लेह : केंद्रीय नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने लद्दाख नवीकरणीय ऊर्जा पहल (एलआरईआई) योजना के तहत चम्शेन परियोजना (Chamshen project) को वित्त पोषण दिया है. यह जानकारी अधिकारियों ने दी. कार्बन-न्यूट्रलिटी उत्सर्जित कार्बन और अवशोषित कार्बन उत्सर्जन के बीच का संतुलन होता है.
कार्बन उत्सर्जन कम करना है उद्देश्य
जिन गांवों में बिजली पहुंची है वह चम्शेन, कुरी, चरासा, बर्मा, पिंचीमिक, हसारा, क्यागार, सुमूर, लकजुंग, तिरिथ, त्याक्शा, पनामिक, तिरिशा, हरग्याम, फुकपोचे, कोबेत, आये, अरानु और ससोमा हैं. विद्युत सचिव रविंदर कुमार (Power Secretary Ravinder Kumar) ने बताया कि इन गांवों के विद्युतीकरण से 160 किलोवॉट एम्पीयर पनामिक डीजी सेट, 160 केवीए चम्शेन डीजी सेट और 250 केवीए क्यागार डीजी सेट समेत 3 डीजी सेट लगाए जाएंगे.
लद्दाख नवीकरणीय ऊर्जा विकास एजेंसी के प्रयास
अधिकारी ने बताया कि इन गांवों का विद्युतीकरण बिजली विकास विभाग और लद्दाख नवीकरणीय ऊर्जा विकास एजेंसी (एलआरईडीए) के संयुक्त प्रयासों का नतीजा है. अतिरिक्त बिजली की आपूर्ति सीमावर्ती इलाकों में सेना को की जा सकती है.
कार्य योजना की तैयारी
इस बीच लद्दाख के उपराज्यपाल के सलाहकार उमंग नरुला (Advisor Umang Narula) ने लद्दाख के लिए कार्बन-न्यूट्रलिटी (carbon neutrality) का दर्जा हासिल करने के लिए अलग-अलग विभागों द्वारा कार्य योजना की तैयारी के संबंध में एक बैठक बुलाई.
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कार्य योजना के लिए टेरी नामांकित
बैठक को संबोधित करते हुए नरुला ने कहा कि कार्बन-न्यूट्रल लद्दाख का विचार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने दिया और इसका उद्देश्य कार्बन उत्सर्जन कम करने के लिए भविष्य की विकास योजनाएं बनाना है. नीति आयोग ने कार्य योजना का दस्तावेज तैयार करने के लिए टेरी को नामांकित किया है. केंद्र शासित प्रदेश का प्रशासन ई-कार, ई-बसें खरीदने और ई-रिक्शा शुरू करने की प्रक्रिया में है.
(पीटीआई-भाषा)