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श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने जमीन खरीद का ब्योरा किया सार्वजनिक - श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट

अयोध्या में जमीन खरीद मामले में घोटाले के आरोपों से घिरे श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने अपनी वेबसाइट पर जमीन खरीद से जुड़ा पूरा ब्योरा अपलोड किया है. ट्रस्ट ने 2011 से लेकर अब तक के एग्रीमेंट का विवरण अपलोड किया है.

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट
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Published : Jun 20, 2021, 2:47 PM IST

अयोध्या : श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट पर जमीन खरीद मामले में आर्थिक अनियमितता का आरोप लगने के बाद ट्रस्ट ने जमीन खरीद से जुड़ी सारी जानकारी और पैसे के लेनदेन का ब्यौरा अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है. ऐसा इसलिए किया गया है क्योंकि लगातार ट्रस्ट के सदस्यों पर जमीन खरीदने में आर्थिक भ्रष्टाचार का आरोप लग रहा है, जिसके कारण ट्रस्ट ने अपनी सफाई में जमीन खरीद की सारी जानकारी और पैसे के लेनदेन का पूरा ब्यौरा अपनी वेबसाइट https://srjbtkshetra.org/ पर अपलोड कर दी है, जिससे हर कोई यह जान सके कि आखिरकार जमीन खरीद की पूरी प्रक्रिया कैसे अंजाम दी गई.

ट्रस्ट का दावा है कि जमीन खरीद में पूरी पारदर्शिता बरती गई है. इससे पहले भी ट्रस्ट ने जमीन, मठ व आश्रम की खरीद की है. जमीन खरीद प्रकरण में ट्रस्ट पर गंभीर आरोप लगे हैं. प्रमुख विपक्षी दलों ने खरीद-फरोख्त में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है, तो रामनगरी सहित देश के कुछ अन्य संतों ने भी इस मामले में ट्रस्ट को घेरते हुए पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है. करोड़ों रामभक्तों के मन में भी इस प्रकरण की सच्चाई जानने को लेकर तमाम सवाल उठ रहे हैं.

आपको बता दें कि अयोध्या में चल रहे राम मंदिर निर्माण कार्य के अलावा राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट अयोध्या के अलग-अलग स्थानों पर विस्तार के लिए जमीन खरीद रहा है. इसके अलावा मंदिर निर्माण परिसर के आसपास बने मंदिरों को भी ट्रस्ट खरीद रहा है और यह प्रक्रिया आगे भी जारी रहनी है. इसे दृष्टिगत रखते हुए ट्रस्ट ने अभी तक खरीदी गई सभी जमीनों और मंदिरों का पूरा ब्यौरा अपनी वेबसाइट पर डाल दिया है. हालांकि ट्रस्ट के सदस्य सामने आकर अभी भी कुछ भी बोलने से कतरा रहे हैं, लेकिन बड़ा सवाल यही है की ट्रस्ट के द्वारा खरीदी गई ज्यादातर जमीनों के तार कहीं न कहीं अयोध्या के महापौर ऋषिकेश उपाध्याय से जुड़ते हुए नजर आ रहे हैं. वहीं ट्रस्ट के सदस्यों की मौजूदगी में सभी जमीनों का सौदा हुआ इसलिए जमीन की कीमतों में फर्क को देखते हुए सवाल उठना लाजमी है.

बता दें कि 10 दिन पूर्व आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह और अयोध्या से सपा के पूर्व विधायक तेज नारायण पांडे पवन ने अयोध्या के बाग़ बिजेश्वर इलाके में खरीदी गई एक जमीन की कीमत को लेकर ट्रस्ट के सदस्यों पर आरोप लगाया था कि 18 मार्च को एक प्रॉपर्टी डीलर सुल्तान अंसारी और रविमोहन तिवारी ने इस जमीन को दो करोड़ में खरीदा था. वह जमीन को 10:00 मिनट बाद ट्रस्ट ने 18 करोड़ पचास लाख में खरीदने का सौदा किया. हालांकि ट्रस्ट ने इस मामले में अपनी सफाई देते हुए कहा कि प्रॉपर्टी डीलर ने 11 साल पुराने अनुबंध के आधार पर जमीन जमीन हरिदास से दो करोड़ में खरीदा था. ट्रस्ट ने आज की वर्तमान बाजार कीमत से भी कम दाम 1425 रुपये प्रति स्क्वायर फीट की दर से जमीन को खरीदा है. सारा लेन-देन ट्रस्ट के खाते से किया गया है. इस मामले में कोई भ्रष्टाचार नहीं हुआ है.

