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शिवराज के नाम भाजपा के सबसे ज्यादा वक्त तक CM बने रहने का रिकॉर्ड, पीएम मोदी को किया पीछे

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Published : Mar 19, 2022, 1:49 PM IST

शिवराज सिंह चौहान ने भाजपा से सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री बने रहने का रिकॉर्ड बना दिया है. उनके नाम सबसे ज्यादा 4 बार मुख्यमंत्री बनने का भी रिकॉर्ड है. वो 23 मार्च 2020 को चौथी बार मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे. 29 नवंबर 2005 को शिवराज सिंह ने पहली बार मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी.

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भोपाल : मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (MP CM SHIVRAJ SINGH CHOUHAN) ने नया इतिहास रचा है. वे भाजपा के ऐसे मुख्यमंत्री पद पर रहने वाले नेता बन गए हैं जो बतौर मुख्यमंत्री 15 साल 11 दिन इस पद पर रह चुके हैं. उन्होंने छत्तीसगढ़ के डा. रमन सिंह का रिकार्ड तोड़ा है जो बतौर मुख्यमंत्री 15 साल 10 दिन इस पद पर रहे थे.

शिवराज सिंह का सफरनामा
शिवराज सिंह चौहान ने बतौर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री 29 नवंबर 2005 को पहली बार कमान संभाली थी. वे इस पद पर 12 दिसंबर 2018 तक निरंतर रहे. कांग्रेस ने वर्ष 2018 में बढ़त बनाकर चौहान को कुर्सी छोड़ने को मजबूर कर दिया. उसके बाद कांग्रेस में घमासान मचा, 22 विधायकों ने एक साथ इस्तीफा दिया तो कमल नाथ के नेतृत्व वाली सरकार गिर गई और फिर चैहान 23 मार्च 2020 को मुख्यमंत्री बन गए.

'पांव पांव वाले भैया' से 'मामा' तक की कहानी

शिवराज सिंह चौहान की छवि मध्य प्रदेश की राजनीति में एक ऐसे जन नेता के तौर पर है जिसने जमीन से लेकर सियासत के शिखर तक का सफर तय किया है. चौहान के पांव पांव वाले भैया से मामा तक बनने का सफर भी दिलचस्प है. शिवराज सिंह की पृष्ठभूमि किसी राजनीतिक परिवार से नहीं रही है और ना ही उन्हें राजनीति विरासत में मिली. वे प्रदेश के सीहोर जिले के छोटे से जैत गांव के हैं. वहां से लेकर उन्होंने रिकॉर्ड 4 बार मुख्यमंत्री बनने तक का सफर तय किया है. शिवराज के बारे में कहा जाता है जब वो महज 9 साल के थे तब उन्होंने गांव के मजदूरों को दोगुना वेतन देने के लिए आंदोलन किया था. ये एक तरह से उनके राजनीतिक करियर की शुरुआत थी. शिवराज सिंह चौहान राजनीतिक करियर के शुरुआती दिनों में पैदल ही गांव गांव यात्रा करते थे. इससे उनका नाम ही पांव पांव वाले भैया पड़ गया था.

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फोटो

पढ़ें : शाह ने जम्मू-कश्मीर पुलिस के शहीद चार जवानों के परिजनों को नियुक्ति पत्र दिया

मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा चार बार मुख्यमंत्री बनने का रिकॉर्ड भी शिवराज सिंह चौहान के नाम है. इस रिकॉर्ड को कायम करने के दौरान ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की छवि मामा के तौर पर स्थापित हुई. इसके पीछे बड़ी वजह बच्चों के साथ उनका लगाव और उनके मुख्यमंत्री रहते लाडली लक्ष्मी और बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ जैसी योजनाओं पर अमल रहा. इन योजनाओं की सफलता का ही नतीजा है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की छवि मामा के तौर पर प्रदेश ही नहीं देश में भी स्थापित हो गई.

पीएम मोदी और रमन सिंह को पछाड़ा

शिवराज सिंह चौहान अब छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के पद पर रहने वाले डा. रमन सिंह का रिकार्ड तोड़ते हुए 15 साल 10 दिन से आगे निकल गए हैं. मुख्यमंत्री चौहान और रमन सिंह के अलावा देखें तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात के लगभग 12 साल, राजस्थान में वसुंधरा राजे सिंधिया और हिमाचल में प्रेम कुमार धूमल 10-10 साल मुख्यमंत्री रहे.

