तिरुवनंतपुरम: कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने अपने मालाबार दौरे को लेकर केरल में पार्टी के अंदर मची हलचल के बीच मंगलवार को पनक्कड़ में इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) के अध्यक्ष सैयद सादिक अली शिहाब थंगल से मुलाकात की. थरूर ने मलप्पुरम जिला कांग्रेस कमेटी कार्यालय का भी दौरा किया. यूडीएफ-सहयोगी आईयूएमएल के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात के बाद थरूर ने कहा कि पनक्कड़ की मेरी यात्रा में कुछ भी असामान्य नहीं था. देश में विभाजनकारी राजनीति के समय समावेशी राजनीति की जरूरत है. भारत के भविष्य के लिए सभी को मिलकर काम करना चाहिए.
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Kerala | Congress MP Shashi Tharoor today met Syed Sadiq Ali Shihab Thangal, President of the Indian Union Muslim League in Panakkad. He also visited the Malappuram District Congress Committee office. pic.twitter.com/Nr4IntQugc
— ANI (@ANI) November 22, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— ANI (@ANI) November 22, 2022Kerala | Congress MP Shashi Tharoor today met Syed Sadiq Ali Shihab Thangal, President of the Indian Union Muslim League in Panakkad. He also visited the Malappuram District Congress Committee office. pic.twitter.com/Nr4IntQugc
— ANI (@ANI) November 22, 2022
मीडिया ने सवाल किया कि केरल में उनके दौरे से कौन डरता है, इसके जवाब में थरूर ने कहा, 'मैं किसी से नहीं डरता और किसी को मुझसे डरने की कोई जरूरत नहीं है.' उन्होंने यह भी कहा कि उनकी राज्य कांग्रेस के भीतर कोई गुट बनाने में कोई दिलचस्पी नहीं है. तिरुवनंतपुरम के सांसद की टिप्पणी उन अटकलों के बीच महत्व रखती है कि केरल में कांग्रेस नेतृत्व का एक वर्ग उनके बढ़ते समर्थन और राज्य में पार्टी के भीतर एक 'थरूर गुट' के उभरने से आशंकित प्रतीत होता है, जहां पार्टी ने 2016 में प्रतिद्वंद्वी माकपा के हाथों सत्ता गंवा दी थी. थरूर ने हालांकि पनक्कड़ में सादिक अली शिहाब थंगल के आवास पर आईयूएमएल नेताओं के साथ अपनी बैठक को यह कहकर ज्यादा महत्व नहीं दिया कि यह जिले में एक कार्यक्रम के लिये जाते समय हुई सिर्फ एक शिष्टाचार भेंट थी.
वहां मौजूद इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) के अन्य वरिष्ठ नेताओं ने भी उनके दौरे में कुछ भी असामान्य नहीं बताया और कहा कि जब भी वे इस क्षेत्र से गुजरते हैं तो वे सभी थंगल से मिलते हैं. अपने कट्टर समर्थक और सांसद एम के राघवन के साथ थरूर ने यह भी कहा कि गुट बनाने का उनका कोई इरादा या रुचि नहीं है.
थरूर ने कहा, 'कुछ लोग कह रहे हैं कि यह (उनका दौरा) विभाजनकारी रणनीति या गुटबाजी है. हमारा कोई गुट बनाने का इरादा नहीं है और न ही हमारी इसमें रुचि है. कांग्रेस पहले से ही 'ए' और 'आई' समूहों से भरी हुई है और अब 'ओ' और 'वी' जैसे अक्षर जोड़ने की जरूरत नहीं है.' केरल में करुणाकरण और एके एंटनी, दोनों पूर्व मुख्यमंत्रियों के समय से कांग्रेस पार्टी में 'ए' और 'आई' समूह सक्रिय हैं.
कांग्रेस नेता ने कहा, 'अगर एक अक्षर होना है, तो वह एक संयुक्त कांग्रेस के लिए 'यू' होना चाहिए, जिसकी हम सभी को जरूरत है. इस दौरे में कुछ भी असामान्य नहीं है. मैं यूडीएफ के दो सांसदों के एक सहयोगी दल के नेताओं से मिलने में कोई बड़ी बात देखने की जरूरत नहीं समझ पा रहा हूं.' उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जब देश में विभाजनकारी राजनीति सक्रिय थी, ऐसी राजनीति की जरूरत थी जो सभी को एक साथ लाए और यह प्रशंसनीय है कि आईयूएमएल ने हाल ही में चेन्नई, बेंगलुरु और मुंबई में भाईचारे को बढ़ावा देने के लिए कार्यक्रम आयोजित किए.
थरूर से मुलाकात के बाद थंगल ने कहा कि सांसद के केरल आने के बाद से उनके परिवार के उनके साथ घनिष्ठ संबंध रहे हैं. थंगल ने कहा, 'उन्हें सभी महत्वपूर्ण कार्यक्रमों, अवसरों पर आमंत्रित किया जाता है. इसलिए, जब वह यहां थे तो वह हमसे मिलने आए.' यह पूछे जाने पर कि क्या वह चाहते हैं कि थरूर केरल की राजनीति में सक्रिय रहें, उन्होंने कहा, 'वह (थरूर) पहले से ही सक्रिय हैं. वह केरल से सांसद हैं. उन्होंने यहां से दो बार जीत हासिल की. वह तिरुवनंतपुरम तक ही सीमित नहीं हैं. वह अच्छे प्रचारक हैं.'
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ऐसा प्रतीत होता है कि थरूर के मालाबार दौरे ने केरल में कांग्रेस के एक महत्वपूर्ण तबके को हिला कर रख दिया है और उनमें से कुछ को उनके इस कदम के पीछे एक 'एजेंडा' होने की आशंका है. कांग्रेस पार्टी में थरूर के विरोधियों को लगता है कि अपने कार्यक्रमों के माध्यम से वह राज्य में सीपीआई (एम) के नेतृत्व वाले एलडीएफ के शासन को समाप्त करने के लिए 2026 के विधानसभा चुनावों के लिए खुद को कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं.
केरल में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद के. मुरलीधरन ने कहा कि यूथ कांग्रेस द्वारा एक कार्यक्रम को रद्द करने के पीछे एक साजिश थी, जिसमें थरूर को भाग लेना था. वहीं, केपीसीसी प्रमुख के. सुधाकरन ने इन खबरों को निराधार बताया कि थरूर को सार्वजनिक कार्यक्रमों में शामिल होने से रोक दिया गया था. उन्होंने कहा, 'थरूर ने भी इसका खंडन किया है.' (इनपुट-भाषा)