहीं पार्टी कार्यक्रम है': मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि एक धार्मिक कार्यक्रम जिसे जाति, धर्म, पार्टी, पंथ का भेदभाव किए बिना सभी को शामिल करके भक्ति और सम्मान के साथ आयोजित किया जाना चाहिए, उसे एक पार्टी कार्यक्रम में बदल दिया गया है. इसके जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और संघ परिवार के नेताओं ने भगवान राम और देश के 140 करोड़ लोगों का अपमान किया है. यह सभी हिंदुओं के साथ विश्वासघात है कि एक धार्मिक कार्यक्रम जिसे भक्ति के साथ आयोजित किया जाना था, उसे राजनीतिक प्रचार अभियान में बदल दिया गया है.
कांग्रेस पार्टी अपने रुख पर कायम: मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि राम जन्मभूमि विवाद शुरू होने के दिन से ही कांग्रेस पार्टी अपने रुख पर कायम है. हमने अपने रुख के तहत राम मंदिर निर्माण को अपना पूरा समर्थन दिया था कि हम अदालत के फैसले के सामने झुकेंगे. इस बारे में हमारा कोई विवाद नहीं है. यहां तक कि मुस्लिम भाइयों ने भी अदालत के फैसले को स्वीकार किया है और न्यायपालिका के प्रति अपनी वफादारी साबित की है.
विफलता को छिपाने की कोशिश: मुख्यमंत्री ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जो प्रशासन के अगले दस साल पूरे करने जा रहे हैं, उनमें अपनी उपलब्धियों को मतदाताओं के सामने पेश करने और चुनाव जीतने का आत्मविश्वास नहीं है. इसी कारण से उन्होंने लोकसभा चुनाव के दौरान अधूरे राम मंदिर का जल्दबाजी में उद्घाटन करने जा रहे हैं और इस तरह हिंदुत्व की लहर की आड़ में अपनी विफलता को छिपाने की कोशिश की कर रहे हैं.
राजनीति के लिए धर्म का इस्तेमाल गलत: कर्नाटक के सीएम ने साफ कहा कि हम हिंदू धर्म के खिलाफ नहीं हैं. लेकिन हम छुआछूत, जातिवाद, कट्टरता और धर्म के नाम पर भ्रष्टाचार के खिलाफ हैं. हम राजनीति के लिए धर्म का इस्तेमाल करने के पूरी तरह खिलाफ हैं. हमें हिंदू धर्म से कोई समस्या नहीं है, लेकिन हम भाजपा और संघ परिवार के झूठे हिंदुत्व का विरोध करना जारी रखेंगे. ये बस राजनीतिक उपयोग के लिए धर्म का उपयोग कर रहे हैं. हम इस मामले पर राजनीतिक नफा-नुकसान का हिसाब नहीं लगाते.