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अखिलेश पर गरजे शिवपाल, बोले- BJP में भेजना है तो मुझे निकाल दो - Shivpal Akhilesh controversy

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपने और अपने चाचा शिवपाल सिंह यादव के बीच बढ़ती कथित अनबन की खबरों के बीच पूछा कि अगर भाजपा उन्हें लेना चाहती है, इसमें देरी क्यों कर रही है.

अखिलेश पर गरजे शिवपाल,
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Published : Apr 28, 2022, 12:35 PM IST

इटावा: सपा प्रमुख अखिलेश यादव और चाचा शिवपाल यादव के बीच तकरार बढ़ती जा रही है. मैनपुरी में एक कार्यक्रम में जब अखिलेश यादव ने कहा है कि अगर भाजपा चाहे तो चाचा शिवपाल को अपने पास ले ले. अखिलेश के इस बयान पर जबरदस्त बवाल देखने को मिल रहा है. अब चाचा शिवपाल ने भतीजे के बयान पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा है कि अगर भाजपा में भेजना है तो अखिलेश को मुझे निकाल देना चाहिए. साथ ही उन्होंने अखिलेश यादव के बयान को गैर जिम्मेदाराना और नादानी वाला बयान बताया.

शिवपाल यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी के जो विधायक जीते हैं उनमें से एक विधायक में भी हूं. अगर भाजपा में भेजना है तो मुझको निकाल देना चाहिए. वहीं शिवपाल यादव ने आजम खान को लेकर भी बड़ा बयान दिया है. शिवपाल यादव ने कहा कि आजम खान 10वीं बार के विधायक हैं. सबसे सीनियर विधायक हैं. लोकसभा- राज्यसभा के सदस्य भी रहे हैं. आजम खान की रिहाई को लेकर अगर समाजवादी पार्टी लोकसभा में धरना करती तो निश्चय ही मोदीजी इस पर कुछ विचार करते. नेताजी की अगुवाई में अगर धरना दिया जाता तो कुछ हो सकता था, लेकिन ऐसा कुछ देखने को नहीं मिला.

अखिलेश पर क्यों गरजे शिवपाल (देखें वीडियो)

वहीं जब शिवपाल यादव से उनके अगले कदम को लेकर सवाल पूछा गया तो वे कोई भी बयान देने से बच गए. उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि जब कोई बात होगी तो उचित समय होगा आप लोगों को अवगत करा देंगे. अब जानकारी के लिए बता दें कि अखिलेश यादव ने शिवपाल के बहाने बीजेपी पर तंज कसा था. उनकी तरफ से कहा गया था कि भाजपा अगर चाचा को लेना चाहती है, तो ले ले. वैसे बीजेपी इतना खुश क्यों हैं, ये समझ नहीं आ रहा.

दरअसल, शिवपाल यादव की नाराजगी की बात करें तो वे कई कारणों से सपा से नाराज हैं. शुरुआत तो विधानसभा चुनाव से पहले ही हो गई थी. जब बात सीट बंटवारे को लेकर हो रही थी. उस समय शिवपाल यादव अपनी पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के नेताओं के लिए कम से कम 100 सीटें चाहते थे, लेकिन अखिलेश यादव ने सिर्फ 1 ही सीट देने का फैसला किया और वो भी सिर्फ शिवपाल यादव को जसवंत नगर से. उस समय शिवपाल को चुनाव भी सपा की टिकट पर लड़ना पड़ा था. बाद में चुनाव में मिली हार के बाद उन्हें सहयोगी दलों की बैठक में नहीं बुलाया गया, ऐसे में उनका गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया. फिर उन्होंने सीएम योगी आदित्यनाथ से भी मुलाकात की और बाद में आजम खां से भी जेल में मिलकर आए. अब उनका अगला कदम क्या रहने वाला है, इस पर सभी की नजर है.

पढ़ें : बसपा ने बीजेपी को जिताया, अब मायावती को पार्टी का अध्यक्ष बनाये भाजपा: अखिलेश यादव

इटावा: सपा प्रमुख अखिलेश यादव और चाचा शिवपाल यादव के बीच तकरार बढ़ती जा रही है. मैनपुरी में एक कार्यक्रम में जब अखिलेश यादव ने कहा है कि अगर भाजपा चाहे तो चाचा शिवपाल को अपने पास ले ले. अखिलेश के इस बयान पर जबरदस्त बवाल देखने को मिल रहा है. अब चाचा शिवपाल ने भतीजे के बयान पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा है कि अगर भाजपा में भेजना है तो अखिलेश को मुझे निकाल देना चाहिए. साथ ही उन्होंने अखिलेश यादव के बयान को गैर जिम्मेदाराना और नादानी वाला बयान बताया.

शिवपाल यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी के जो विधायक जीते हैं उनमें से एक विधायक में भी हूं. अगर भाजपा में भेजना है तो मुझको निकाल देना चाहिए. वहीं शिवपाल यादव ने आजम खान को लेकर भी बड़ा बयान दिया है. शिवपाल यादव ने कहा कि आजम खान 10वीं बार के विधायक हैं. सबसे सीनियर विधायक हैं. लोकसभा- राज्यसभा के सदस्य भी रहे हैं. आजम खान की रिहाई को लेकर अगर समाजवादी पार्टी लोकसभा में धरना करती तो निश्चय ही मोदीजी इस पर कुछ विचार करते. नेताजी की अगुवाई में अगर धरना दिया जाता तो कुछ हो सकता था, लेकिन ऐसा कुछ देखने को नहीं मिला.

अखिलेश पर क्यों गरजे शिवपाल (देखें वीडियो)

वहीं जब शिवपाल यादव से उनके अगले कदम को लेकर सवाल पूछा गया तो वे कोई भी बयान देने से बच गए. उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि जब कोई बात होगी तो उचित समय होगा आप लोगों को अवगत करा देंगे. अब जानकारी के लिए बता दें कि अखिलेश यादव ने शिवपाल के बहाने बीजेपी पर तंज कसा था. उनकी तरफ से कहा गया था कि भाजपा अगर चाचा को लेना चाहती है, तो ले ले. वैसे बीजेपी इतना खुश क्यों हैं, ये समझ नहीं आ रहा.

दरअसल, शिवपाल यादव की नाराजगी की बात करें तो वे कई कारणों से सपा से नाराज हैं. शुरुआत तो विधानसभा चुनाव से पहले ही हो गई थी. जब बात सीट बंटवारे को लेकर हो रही थी. उस समय शिवपाल यादव अपनी पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के नेताओं के लिए कम से कम 100 सीटें चाहते थे, लेकिन अखिलेश यादव ने सिर्फ 1 ही सीट देने का फैसला किया और वो भी सिर्फ शिवपाल यादव को जसवंत नगर से. उस समय शिवपाल को चुनाव भी सपा की टिकट पर लड़ना पड़ा था. बाद में चुनाव में मिली हार के बाद उन्हें सहयोगी दलों की बैठक में नहीं बुलाया गया, ऐसे में उनका गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया. फिर उन्होंने सीएम योगी आदित्यनाथ से भी मुलाकात की और बाद में आजम खां से भी जेल में मिलकर आए. अब उनका अगला कदम क्या रहने वाला है, इस पर सभी की नजर है.

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