ETV Bharat / bharat

राष्ट्र मंच की बैठक में कई दल हुए शामिल, कांग्रेस ने बनाई दूरी - राष्ट्र मंच

एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने दिल्ली में अपने आवास पर राष्ट्र मंच की बैठक की मेजबानी की. जिसमें कई विपक्षी दलों के नेताओं व गैर-राजनीतिक हस्तिओं ने भाग लिया. वहीं, कांग्रेस पार्टी इस बैठक से दूर रही है. निमंत्रण के बावजूद कांग्रेस का कोई नेता बैठक में शामिल नहीं हुआ.

शरद पवार
शरद पवार
author img

By

Published : Jun 22, 2021, 12:08 PM IST

Updated : Jun 22, 2021, 8:25 PM IST

नई दिल्ली : दिल्ली में एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार (Sharad Pawar) के आवास पर विपक्ष को एकजुट करने के लिए राष्ट्र मंच की बैठक हुई. जिसमें राजनीतिक व गैर-राजनीतिक हस्तियों ने भाग लिया.

इस अहम बैठक में टीएमसी नेता यशवंत सिन्हा, गीतकार जावेद अख्तर, राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी) के अध्यक्ष जयंत चौधरी, नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला, पूर्व जेडीयू नेता पवन वर्मा, सीपीआई सांसद बिनॉय विश्वम तथा अन्य नेता शामिल हुए.

बैठक के बाद टीएमसी नेता यशवंत सिन्हा ने कहा कि राष्ट्र मंच की बैठक ढाई घंटे तक चली और कई मुद्दों पर चर्चा हुई. वहीं, आरएलडी अध्यक्ष जयंत चौधरी ने कहा कि बैठक में किसानों के मुद्दे, अर्थव्यवस्था तथा अन्य राष्टव्यापी मुद्दों पर चर्चा हुई. उन्होंने कहा कि किसान राजनीति हमेशा असरदार रही है, देश की राजनीति में जब-जब परिवर्तन आए हैं, उनमें किसानों की अहम भूमिका रही है.

राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक मुद्दों पर हुई चर्चा
मीडिया को संबोधित करते हुए एनसीपी नेता मजीद मेनन ने कहा कि राष्ट्र मंच की यह बैठक भाजपा के खिलाफ एकजुट पार्टियों की बैठक नहीं थी और न ही कांग्रेस को बहिष्कार करने के लिए आयोजित हुई थी. कांग्रेस को भी निमंत्रण दिया गया था. इस बैठक में देश के राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक मुद्दों पर बातचीत हुई.

एनसीपी नेता मजीद मेनन का बयान

उन्होंने कहा कि बैठक में लोगों के सुझाव सुने गए. जावेद अख्तर और न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) एपी शाह ने भी अपने विचार रखे. यह कोई राजनीतिक कार्यक्रम नहीं था.

प्रेस वार्ता में समाजवादी पार्टी के नेता घनश्याम तिवारी ने कहा कि राष्ट्र मंच एक 'मंच' होगा जिसमें देश के विकास और भविष्य के लिए दृष्टि रखने वाला हर कोई शामिल होगा, चाहे वह राजनीतिक दल, सामाजिक संगठन या व्यक्ति हो. राष्ट्र मंच में देश-विदेश के वे लोग भी शामिल होंगे, जो देश के बारे में सोचते हैं.

तिवार ने कहा कि बैठक में हमने यह चर्चा की कि पेट्रोल और डीजल की कीमतें कैसे प्रभावित कर रही हैं, खासकर किसान और मध्यम वर्ग. राष्ट्र मंच एक ऐसी जगह बनाएगा, जहां हर कोई एक साथ आ सकता है और सरकार को आवाज दे सकता है. अगली बैठक में अधिक लोगों को शामिल करने पर ध्यान दिया जाएगा.

कांग्रेस के शामिल नहीं होने पर सफाई

राष्ट्र मंच की बैठक में कांग्रेस के शामिल नहीं होने पर सफाई
मजीद मेमन ने कहा कि यह बैठक कांग्रेस को अलग-थलग करने के लिए नहीं थी, न ही भाजपा के खिलाफ थी. हमने कांग्रेस के पांच सांसदों को बैठक में आमंत्रित किया था, लेकिन वे किसी मजबूरी के कारण बैठक में नहीं आ पाए.