इसे भी पढ़ें: राममंदिर न्यास हो भंग, रामालय ट्रस्ट की देखरेख में बने मंदिर : दिग्विजय सिंह

ट्रस्ट ने रामभक्तों को पूरे प्रकरण की सच्चाई से अवगत कराने की मंशा से ही अपनी साइट पर जमीन खरीद की पूरी प्रक्रिया को अपलोड कर अपना पक्ष स्पष्ट करने का प्रयास किया है. इसमें बताया गया है कि बाग बिजैशी स्थित 1.2080 हेक्टेयर भूमि 1423 रुपया प्रति स्कवायर फीट की दर से खरीदी गई है, जो बाजार की खरीद दर बहुत ही कम है. इस भूमि को लेकर 2011 से ही एग्रीमेंट की प्रक्रिया चल रही थी. ट्रस्ट इस जमीन की खरीद को लेकर उत्सुक था, लेकिन पहले भूमि की मिलकियत स्पष्ट करना चाहता था, क्योंकि इस एग्रीमेंट में नौ लोग जुड़े हुए थे, जिसमें से तीन मुस्लिम थे. सभी से संपर्क कर उनकी सहमति ली गई फिर एग्रीमेंट को फाइनल किया गया. इस कार्य में पूरी पारदर्शिता बरती गयी.

इसे भी पढ़ें: स्नान का पावन पर्व : जानें क्यों मनाया जाता है गंगा दशहरा और क्या है महत्व

खास बात ये है कि ट्रस्ट द्वारा जमीन खरीदने के मामले में हर सप्ताह एक नया मामला सामने आ रहा है. ताज़ा मामले में 2 दिन पूर्व आप सांसद संजय सिंह ने एक बार फिर से ट्रस्ट द्वारा खरीदी गई एक और जमीन पर सवाल उठाया है. जिसमें अयोध्या के महापौर ऋषिकेश उपाध्याय के भतीजे दीप नारायण उपाध्याय द्वारा पहले तो अयोध्या के दशरथ महल बड़ा स्थान आश्रम की एक जमीन को 20 लाख में खरीदा गया और उसके बाद ट्रस्ट को 2 करोड़ में बेचा गया. इस मामले को लेकर भी अयोध्या के महापौर ऋषिकेश उपाध्याय सवालों के घेरे में है और एक बार फिर से विपक्षी दलों ने और अयोध्या के कई साधु संतों ने भी ट्रस्ट की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा दिया है.

इसे भी पढ़ें: राम भक्तों के चंदे में चोरी करने की नीयत से खरीदी गई जमीन : संजय सिंह

गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने जमीन खरीद में करोड़ों के घोटाले का आरोप लगाया था. संजय सिंह के आरोपों में सपा नेता पवन पांडे ने हां में हां मिलाया तो राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय खुद जवाब देने के लिए आगे आए. चंपत राय ने कहा कि मैं ऐसे आरोपों से नहीं डरता. जमीन खरीद को लेकर जो भी बातें कही जा रही हैं मैं उसकी स्टडी करूंगा.

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामत्री चंपत राय ने जारी बयान में कहा कि जिस भूमि की खरीद की बात कही जा रही है, उसे खरीदने के लिए वर्तमान विक्रेतागणों ने वर्षों पूर्व जिस मूल्य पर अनुबंध किया था, उस भूमि को उन्होंने 18 मार्च 2021 को बैनामा कराया और ट्रस्ट के साथ अनुबंध किया. चंपत राय ने जारी बयान के माध्यम से कहा कि जो कतिपय राजनीतिक लोग इस संबंध में प्रचार करा रहे हैं, वह भ्रामक है. समाज को गुमराह करने के लिए है. संबंधित व्यक्ति राजनीतिक हैं, इसलिए राजनीतिक विद्वेष से प्रेरित हैं.

