लखनऊ : उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद एक बार फिर सपा प्रमुख अखिलेश यादव और उनके चाचा शिवपाल सिंह यादव के मतभेद उभरकर सामने आए हैं. मंगवलावर को अखिलेश यादव ने अपने चुनावी गठबंधन के सहयोगी दलों के साथ मीटिंग की, उसमें शिवपाल यादव शामिल नहीं हुए. सपा पदाधिकारियों के अनुसार, 25 मार्च की शाम 5:00 बजे सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सहयोगी दलों की बैठक बुलाई थी. बैठक के लिए सपा की ओर से भेजे गए आमंत्रण पत्र में शिवपाल यादव का भी नाम था, लेकिन वह नहीं आए. अखिलेश यादव के लिए राहत की बात यह रही कि सुभासपा के ओमप्रकाश राजभर मीटिंग में आए. बता दें कि पिछले दिनों ओमप्रकाश राजभर के बीजेपी नेताओं से मेलजोल की चर्चा राजनीतिक हलकों में सुर्खियां बनी थीं.
शिवपाल यादव इटावा में पिछले 3 दिनों से अपने विधानसभा क्षेत्र जसवंतनगर में हैं. शिवपाल यादव जसवंतनगर उस दिन चले गए थे, जिस दिन उन्हें लखनऊ में हुई सपा विधायक दल की बैठक में नहीं बुलाया गया था. उस दिन शिवपाल सपा कार्यालय के सामने से गुजरते हुए प्रसपा कार्यालय पहुंच गए. यहां उन्होंने कहा कि सपा के लिए काम किया और उसी से विधायक बने. लेकिन सभी विधायकों को बैठक में बुलाया गया और उन्हें किसी ने नहीं बुलाया. शिवपाल यादव ने बैठक में नहीं बुलाए जाने के कारण अखिलेश यादव से नाराजगी जाहिर की थी. सपा की ओर बताया गया कि उन्हें सहयोगी दलों की कैटिगरी में रखा गया है. सपा नेताओं के इस बयान से आहत शिवपाल सहयोगी दलों की बैठक से भी दूर रहे.
मंगलवार को सपा के सहयोगी दलों की बैठक में सिराथू सीट से केशव प्रसाद मौर्य को हराने वाली सपा विधायक व अपना दल (कमेरवादी) की नेता पल्लवी पटेल भी इस बैठक में नहीं पहुंची. पल्लवी पटेल ने अपने पति व अपना दल (क) महासचिव पंकज निरंजन को बैठक में भेजा है. बैठक में पहुंचे सुभासपा चीफ ओमप्रकाश राजभर ने कहा समाजवादी पार्टी से कोई नाराज नहीं है. मीडिया बता रही थी कि मैं भाजपा ज्वाइन करने जा रहा हूं. मीडिया की चिंता को दूर करने के लिए मैं बैठक में पहुंचा हूं. उन्होंने कहा कि शिवपाल यादव भी नाराज नहीं है, आज वह सदन में नहीं थे. जल्द वह भी अखिलेश यादव से मुलाकात करेंगे.