बैठक से पहले सीपीआई सांसद बिनॉय विश्वम ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि देश में नफरत फैलाने वाली सरकार विफल हो गई है. देश को बदलाव की जरूरत है. लोग बदलाव के लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा कि राष्ट्र मंच सभी धर्मनिरपेक्ष व लोकतांत्रिक वाम ताकतों का एक मंच है, जो नफरत की राजनीति के खिलाफ खड़ा हुआ है.

वहीं, राष्ट्र मंच की बैठक में शामिल होने पहुंचे पूर्व जेडीयू नेता पवन वर्मा ने कहा कि बैठक का कोई फिक्स एजेंडा नहीं है. राष्ट्र मंच (Rashtra Manch) विभिन्न मुद्दों पर चर्चा के लिए एक खुला मंच है और इसी कड़ी में यह बैठक आयोजित की जा रही है.

पूर्व जेडीयू नेता पवन वर्मा का बयान

उन्होंने कहा, हम शरद पवार जी के आभारी हैं कि उन्होंने बैठक की मेजबानी के लिए बहुत विनम्रता से सहमति व्यक्त की. बैठक का कोई दूसरा मतलब नहीं निकाला जाना चाहिए. इसके पीछे कोई आम सहमति नहीं है.

इससे पहले शिवसेना सांसद संजय राउत (Sanjay Raut) ने कहा कि शरद पवार एक बड़े नेता हैं और कई लोग राजनीति और आर्थिक सहित विभिन्न मुद्दों पर उनसे सलाह लेते हैं. मैं यह नहीं कहूंगा कि यह सभी विपक्षी दलों की बैठक है.

15 विपक्षी दलों को बुलाया गया
बैठक के लिए 15 विपक्षी दलों को बुलाया गया था. ईटीवी भारत से बात करते हुए, समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता घनश्याम तिवारी ने कहा, इस बैठक का तीसरे मोर्चे से कोई लेना-देना नहीं है. लोगों ने एक ऐसी पार्टी को चुना, जिसने बहुत से वादे किए थे. लेकिन उसके बाद सत्ता में आने पर उन एजेंडे पर काम नहीं किया.

उन्होंने कहा कि हमारे पास इतने अनुभवी नेता हैं, जिन्होंने जनता की भलाई के लिए काम किया और वे अर्थव्यवस्था, रोजगार, किसानों के मुद्दों और संवैधानिक मुद्दों पर बहुत कुछ कर सकते हैं. हमारी आज की बैठक का एजेंडा है कि हम अपने देश की स्थिति को सुधारने के लिए इसपर कैसे काम कर सकते हैं क्योंकि सरकार कुछ नहीं कर रही है.

बता दें कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के अध्यक्ष शरद पवार और चुनावी रणनीतिकार (election strategist) प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) के बीच सोमवार को दिल्ली में मुलाकात हुई थी. बंद कमरे में हुई यह बैठक दो घंटे से अधिक समय तक चली. माना जा रहा है कि दोनों के बीच 2022 में होने वाले यूपी विधानसभा चुनाव और 2024 के आम चुनावों से पहले सत्तारूढ़ भाजपा के खिलाफ एक राष्ट्रीय गठबंधन पर चर्चा हुई.

पवार कर रहे विपक्ष को एकजुट
शरद पवार और प्रशांत किशोर की मुलाकात पर एनसीपी प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा कि पवार सभी विपक्षी नेताओं को एकजुट करने का काम कर रहे हैं. मलिक ने कहा, पवार सभी विपक्षी नेताओं को एकजुट करने के लिए काम कर रहे हैं. हो सकता है कि बैठक इसी मुद्दे पर हुई हो.

इससे पहले, पवार और किशोर के बीच 11 जून को एनसीपी प्रमुख के मुंबई स्थित आवास पर लगभग तीन घंटे तक बैठक हुई थी.

पढ़ें- राष्ट्रपति चुनाव में क्या विपक्षी उम्मीदवार हाेंगे शरद पवार?

किशोर ने पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु में विधानसभा चुनाव में क्रमश: तृणमूल कांग्रेस और द्रमुक के लिए चुनावी रणनीति बनाने में मदद की थी. पिछले महीने आए चुनाव परिणाम में इन दोनों दलों को अपने-अपने राज्य में जीत मिली थी. इसके बाद, किशोर ने कहा था कि वह अब आगे से किसी दल के लिए चुनावी रणनीति बनाने का काम नहीं करेंगे.