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामत्री चंपत राय ने जारी बयान में कहा कि यह आरोप (धोखाधड़ी के) भ्रामक और राजनीतिक घृणा से प्रेरित हैं. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने अब तक जितनी जमीनें खरीदी हैं, सभी खुले बाजार भाव से काफी कम कीमत पर खरीदी गई हैं.

अयोध्या : श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट पर जमीन खरीद मामले में आर्थिक अनियमितता का आरोप लगने के बाद ट्रस्ट ने जमीन खरीद से जुड़ी सारी जानकारी और पैसे के लेनदेन का ब्यौरा अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है. ऐसा इसलिए किया गया है क्योंकि लगातार ट्रस्ट के सदस्यों पर जमीन खरीदने में आर्थिक भ्रष्टाचार का आरोप लग रहा है, जिसके कारण ट्रस्ट ने अपनी सफाई में जमीन खरीद की सारी जानकारी और पैसे के लेनदेन का पूरा ब्यौरा अपनी वेबसाइट https://srjbtkshetra.org/ पर अपलोड कर दी है, जिससे हर कोई यह जान सके कि आखिरकार जमीन खरीद की पूरी प्रक्रिया कैसे अंजाम दी गई.

ट्रस्ट का दावा है कि जमीन खरीद में पूरी पारदर्शिता बरती गई है. इससे पहले भी ट्रस्ट ने जमीन, मठ व आश्रम की खरीद की है. जमीन खरीद प्रकरण में ट्रस्ट पर गंभीर आरोप लगे हैं. प्रमुख विपक्षी दलों ने खरीद-फरोख्त में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है, तो रामनगरी सहित देश के कुछ अन्य संतों ने भी इस मामले में ट्रस्ट को घेरते हुए पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है. करोड़ों रामभक्तों के मन में भी इस प्रकरण की सच्चाई जानने को लेकर तमाम सवाल उठ रहे हैं.

आपको बता दें कि अयोध्या में चल रहे राम मंदिर निर्माण कार्य के अलावा राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट अयोध्या के अलग-अलग स्थानों पर विस्तार के लिए जमीन खरीद रहा है. इसके अलावा मंदिर निर्माण परिसर के आसपास बने मंदिरों को भी ट्रस्ट खरीद रहा है और यह प्रक्रिया आगे भी जारी रहनी है. इसे दृष्टिगत रखते हुए ट्रस्ट ने अभी तक खरीदी गई सभी जमीनों और मंदिरों का पूरा ब्यौरा अपनी वेबसाइट पर डाल दिया है. हालांकि ट्रस्ट के सदस्य सामने आकर अभी भी कुछ भी बोलने से कतरा रहे हैं, लेकिन बड़ा सवाल यही है की ट्रस्ट के द्वारा खरीदी गई ज्यादातर जमीनों के तार कहीं न कहीं अयोध्या के महापौर ऋषिकेश उपाध्याय से जुड़ते हुए नजर आ रहे हैं. वहीं ट्रस्ट के सदस्यों की मौजूदगी में सभी जमीनों का सौदा हुआ इसलिए जमीन की कीमतों में फर्क को देखते हुए सवाल उठना लाजमी है.

बता दें कि 10 दिन पूर्व आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह और अयोध्या से सपा के पूर्व विधायक तेज नारायण पांडे पवन ने अयोध्या के बाग़ बिजेश्वर इलाके में खरीदी गई एक जमीन की कीमत को लेकर ट्रस्ट के सदस्यों पर आरोप लगाया था कि 18 मार्च को एक प्रॉपर्टी डीलर सुल्तान अंसारी और रविमोहन तिवारी ने इस जमीन को दो करोड़ में खरीदा था. वह जमीन को 10:00 मिनट बाद ट्रस्ट ने 18 करोड़ पचास लाख में खरीदने का सौदा किया. हालांकि ट्रस्ट ने इस मामले में अपनी सफाई देते हुए कहा कि प्रॉपर्टी डीलर ने 11 साल पुराने अनुबंध के आधार पर जमीन जमीन हरिदास से दो करोड़ में खरीदा था. ट्रस्ट ने आज की वर्तमान बाजार कीमत से भी कम दाम 1425 रुपये प्रति स्क्वायर फीट की दर से जमीन को खरीदा है. सारा लेन-देन ट्रस्ट के खाते से किया गया है. इस मामले में कोई भ्रष्टाचार नहीं हुआ है.

