मुंबई: एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार (Sharad Pawar) ने महिला आरक्षण को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला है. शरद पवार मंगलवार को मुंबई के यशवंतराव चव्हाण सेंटर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे.पवार ने कहा कि महिला आरक्षण के बारे में मोदी जो कह रहे हैं वह गलत है. पवार ने कहा कि महिला आरक्षण को लेकर पहले भी कई फैसले लिए गए हैं.
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Maharashtra was the first state to make policies for women. When I was Defence minister, we made 11% reservation for women in defence forces. Such decisions were taken during the Congress government. It’s unfortunate that the PM was not briefed properly in this regard and that is… pic.twitter.com/dCYInnpCxy
— ANI (@ANI) September 26, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— ANI (@ANI) September 26, 2023Maharashtra was the first state to make policies for women. When I was Defence minister, we made 11% reservation for women in defence forces. Such decisions were taken during the Congress government. It’s unfortunate that the PM was not briefed properly in this regard and that is… pic.twitter.com/dCYInnpCxy
— ANI (@ANI) September 26, 2023
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष की आलोचना करते हुए कहा था कि विपक्ष ने न चाहते हुए भी महिला आरक्षण का समर्थन किया. इस पर बोलते हुए शरद पवार ने कहा कि महिला आरक्षण का फैसला संसद में सर्वसम्मति से लिया गया.
दो सदस्यों को छोड़कर किसी ने आपत्ति नहीं जताई. सुझाव दिया गया कि संविधान में संशोधन करते समय ओबीसी को भी मौका दिया जाना चाहिए. इस पृष्ठभूमि में प्रधानमंत्री मोदी का यह कहना ग़लत है कि कांग्रेस और कुछ लोग महिला आरक्षण का समर्थन करते थे.
पवार ने कहा कि ये बयान दर्दनाक है. शरद पवार ने कहा कि 'मेरे पास 1993 में महाराष्ट्र का फॉर्मूला था. उस समय हमने राज्य में पहला महिला आयोग स्थापित किया था. इसके अलावा अलग से महिला बाल कल्याण विभाग शुरू कर महिला आरक्षण का फैसला लिया गया.'
महिला आरक्षण पर पहले भी चर्चा हो चुकी है. महाराष्ट्र ने देश में पहली महिला नीति की घोषणा की थी. महिलाओं को आरक्षण देने वाला महाराष्ट्र पहला राज्य है. सरकारी एवं अर्धसरकारी स्थानीय निकायों में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण दिया गया.
उन्होंने कहा कि 'जब मैं मुख्यमंत्री था तब मैंने ये निर्णय लिए. फिर भी प्रधानमंत्री कहते हैं, इस देश में महिला आरक्षण पर विचार ही नहीं किया गया. जब मैं रक्षा मंत्री था तो हमें वायुसेना में भी तीनों सेनाओं में महिलाएं मिलीं. जब मैंने महिलाओं को रक्षा मंत्री नियुक्त करने का मुद्दा उठाया, तो कोई भी इसके लिए तैयार नहीं था.
उन्होंने कहा कि 'हर रोज सुबह 9 बजे रक्षा मंत्री की बैठक होती है. उस समय मैंने तीनों सेनाओं में महिलाओं को लेने का विचार रखा. उस वक्त सभी ने कहा नहीं. उस वक्त 3 बैठकें हुईं, लेकिन ना कहा गया. लेकिन मैंने महिलाओं को रक्षा मंत्री के रूप में नियुक्त करने के निर्णय की घोषणा की. सभी को इसे स्वीकार करना पड़ा. ये सब चीजें तब हुईं जब कांग्रेस सत्ता में थी. दुर्भाग्य से किसी ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस बारे में नहीं बताया.'