मुंबई : बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए को जिस तरह की टक्कर मिली, उसे लेकर शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में निशाना साधा. नतीजों में नीतीश कुमार के 'जद-यू' को जो झटका लगा है उस पर चुटकी लेते हुए अब उनके मुख्यमंत्री बने रहने को लेकर संदेह जताया है.
नीतीश कुमार की संयुक्त जनता दल 50 सीटों का आंकड़ा भी नहीं छू पाई और भाजपा ने 70 का आंकड़ा पार किया. नीतीश कुमार की पार्टी को कम सीटें मिलने के बावजूद वे ही मुख्यमंत्री बनेंगे, ऐसी अमित शाह को घोषणा करनी पड़ी थी.
ऐसा ही उन्होंने 2011 के चुनाव में शिवसेना को भी वचन दिया था. उस वचन को नहीं निभाया गया और महाराष्ट्र में नया राजनीतिक महाभारत हुआ. अब कम सीटें मिलने के बावजूद नीतीश कुमार को दिया गया वचन पूरा किया गया, तो इसका श्रेय शिवसेना को देना होगा. बिहार में क्या होगा, यह अगले 72 घंटों में साफ हो जाएगा.
तेजस्वी की जमकर की तारीफ
सामना ने लिखा, बिहार की राजनीति में नए तेजस्वी पर्व की शुरुआत हो गई है. नया युवा तेजस्वी यादव का चेहरा उदित हुआ है. उसने प्रधानमंत्री मोदी, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, अमित शाह, नड्डा और सारे सत्ताधीशों से अकेले लड़ाई लड़ी.
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तेजस्वी यादव ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन को जोरदार चुनौती दी. बिहार चुनाव में मोदी का करिश्मा काम आया, ऐसा जिन्हें लग रहा होगा वे तेजस्वी यादव के साथ अन्याय कर रहे हैं. तेजस्वी की लड़ाई एक बड़ा संघर्ष था. प्रधानमंत्री मोदी जैसे बड़े नेताओं तथा बिहार के सत्ताधारियों की झुंडशाही के समक्ष तेजस्वी न रुके और न लड़खड़ाए.