जम्मू : माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने एक बयान में कहा कि वैष्णो देवी मंदिर में भगदड़ (Vaishno Devi stampede) तीर्थयात्रियों के दो समूहों के बीच झगड़े के कारण हुई. बोर्ड ने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि महामारी के मद्देनजर 50 हजार की क्षमता के मुकाबले 31 दिसंबर से एक जनवरी के बीच केवल 35,000 श्रद्धालुओं को यात्रा की अनुमति दी गई.
जम्मू-कश्मीर में माता वैष्णो देवी तीर्थ क्षेत्र में नववर्ष के दिन श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के कारण मची भगदड़ में 12 लोगों की मौत हो गई और 16 अन्य घायल हो गए.
बोर्ड ने कहा कि उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, जो बोर्ड के अध्यक्ष भी हैं, को तड़के तीन बजे भगदड़ की सूचना दी गई और वह तब से लगातार स्थिति की निगरानी कर रहे हैं.
बोर्ड ने इस दुखद घटना पर एक विस्तृत बयान में कहा, 'राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने प्रतिदिन यात्रा की सामान्य क्षमता को 50,000 तक सीमित कर दिया है. कोविड-19 महामारी को ध्यान में रखते हुए, 35,000 तीर्थयात्रियों को 31 दिसंबर 2021 और एक जनवरी 2022 को यात्रा के लिए अनुमति दी गई थी.
बयान में कहा गया है कि एक जनवरी को रात लगभग 2:15 बजे श्री माता वैष्णो देवी भवन के गेट नंबर तीन के पास भगदड़ मच गई. यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना, तीर्थयात्रियों के दो समूहों के बीच झगड़े के कारण भगदड़ मच गई. इस घटना में कुल 12 तीर्थयात्रियों की जान चली गई और 16 अन्य घायल हो गए.
बोर्ड का कहना है कि बोर्ड के साथ-साथ रियासी जिला प्रशासन ने विशेष उपचार के लिए मेडिकल यूनिट भवन में प्राथमिक उपचार प्रदान करने के बाद घायल तीर्थयात्रियों को तुरंत श्री माता वैष्णो देवी नारायण सुपरस्पेशलिटी अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया.
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