राष्ट्र मंच क्या है?
पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने 2018 में राष्ट्र मंच की स्थापना की थी. वर्तमान में वह टीएमसी के उपाध्यक्ष हैं. इस में विपक्षी नेताओं के अलावा गैर राजनीतिक लोग भी हिस्सा ले रहे हैं. राष्ट्र मंच का उद्देश्य केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ आवाज उठाना है.

नई दिल्ली : दिल्ली में एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार (Sharad Pawar) के आवास पर विपक्ष को एकजुट करने के लिए राष्ट्र मंच की बैठक हुई. जिसमें राजनीतिक व गैर-राजनीतिक हस्तियों ने भाग लिया.

इस अहम बैठक में टीएमसी नेता यशवंत सिन्हा, गीतकार जावेद अख्तर, राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी) के अध्यक्ष जयंत चौधरी, नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला, पूर्व जेडीयू नेता पवन वर्मा, सीपीआई सांसद बिनॉय विश्वम तथा अन्य नेता शामिल हुए.

बैठक के बाद टीएमसी नेता यशवंत सिन्हा ने कहा कि राष्ट्र मंच की बैठक ढाई घंटे तक चली और कई मुद्दों पर चर्चा हुई. वहीं, आरएलडी अध्यक्ष जयंत चौधरी ने कहा कि बैठक में किसानों के मुद्दे, अर्थव्यवस्था तथा अन्य राष्टव्यापी मुद्दों पर चर्चा हुई. उन्होंने कहा कि किसान राजनीति हमेशा असरदार रही है, देश की राजनीति में जब-जब परिवर्तन आए हैं, उनमें किसानों की अहम भूमिका रही है.

राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक मुद्दों पर हुई चर्चा
मीडिया को संबोधित करते हुए एनसीपी नेता मजीद मेनन ने कहा कि राष्ट्र मंच की यह बैठक भाजपा के खिलाफ एकजुट पार्टियों की बैठक नहीं थी और न ही कांग्रेस को बहिष्कार करने के लिए आयोजित हुई थी. कांग्रेस को भी निमंत्रण दिया गया था. इस बैठक में देश के राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक मुद्दों पर बातचीत हुई.

एनसीपी नेता मजीद मेनन का बयान

उन्होंने कहा कि बैठक में लोगों के सुझाव सुने गए. जावेद अख्तर और न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) एपी शाह ने भी अपने विचार रखे. यह कोई राजनीतिक कार्यक्रम नहीं था.

प्रेस वार्ता में समाजवादी पार्टी के नेता घनश्याम तिवारी ने कहा कि राष्ट्र मंच एक 'मंच' होगा जिसमें देश के विकास और भविष्य के लिए दृष्टि रखने वाला हर कोई शामिल होगा, चाहे वह राजनीतिक दल, सामाजिक संगठन या व्यक्ति हो. राष्ट्र मंच में देश-विदेश के वे लोग भी शामिल होंगे, जो देश के बारे में सोचते हैं.

तिवार ने कहा कि बैठक में हमने यह चर्चा की कि पेट्रोल और डीजल की कीमतें कैसे प्रभावित कर रही हैं, खासकर किसान और मध्यम वर्ग. राष्ट्र मंच एक ऐसी जगह बनाएगा, जहां हर कोई एक साथ आ सकता है और सरकार को आवाज दे सकता है. अगली बैठक में अधिक लोगों को शामिल करने पर ध्यान दिया जाएगा.

कांग्रेस के शामिल नहीं होने पर सफाई

राष्ट्र मंच की बैठक में कांग्रेस के शामिल नहीं होने पर सफाई
मजीद मेमन ने कहा कि यह बैठक कांग्रेस को अलग-थलग करने के लिए नहीं थी, न ही भाजपा के खिलाफ थी. हमने कांग्रेस के पांच सांसदों को बैठक में आमंत्रित किया था, लेकिन वे किसी मजबूरी के कारण बैठक में नहीं आ पाए.

बैठक से पहले सीपीआई सांसद बिनॉय विश्वम ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि देश में नफरत फैलाने वाली सरकार विफल हो गई है. देश को बदलाव की जरूरत है. लोग बदलाव के लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा कि राष्ट्र मंच सभी धर्मनिरपेक्ष व लोकतांत्रिक वाम ताकतों का एक मंच है, जो नफरत की राजनीति के खिलाफ खड़ा हुआ है.