वर्तमान में देश के मुख्यमंत्रियों के कार्यकाल के हिसाब से चौथे क्रम में शिवराज
वर्तमान में देश के मुख्यमंत्री के पद पर आसीन नेताओं पर गौर करें तो उड़ीसा के नवीन पटनायक, बिहार के नितीश कुमार और नागालैंड के के. एन. रियो के बाद शिवराज सिंह चौहान का नाम चौथे क्रम पर आता है. मुख्यमंत्री चौहान लगातार चौथी बार मुख्ममंत्री पद पर हैं, इससे पहले वे सांसद भी रह चुके हैं.

भोपाल : मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (MP CM SHIVRAJ SINGH CHOUHAN) ने नया इतिहास रचा है. वे भाजपा के ऐसे मुख्यमंत्री पद पर रहने वाले नेता बन गए हैं जो बतौर मुख्यमंत्री 15 साल 11 दिन इस पद पर रह चुके हैं. उन्होंने छत्तीसगढ़ के डा. रमन सिंह का रिकार्ड तोड़ा है जो बतौर मुख्यमंत्री 15 साल 10 दिन इस पद पर रहे थे.

शिवराज सिंह का सफरनामा
शिवराज सिंह चौहान ने बतौर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री 29 नवंबर 2005 को पहली बार कमान संभाली थी. वे इस पद पर 12 दिसंबर 2018 तक निरंतर रहे. कांग्रेस ने वर्ष 2018 में बढ़त बनाकर चौहान को कुर्सी छोड़ने को मजबूर कर दिया. उसके बाद कांग्रेस में घमासान मचा, 22 विधायकों ने एक साथ इस्तीफा दिया तो कमल नाथ के नेतृत्व वाली सरकार गिर गई और फिर चैहान 23 मार्च 2020 को मुख्यमंत्री बन गए.

'पांव पांव वाले भैया' से 'मामा' तक की कहानी

शिवराज सिंह चौहान की छवि मध्य प्रदेश की राजनीति में एक ऐसे जन नेता के तौर पर है जिसने जमीन से लेकर सियासत के शिखर तक का सफर तय किया है. चौहान के पांव पांव वाले भैया से मामा तक बनने का सफर भी दिलचस्प है. शिवराज सिंह की पृष्ठभूमि किसी राजनीतिक परिवार से नहीं रही है और ना ही उन्हें राजनीति विरासत में मिली. वे प्रदेश के सीहोर जिले के छोटे से जैत गांव के हैं. वहां से लेकर उन्होंने रिकॉर्ड 4 बार मुख्यमंत्री बनने तक का सफर तय किया है. शिवराज के बारे में कहा जाता है जब वो महज 9 साल के थे तब उन्होंने गांव के मजदूरों को दोगुना वेतन देने के लिए आंदोलन किया था. ये एक तरह से उनके राजनीतिक करियर की शुरुआत थी. शिवराज सिंह चौहान राजनीतिक करियर के शुरुआती दिनों में पैदल ही गांव गांव यात्रा करते थे. इससे उनका नाम ही पांव पांव वाले भैया पड़ गया था.

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पढ़ें : शाह ने जम्मू-कश्मीर पुलिस के शहीद चार जवानों के परिजनों को नियुक्ति पत्र दिया

मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा चार बार मुख्यमंत्री बनने का रिकॉर्ड भी शिवराज सिंह चौहान के नाम है. इस रिकॉर्ड को कायम करने के दौरान ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की छवि मामा के तौर पर स्थापित हुई. इसके पीछे बड़ी वजह बच्चों के साथ उनका लगाव और उनके मुख्यमंत्री रहते लाडली लक्ष्मी और बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ जैसी योजनाओं पर अमल रहा. इन योजनाओं की सफलता का ही नतीजा है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की छवि मामा के तौर पर प्रदेश ही नहीं देश में भी स्थापित हो गई.

पीएम मोदी और रमन सिंह को पछाड़ा

शिवराज सिंह चौहान अब छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के पद पर रहने वाले डा. रमन सिंह का रिकार्ड तोड़ते हुए 15 साल 10 दिन से आगे निकल गए हैं. मुख्यमंत्री चौहान और रमन सिंह के अलावा देखें तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात के लगभग 12 साल, राजस्थान में वसुंधरा राजे सिंधिया और हिमाचल में प्रेम कुमार धूमल 10-10 साल मुख्यमंत्री रहे.

वर्तमान में देश के मुख्यमंत्रियों के कार्यकाल के हिसाब से चौथे क्रम में शिवराज
वर्तमान में देश के मुख्यमंत्री के पद पर आसीन नेताओं पर गौर करें तो उड़ीसा के नवीन पटनायक, बिहार के नितीश कुमार और नागालैंड के के. एन. रियो के बाद शिवराज सिंह चौहान का नाम चौथे क्रम पर आता है. मुख्यमंत्री चौहान लगातार चौथी बार मुख्ममंत्री पद पर हैं, इससे पहले वे सांसद भी रह चुके हैं.

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