अयोध्या: जैसे-जैसे राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा (Shri Ram Temple Construction Committee Chairman Nripendra Mishra) की तारीख नजदीक आती जा रही हैं, उसी गति से तैयारी भी पूरी हो रही है. इन्हीं तैयारियों का जायजा लेने के लिए आज राम मंदिर भवन निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा सहित तमाम अधिकारी मौके पर पहुंचे. नृपेंद्र मिश्रा ने बताया कि श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा के लिए हर संभव उपाय किए जा रहे हैं. आने वाले एक सप्ताह के बाद लोगों को सुगमता से दर्शन होने लगेंगे और जो काम शेष रह गए हैं, वह दिन की जगह पर रात में किए जाएंगे, ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की कोई तकलीफ न हो.
राम मंदिर भवन निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने बताया कि श्रद्धालुओं को धूप और वर्षा से राहत देने के लिए जो कैनोपी बनाई गई है, उसे देखा गया. साथ ही सामने स्कैनर के लिए शेड तैयार हो रहा है, जहां बाहर से आने वाले श्रद्धालु अपना सामान स्कैन कराएंगे. इसके आगे अंतिम सुरक्षा जांच की व्यवस्था होगी. हमने उसका भी निरीक्षण किया है. अंतिम सुरक्षा जांच के बाद श्रद्धालु परकोटा के लिए जा सकेंगे, जहां से 33 सीढ़ियों को चढ़कर गज द्वार बन चुका है.
सिंह द्वार बन चुका है, उसके ऊपर हनुमान जी और गरुड़ जी आशीर्वाद देते हुए स्थापित हो चुके हैं, वहां जाकर श्रद्धालु भगवान राम के दर्शन कर पाएंगे. इस तरह से यहां की जो तैयारी है, वह अपने अंतिम चरण में है. मैं आश्वस्त हूं कि एक सप्ताह बाद जो भी श्रद्धालु आएंगे, उन्हें दर्शनों के लिए जाने में पूरी सुविधा होगी. यह अवश्य है कि कुछ काम उस समय भी चल रहा होगा, लेकिन वह काम हम रात में करेंगे और रात में श्रद्धालुओं की सुविधा का ध्यान रखेंगे.
अयोध्या में निर्माणाधीन श्री राम जन्मभूमि मंदिर की विशेषताएं:
1. मंदिर परम्परागत नागर शैली में बनाया जा रहा है.
2. मंदिर की लंबाई (पूर्व से पश्चिम) 380 फीट, चौड़ाई 250 फीट तथा ऊंचाई 161 फीट रहेगी.
3. मंदिर तीन मंजिला रहेगा। प्रत्येक मंजिल की ऊंचाई 20 फीट रहेगी। मंदिर में कुल 392 खंभे व 44 द्वार होंगे.
4. मुख्य गर्भगृह में प्रभु श्री राम का बाल रूप (श्री रामलला सरकार का विग्रह), तथा प्रथम तल पर श्री राम दरबार होगा.
5. मंदिर में 5 मंडप होंगे: नृत्य मंडप, रंग मंडप, सभा मंडप, प्रार्थना मंडप व कीर्तन मंडप.
6. खंभों व दीवारों में देवी देवता तथा देवांगनाओं की मूर्तियां उकेरी जा रही हैं.
7. मंदिर में प्रवेश पूर्व दिशा से, 32 सीढ़ियां चढ़कर सिंहद्वार से होगा.
8. दिव्यांगजन एवं वृद्धों के लिए मंदिर में रैम्प व लिफ्ट की व्यवस्था रहेगी.
9. मंदिर के चारों ओर चारों ओर आयताकार परकोटा रहेगा. चारों दिशाओं में इसकी कुल लंबाई 732 मीटर तथा चौड़ाई 14 फीट होगी.
10. परकोटा के चारों कोनों पर सूर्यदेव, मां भगवती, गणपति व भगवान शिव को समर्पित चार मंदिरों का निर्माण होगा। उत्तरी भुजा में मां अन्नपूर्णा, व दक्षिणी भुजा में हनुमान जी का मंदिर रहेगा.
11. मंदिर के समीप पौराणिक काल का सीताकूप विद्यमान रहेगा.
12. मंदिर परिसर में प्रस्तावित अन्य मंदिर- महर्षि वाल्मीकि, महर्षि वशिष्ठ, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि अगस्त्य, निषादराज, माता शबरी व ऋषिपत्नी देवी अहिल्या को समर्पित होंगे.
13. दक्षिण पश्चिमी भाग में नवरत्न कुबेर टीला पर भगवान शिव के प्राचीन मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया है एवं तथा वहां जटायु प्रतिमा की स्थापना की गई है.
14. मंदिर में लोहे का प्रयोग नहीं होगा. धरती के ऊपर बिलकुल भी कंक्रीट नहीं है.
15. मंदिर के नीचे 14 मीटर मोटी रोलर कॉम्पैक्टर कंक्रीट (RCC) बिछाई गई है. इसे कृत्रिम चट्टान का रूप दिया गया है.
16. मंदिर को धरती की नमी से बचाने के लिए 21 फीट ऊंची प्लिंथ ग्रेनाइट से बनाई गई है.
17. मंदिर परिसर में स्वतंत्र रूप से सीवर ट्रीटमेंट प्लांट, वाटर ट्रीटमेंट प्लांट, अग्निशमन के लिए जल व्यवस्था तथा स्वतंत्र पावर स्टेशन का निर्माण किया गया है, ताकि बाहरी संसाधनों पर न्यूनतम निर्भरता रहे.
18. 25 हजार क्षमता वाले एक दर्शनार्थी सुविधा केंद्र (Pilgrims Facility Centre) का निर्माण किया जा रहा है, जहां दर्शनार्थियों का सामान रखने के लिए लॉकर व चिकित्सा की सुविधा रहेगी.
19. मंदिर परिसर में स्नानागार, शौचालय, वॉश बेसिन, ओपन टैप्स आदि की सुविधा भी रहेगी.
20. मंदिर का निर्माण पूर्णतया भारतीय परम्परानुसार व स्वदेशी तकनीक से किया जा रहा है। पर्यावरण-जल संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। कुल 70 एकड़ क्षेत्र में 70% क्षेत्र सदा हरित रहेगा.
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