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ट्रस्ट ने रामभक्तों को पूरे प्रकरण की सच्चाई से अवगत कराने की मंशा से ही अपनी साइट पर जमीन खरीद की पूरी प्रक्रिया को अपलोड कर अपना पक्ष स्पष्ट करने का प्रयास किया है. इसमें बताया गया है कि बाग बिजैशी स्थित 1.2080 हेक्टेयर भूमि 1423 रुपया प्रति स्कवायर फीट की दर से खरीदी गई है, जो बाजार की खरीद दर बहुत ही कम है. इस भूमि को लेकर 2011 से ही एग्रीमेंट की प्रक्रिया चल रही थी. ट्रस्ट इस जमीन की खरीद को लेकर उत्सुक था, लेकिन पहले भूमि की मिलकियत स्पष्ट करना चाहता था, क्योंकि इस एग्रीमेंट में नौ लोग जुड़े हुए थे, जिसमें से तीन मुस्लिम थे. सभी से संपर्क कर उनकी सहमति ली गई फिर एग्रीमेंट को फाइनल किया गया. इस कार्य में पूरी पारदर्शिता बरती गयी.

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खास बात ये है कि ट्रस्ट द्वारा जमीन खरीदने के मामले में हर सप्ताह एक नया मामला सामने आ रहा है. ताज़ा मामले में 2 दिन पूर्व आप सांसद संजय सिंह ने एक बार फिर से ट्रस्ट द्वारा खरीदी गई एक और जमीन पर सवाल उठाया है. जिसमें अयोध्या के महापौर ऋषिकेश उपाध्याय के भतीजे दीप नारायण उपाध्याय द्वारा पहले तो अयोध्या के दशरथ महल बड़ा स्थान आश्रम की एक जमीन को 20 लाख में खरीदा गया और उसके बाद ट्रस्ट को 2 करोड़ में बेचा गया. इस मामले को लेकर भी अयोध्या के महापौर ऋषिकेश उपाध्याय सवालों के घेरे में है और एक बार फिर से विपक्षी दलों ने और अयोध्या के कई साधु संतों ने भी ट्रस्ट की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा दिया है.

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गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने जमीन खरीद में करोड़ों के घोटाले का आरोप लगाया था. संजय सिंह के आरोपों में सपा नेता पवन पांडे ने हां में हां मिलाया तो राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय खुद जवाब देने के लिए आगे आए. चंपत राय ने कहा कि मैं ऐसे आरोपों से नहीं डरता. जमीन खरीद को लेकर जो भी बातें कही जा रही हैं मैं उसकी स्टडी करूंगा.

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामत्री चंपत राय ने जारी बयान में कहा कि जिस भूमि की खरीद की बात कही जा रही है, उसे खरीदने के लिए वर्तमान विक्रेतागणों ने वर्षों पूर्व जिस मूल्य पर अनुबंध किया था, उस भूमि को उन्होंने 18 मार्च 2021 को बैनामा कराया और ट्रस्ट के साथ अनुबंध किया. चंपत राय ने जारी बयान के माध्यम से कहा कि जो कतिपय राजनीतिक लोग इस संबंध में प्रचार करा रहे हैं, वह भ्रामक है. समाज को गुमराह करने के लिए है. संबंधित व्यक्ति राजनीतिक हैं, इसलिए राजनीतिक विद्वेष से प्रेरित हैं.

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामत्री चंपत राय ने जारी बयान में कहा कि यह आरोप (धोखाधड़ी के) भ्रामक और राजनीतिक घृणा से प्रेरित हैं. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने अब तक जितनी जमीनें खरीदी हैं, सभी खुले बाजार भाव से काफी कम कीमत पर खरीदी गई हैं.

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