नई दिल्ली : लोकसभा में न्यायाधीशों के वेतन एवं सेवा शर्त से संबंधित विधेयक पर चर्चा के दौरान पिछले दिनों की गई एक टिप्पणी को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर और भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के बीच सदन में वार-पलटवार देखने को मिला, हालांकि दोनों सांसदों ने एक-दूसरे का नाम नहीं लिया.
दरअसल, संसद के निचले सदन में मंगलवार को उच्च न्यायालय एवं उच्चतम न्यायालय (वेतन एवं सेवा शर्त) संशोधन विधेयक पर चर्चा में भाग लेते हुए थरूर ने कुछ विषयों का उल्लेख किया था जिस पर दुबे ने आपत्ति जताते हुए कहा था कि अदालतों में लंबित विषयों को यहां नहीं उठाना चाहिए.
दुबे ने थरूर के संदर्भ में एक टिप्पणी भी की थी जिसे कांग्रेस सांसद ने व्यक्तिगत आरोप करार दिया और यह विषय बृहस्पतिवार को लोकसभा में शून्यकाल के दौरान उठाया.
थरूर ने दुबे का नाम लिए बगैर कहा, न्यायाधीशों को वेतन से संबंधित विधेयक पर चर्चा करने के दौरान एक टिप्पणी की गई...यह कहा गया कि इनके खिलाफ मामला लंबित है तो इन्हें भी चर्चा में भाग नहीं लेना चाहिए. मेरे खिलाफ कोई मामला लंबित नहीं है. लेकिन अगर मेरे या किसी अन्य सदस्य के खिलाफ मामला लंबित हो तो भी चर्चा में भाग लेने से कैसे रोका जा सकता है.
उन्होंने आसन से आग्रह किया, यह सुनिश्चित किया जाए कि आगे से ऐसा किसी के साथ नहीं होना चाहिए.
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बाद में शून्यकाल के दौरान ही दुबे ने थरूर का नाम लिए बिना कहा, अध्यक्ष जी, आपने नियम बनाया है कि विधेयक से इतर नहीं बोला जाए...जो चीजें अदालत के विचाराधीन हैं उनको लेकर यहां आरोप नहीं लगाना चाहिए.
उन्होंने विपक्ष की ओर मुखातिब होते हुए कहा, अगर आप एक अंगुलि उठाएंगे तो आप पर चार अंगुली उठेंगी.
इसके तत्काल बाद ही लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन की कार्यवाही भोजनावकाश के लिए स्थगित कर दी.
(एजेंसी इनपुट)