वहीं, राष्ट्र मंच की बैठक में शामिल होने पहुंचे पूर्व जेडीयू नेता पवन वर्मा ने कहा कि बैठक का कोई फिक्स एजेंडा नहीं है. राष्ट्र मंच (Rashtra Manch) विभिन्न मुद्दों पर चर्चा के लिए एक खुला मंच है और इसी कड़ी में यह बैठक आयोजित की जा रही है.

पूर्व जेडीयू नेता पवन वर्मा का बयान

उन्होंने कहा, हम शरद पवार जी के आभारी हैं कि उन्होंने बैठक की मेजबानी के लिए बहुत विनम्रता से सहमति व्यक्त की. बैठक का कोई दूसरा मतलब नहीं निकाला जाना चाहिए. इसके पीछे कोई आम सहमति नहीं है.

इससे पहले शिवसेना सांसद संजय राउत (Sanjay Raut) ने कहा कि शरद पवार एक बड़े नेता हैं और कई लोग राजनीति और आर्थिक सहित विभिन्न मुद्दों पर उनसे सलाह लेते हैं. मैं यह नहीं कहूंगा कि यह सभी विपक्षी दलों की बैठक है.

15 विपक्षी दलों को बुलाया गया
बैठक के लिए 15 विपक्षी दलों को बुलाया गया था. ईटीवी भारत से बात करते हुए, समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता घनश्याम तिवारी ने कहा, इस बैठक का तीसरे मोर्चे से कोई लेना-देना नहीं है. लोगों ने एक ऐसी पार्टी को चुना, जिसने बहुत से वादे किए थे. लेकिन उसके बाद सत्ता में आने पर उन एजेंडे पर काम नहीं किया.

उन्होंने कहा कि हमारे पास इतने अनुभवी नेता हैं, जिन्होंने जनता की भलाई के लिए काम किया और वे अर्थव्यवस्था, रोजगार, किसानों के मुद्दों और संवैधानिक मुद्दों पर बहुत कुछ कर सकते हैं. हमारी आज की बैठक का एजेंडा है कि हम अपने देश की स्थिति को सुधारने के लिए इसपर कैसे काम कर सकते हैं क्योंकि सरकार कुछ नहीं कर रही है.

बता दें कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के अध्यक्ष शरद पवार और चुनावी रणनीतिकार (election strategist) प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) के बीच सोमवार को दिल्ली में मुलाकात हुई थी. बंद कमरे में हुई यह बैठक दो घंटे से अधिक समय तक चली. माना जा रहा है कि दोनों के बीच 2022 में होने वाले यूपी विधानसभा चुनाव और 2024 के आम चुनावों से पहले सत्तारूढ़ भाजपा के खिलाफ एक राष्ट्रीय गठबंधन पर चर्चा हुई.

पवार कर रहे विपक्ष को एकजुट
शरद पवार और प्रशांत किशोर की मुलाकात पर एनसीपी प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा कि पवार सभी विपक्षी नेताओं को एकजुट करने का काम कर रहे हैं. मलिक ने कहा, पवार सभी विपक्षी नेताओं को एकजुट करने के लिए काम कर रहे हैं. हो सकता है कि बैठक इसी मुद्दे पर हुई हो.

इससे पहले, पवार और किशोर के बीच 11 जून को एनसीपी प्रमुख के मुंबई स्थित आवास पर लगभग तीन घंटे तक बैठक हुई थी.

पढ़ें- राष्ट्रपति चुनाव में क्या विपक्षी उम्मीदवार हाेंगे शरद पवार?

किशोर ने पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु में विधानसभा चुनाव में क्रमश: तृणमूल कांग्रेस और द्रमुक के लिए चुनावी रणनीति बनाने में मदद की थी. पिछले महीने आए चुनाव परिणाम में इन दोनों दलों को अपने-अपने राज्य में जीत मिली थी. इसके बाद, किशोर ने कहा था कि वह अब आगे से किसी दल के लिए चुनावी रणनीति बनाने का काम नहीं करेंगे.

राष्ट्र मंच क्या है?
पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने 2018 में राष्ट्र मंच की स्थापना की थी. वर्तमान में वह टीएमसी के उपाध्यक्ष हैं. इस में विपक्षी नेताओं के अलावा गैर राजनीतिक लोग भी हिस्सा ले रहे हैं. राष्ट्र मंच का उद्देश्य केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ आवाज उठाना है.

Last Updated : Jun 22, 2021, 8:25 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.