ETV Bharat / bharat

तमिलनाडु और केरल के सीमा मुद्दे पर अधर में लटकी बीमार हाथी की जान

सीमा मुद्दे के कारण तमिलनाडु-केरल सीमा पर अनाइकट्टी के पास बीमार हाथी के इलाज में देरी हो रही है. अनाइकट्टी एक घना जंगल है और हाथी के मैदान तमिलनाडु और केरल दोनों में आते हैं. ग्रामीणों ने वन अधिकारियों को दो राज्यों की सीमा पर पड़ने वाली कोडुंगराय नदी पर एक बीमार हाथी के दिखने की सूचना दी थी.

बीमार हाथी की जान
बीमार हाथी की जान
author img

By

Published : Aug 16, 2022, 9:39 PM IST

कोयंबटूर : तमिलनाडु-केरल सीमा पर अनाइकट्टी में एक जल निकाय में फंसे आठ साल के हाथी की जान दोनों राज्यों के बीच अधिकार क्षेत्र के मुद्दे के बाद अधर में लटकी हुई है. दो राज्यों में वन विभाग असमंजस में हैं, क्योंकि अनाइकट्टी का आधा हिस्सा तमिलनाडु में है और दूसरा हिस्सा केरल में है. अनाइकट्टी एक घना जंगल है और हाथी कॉरिडर तमिलनाडु और केरल दोनों में आते हैं.

ग्रामीणों ने वन अधिकारियों को दो राज्यों की सीमा पर पड़ने वाली कोडुंगराय नदी पर एक बीमार हाथी के दिखने की सूचना दी थी. आठ साल की अनुमानित हाथी संघर्षरत और कमजोर दिखाई दे रही है. हालांकि, हाथी का अब इस असमंजस के कारण इलाज शुरू नहीं किया गया है. अधिकारियों का दावा है कि हाथी अभी भी जीवित है और इस हाथी ने कई बार सीमा पार किया है. अंत में हाथी नदी में मिला.

वन्यजीव कार्यकर्ताओं ने दोनों सरकारों से हाथी के इलाज के बारे में जल्द फैसला करने का आग्रह किया है. हालांकि, केरल वन अधिकारी को हाथी के इलाज के प्रति कोई खास ध्यान देते देखा नहीं गया है. इसलिए तमिलनाडु वन विभाग को इस पशु का ध्यान देने का आग्रह किया गया है. जब वन विभाग के अधिकारियों से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने इस पर कोई भी प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया.

कोयंबटूर : तमिलनाडु-केरल सीमा पर अनाइकट्टी में एक जल निकाय में फंसे आठ साल के हाथी की जान दोनों राज्यों के बीच अधिकार क्षेत्र के मुद्दे के बाद अधर में लटकी हुई है. दो राज्यों में वन विभाग असमंजस में हैं, क्योंकि अनाइकट्टी का आधा हिस्सा तमिलनाडु में है और दूसरा हिस्सा केरल में है. अनाइकट्टी एक घना जंगल है और हाथी कॉरिडर तमिलनाडु और केरल दोनों में आते हैं.

ग्रामीणों ने वन अधिकारियों को दो राज्यों की सीमा पर पड़ने वाली कोडुंगराय नदी पर एक बीमार हाथी के दिखने की सूचना दी थी. आठ साल की अनुमानित हाथी संघर्षरत और कमजोर दिखाई दे रही है. हालांकि, हाथी का अब इस असमंजस के कारण इलाज शुरू नहीं किया गया है. अधिकारियों का दावा है कि हाथी अभी भी जीवित है और इस हाथी ने कई बार सीमा पार किया है. अंत में हाथी नदी में मिला.

वन्यजीव कार्यकर्ताओं ने दोनों सरकारों से हाथी के इलाज के बारे में जल्द फैसला करने का आग्रह किया है. हालांकि, केरल वन अधिकारी को हाथी के इलाज के प्रति कोई खास ध्यान देते देखा नहीं गया है. इसलिए तमिलनाडु वन विभाग को इस पशु का ध्यान देने का आग्रह किया गया है. जब वन विभाग के अधिकारियों से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने इस पर कोई भी प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.